Last Updated:November 21, 2025, 16:27 IST
SIR BLO Work Load Pressure Mathematics: हाल ही में चुनाव आयोग से जुड़े कुछ BLO के अपनी जान देने के बाद उनके वर्कलोड का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है. हालांकि गणित कहता है कि एक बूथ में 800–1200 वोटर यानी करीब 300 घर ही हैं. इन्हें 30 दिन में सिर्फ दो बार एक घर को कवर करना है. यानी रोजाना औसतन 20 घर ही पड़ते हैं. जबकि ई-कॉमर्स डिलीवरी ब्वॉय 30–60 घर रोज कवर करता है.
बीएलओ बूथ स्तर पर चुनावी प्रक्रिया की जिम्मेदारी संभालते हैं. नई दिल्ली. हाल के दिनों में कुछ राज्यों में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) के सुसाइड मामलों ने चुनावी व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. आरोप लगाया जा रहा है कि बीएलओ पर इतना काम थोप दिया जाता है कि मानसिक दबाव बढ़ जाता है. लेकिन जब इस काम का वास्तविक गणित समझते हैं, तो तस्वीर कुछ और ही दिखती है. एक बूथ में औसतन 800 से 1200 वोटर होते हैं, यानी लगभग 300 घर. इन घरों में बीएलओ को सिर्फ दो बार जाना होता है—एक बार फॉर्म देने और दूसरी बार फॉर्म लेने. पूरा काम चुनाव आयोग ने 30 दिनों की अवधि में बांटा है. यानी रोज़ाना 20 घरों तक जाना ही काफी है. इतना वर्कलोड तो एक ई-कॉमर्स डिलीवरी ब्वॉय रोज़ 30–60 घर कवर करके आराम से कर लेता है. फिर सवाल उठता है—क्या वाकई BLO पर दबाव उतना है, जितना बताया जा रहा है, या सच्चाई उससे अलग है?
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 21, 2025, 16:24 IST

1 hour ago
