Last Updated:October 19, 2025, 12:00 IST
चित्तपुर में रूट मार्च शांति और कानून व्यवस्था भंग होने की संभावना का हवाला देते हुए रोक दिया गया है. साथ ही RSS के जरिए लगाए गए कट-आउट और बैनर हटा दिए.
RSS के कार्यक्रम को नहीं मिली अनुमतिमंत्री प्रियांक खड़गे के गृह निर्वाचन क्षेत्र चित्तपुर में अधिकारियों ने ने शांति और कानून व्यवस्था भंग होने की संभावना का हवाला देते हुए रविवार को RSS के मार्च की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. चित्तपुर नगर पालिका परिषद ने शनिवार को पुलिस की मौजूदगी में मुख्य सड़क पर RSS के जरिए लगाए गए कट-आउट और बैनर हटा दिए थे.
उन्होंने कहा था कि ये कट-आउट और बैनर पदयात्रा की अनुमति देने से पहले लगाए गए थे. चित्तपुर तहसीलदार ने 18 अक्टूबर को अपने आदेश में कहा कि चित्तपुर में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी असामान्य घटना को रोकने के लिए, 19 अक्टूबर 2025 को होने वाले RSS के मार्च की अनुमति नहीं दी जाती और अनुरोध को अस्वीकार किया जाता है.
परिसर का उपयोग करने के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य
राज्य सरकार ने भी शनिवार को एक आदेश जारी किया, जिसमें किसी भी निजी संगठन, समूह या व्यक्तियों को सरकारी संपत्ति या परिसर का उपयोग करने के लिए “पूर्व अनुमति” लेना अनिवार्य कर दिया गया. यह आदेश गुरुवार (16 अक्टूबर) को कैबिनेट के उस फैसले पर आधारित है, जो पंचायत राज और आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे गए पत्र के बाद लिया गया था, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर RSS की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी.
RSS ने अपनी शताब्दी और विजयादशमी उत्सव के अवसर पर 19 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे कलबुर्गी जिले के चित्तपुर शहर में रूट मार्च और विजयादशमी कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया था. तहसीलदार ने बताया कि उन्होंने चित्तपुर पुलिस स्टेशन के उपनिरीक्षक को इस बारे में रिपोर्ट देने के लिए पत्र लिखा था.
रूट मार्च पर भीम आर्मी और दलित पैंथर्स का टकराव
तहसीलदार ने आगे कहा कि इसके साथ ही, भीम आर्मी ने भी एक पत्र के माध्यम से सूचित किया कि वे भी 19 अक्टूबर को उसी मार्ग पर एक रूट मार्च निकालेंगे. उन्होंने आगे कहा कि भीम आर्मी की कलबुर्गी राज्य युवा शाखा ने एक पत्र में बताया कि क्योंकि RSS जानबूझकर 19 अक्टूबर को मंत्री के बयान के खिलाफ चित्तपुर में एक रूट मार्च निकाल रहा है, इसलिए वे, भारतीय दलित पैंथर्स संगठन के सदस्यों के साथ, उसी मार्ग पर मार्च निकालने की अनुमति मांगी है.
भीम आर्मी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने जुलूस की घोषणा कर दी है, और भारतीय दलित पैंथर्स (पंजीकृत) ने भी इसके लिए लिखित अनुरोध किया है. अगर RSS, भीम आर्मी और भारतीय दलित पैंथर्स चित्तपुर शहर में एक ही रूट पर जुलूस निकालते हैं, तो दोनों समूहों के बीच झड़प की संभावना है, जिससे सार्वजनिक शांति और कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है.उन्होंने कहा कि जनता और पुलिस मुखबिरों से मिली जानकारी के आधार पर इस आकलन की पुष्टि हुई है.
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मार्च पर रोक
तहसीलदार ने अपने आदेश में कहा कि 19 अक्टूबर को चित्तपुर में आरएसएस, भीम आर्मी और भारतीय दलित पैंथर्स के एक साथ जुलूस निकालने से अशांति फैल सकती है और कानून-व्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है, इसलिए पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर इसकी अनुमति देना उचित नहीं है.
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First Published :
October 19, 2025, 12:00 IST

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