Last Updated:June 05, 2025, 13:09 IST
Chirag Paswan Nitish Kumar News : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए और महागठबंधन में सियासी माहौल गरमाया हुआ है. चिराग पासवान अप्रत्यक्ष तौर से नीतीश कुमार पर हमले कर रहे हैं. क्या इससे एनडीए में सीट बंटव...और पढ़ें

चिराग पासवान किस रणनीति के तहत नीतीश पर बोल रहे हैं 'हमला'?
हाइलाइट्स
चिराग पासवान ने क्या नीतीश कुमार पर हमले तेज किए?एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर नई चुनौतियां.चिराग की रणनीति से बिहार की राजनीति में हलचल.पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी माहौल गरमाया हुआ है. एनडीए और महागठबंधन दोनों एक-दूसरे पर जोरदार हमले कर रहे हैं. लेकिन एनडीए के भीतर भी एक तरह का अप्रत्यक्ष संग्राम छिड़ा हुआ है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एक खास रणनीति के तहत सीएम नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं. इस महीने उनकी नीतीश कुमार से सीएम आवास में मुलाकात और उसके बाद उनका बयान बता रहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर नई चुनौतियां खड़ी होने वाली हैं. चिराग पासवान, जो कभी नीतीश कुमार के खिलाफ खुलकर बगावत कर चुके हैं, अब एनडीए के सहयोगी के रूप में नीतीश के नेतृत्व का समर्थन करते दिखते हैं. फिर भी, उनके बयानों और समर्थकों की गतिविधियों में छिपी महत्वाकांक्षा और रणनीति बिहार की राजनीति में हलचल मचा रही है.
चिराग के बयान और उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा एनडीए के लिए कई चुनौतियां खड़ी कर रही है. पहली, यह जेडीयू में बेचैनी पैदा कर रहा है, क्योंकि नीतीश के नेतृत्व को चुनौती मिल रही है. दूसरी, चिराग की महत्वाकांक्षा बीजेपी को असमंजस में डाल सकती है, क्योंकि वह नीतीश को प्राथमिकता दे रही है. लेकिन चिराग जैसे युवा चेहरे को नजरअंदाज करना भी मुश्किल है. तीसरी, अगर चिराग की रणनीति विपक्षी महागठबंधन को मजबूत करती है तो एनडीए को सीटों का नुकसान हो सकता है.
‘बिहार मुझे बुला रहा है’
चिराग का यह बयान उनकी बिहार-केंद्रित राजनीतिक महत्वाकांक्षा को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में रहकर “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” के अपने विजन को लागू नहीं कर सकते. यह बयान संकेत देता है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका, शायद मुख्यमंत्री पद की दावेदारी, के लिए तैयार हैं.
‘मैं अपनी पार्टी की इच्छा का पालन करूंगा’
चिराग ने अपनी पार्टी के प्रस्ताव का सम्मान करने की बात कही, जिसमें उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने का आग्रह किया गया है. यह बयान उनकी रणनीति को लचीला रखने का संकेत है, जो एनडीए के भीतर उनकी स्थिति को मजबूत करने और भविष्य में बड़ा दांव खेलने की तैयारी को दर्शाता है.
‘एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा, लेकिन…’
चिराग ने सार्वजनिक रूप से नीतीश के नेतृत्व का समर्थन किया, लेकिन उनके समर्थकों द्वारा पटना में लगाए गए पोस्टर, जिनमें “चिराग के स्वागत को तैयार है बिहार” लिखा था, उनकी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा को उजागर करते हैं. यह दोहरा रुख एनडीए के भीतर असहजता पैदा कर रहा है.
‘2020 में जेडीयू को तीसरे नंबर की पार्टी बनाया’
चिराग ने 2020 के चुनाव में नीतीश की जनता दल (यूनाइटेड) को कमजोर करने की अपनी भूमिका को बार-बार उजागर किया. यह बयान नीतीश के नेतृत्व पर सवाल उठाने और अपनी सियासी ताकत दिखाने की रणनीति का हिस्सा है.
‘बिहारी युवाओं को बाहर न जाना पड़े’
चिराग का यह बयान प्रशांत किशोर की “जन सुराज” पार्टी की थीम से मेल खाता है, जिससे उनके संभावित गठजोड़ की अटकलें तेज हो गई हैं. यह बयान युवा मतदाताओं को लुभाने और नीतीश के विकास मॉडल पर सवाल उठाने की रणनीति को दर्शाता है. चिराग पासवान की रणनीति बहुआयामी है. पहला, वह एनडीए के भीतर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. दूसरा, चिराग नीतीश के घटते जनाधार और उम्र को देखते हुए भविष्य में एनडीए का चेहरा बनने की तैयारी कर रहे हैं. तीसरा, चिराग की ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की रणनीति युवा और अति पिछड़ा वर्ग (36.01% आबादी) को लक्षित करती है. यह नीतीश के विकास मॉडल और तेजस्वी यादव की युवा अपील के जवाब में एक वैकल्पिक नेतृत्व पेश करने की कोशिश है.
Location :
Patna,Patna,Bihar