आपकी जमीन से निकल आए खजाना तो किसका होगा, कहीं सरकार तो जब्‍त न कर लेगी

1 hour ago

Last Updated:November 21, 2025, 16:15 IST

What is Indian Treasure Act : क्‍या आपको पता है कि अगर आपकी निजी जमीन या खेत से कोई खजाना निकल आए तो उस पर मालिकाना हक किसका होगा. क्‍या इस खजाने को सरकार जब्‍त कर लेगी या फिर जिसकी जमीन से निकला है, उसे ही मिल जाएगा.

आपकी जमीन से निकल आए खजाना तो किसका होगा, कहीं सरकार तो जब्‍त न कर लेगीदेश में खजाने को लेकर कानून साल 1878 से ही लागू है.

Indian Treasure Act : एक ख्‍वाहिश तो आपके मन में भी कभी न कभी आई होगी. कितना अच्‍छा हो अगर मुझे जमीन में गड़ा कोई खजाना मिल जाए. कई बार सुना भी होगा कि फलाने के खेत में गड़ा हुआ खजाना मिला और वह रातोंरात अमीर हो गया. अब सवाल यह है कि अगर किसी के खेत या जमीन से कोई गड़ा हुआ खजाना मिल जाए तो उसका मालिक कौन होगा. कहीं ऐसा तो नहीं कि आपकी जमीन से खजाना निकला और सरकार उसे जब्‍त कर ले. क्‍या इस बारे में कोई कानून है या फिर सिर्फ सरकार की मनमर्जी ही काम करती है.

सबसे पहले तो आपको यह बताना जरूरी है कि देश में खजाने को लेकर बाकायदा कानून बना हुआ है. इसे भारतीय खजाना अधिनियम, 1878 (Indian Treasure Trove Act, 1878) के तहत परिभाषित भी किया जाता है. यही कानून तय करता है कि अगर देश में किसी की निजी प्रॉपर्टी या जमीन से कोई खजाना निकल आए तो उसका मालिकाना हक किसका होता है. यह कानून भले ही अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया था, लेकिन आज भी इसे बखूबी लागू किया जाता है और इसी के प्रावधानों के तहत खजाने का मालिकाना हक तय होता है.

खजाना होता क्‍या है
खजाने को लेकर कानूनी दांवपेच की जानकारी देने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर खजाना कहते किसे हैं. भारतीय खजाना एक्‍ट के अनुसार, कोई भी सोना-चांदी, सिक्‍के, गहने, कीमती पत्‍थर या अन्‍य मूल्‍यवान वस्‍तु जो कम से कम 100 साल पुरानी हो और जमीन में दबी हुई मिली हो तो उसे ‘खजाना’ कहा जाता है. जाहिर है कि ऐसी कोई भी चीज जो इस दायरे में आती है, उसे खजाना माना जाएगा और उस पर ट्रेजर एक्‍ट के सभी प्रावधान लागू होंगे.

क्‍या आपको खजाना मिले तो क्‍या करें
खजाना अधिनियम, 1878 में साफ कहा गया है कि अगर किसी व्‍यक्ति को खजाना मिलता है तो उसे चुपचाप अपने पास रखने के बजाय तत्‍काल अपने जिले के कलक्‍टर अथवा पुलिस को सूचित करना होगा. अगर इसे छुपाया गया अथवा बेचा गया तो यह गैरकानूनी होगा और प्रावधान के तहत सजा भी हो सकती है. इसका मतलब है कि भले ही खजाना आपको अपनी जमीन या खेत पर मिलता है, लेकिन इसकी जानकारी तत्‍काल जिला कलक्‍टर या फिर स्‍थानीय पुलिस को देना जरूरी होता है. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि कलक्‍टर या पुलिस उस खजाने को आकर जब्‍त कर लेगी. बस उन्‍हें जानकारी देना जरूरी होता है.

कौन होगा खजाने का मालिक
जमीन से निकले खजाने के मालिकाना हक को लेकर कई प्रावधान हैं, जो अलग-अलग स्थितियों के हिसाब से लागू होते हैं. अगर खजाना आपकी निजी जमीन से निकला है तो उसे जब्‍त करने का अधिकार सरकार के पास नहीं होता. जिस व्‍यक्ति की जमीन होती है, अगर उसी को खजाना भी मिला है तो कानून के तहत इस पर उसी व्‍यक्ति का अधिकार माना जाएगा. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने भी इस बारे में कई फैसले दिए हैं. कोर्ट के अनुसार भी अगर किसी की निजी जमीन या खेत से खजाना निकलता है और उस खजाने का कोई कानूनी वारिस सामने नहीं आता है तो इस पर उसी व्‍यक्ति का अधिकार होगा, जिसके खेत या जमीन से खजाना निकला है. इस खजाने को सरकार हाथ भी नहीं लगा सकती है.

दूसरे की जमीन से निकला तो…
खजाना अधिनियम में इसे लेकर भी स्‍पष्‍ट कानून बनाया गया है. मान लीजिए कि जमीन किसी और व्‍यक्ति की है और उस पर खजाना किसी और व्‍यक्ति ने खोजा है तो ऐसे में जमीन के मालिक और खजाना खोजने वाले, दोनों का आधा अधिकार होगा. ऐसे माले में 50 फीसदी खजाना जमीन के मालिक को मिलेगा और 50 फीसदी खजाना उसे खोजने वाले को दिया जाएगा.

सरकारी जमीन पर निकला खजाना तो क्‍या होगा
खजाना अधिनियम, 1878 के तहत अगर किसी सरकारी जमीन, जंगल, रेलवे या फिर अन्‍य जगह से खजाना निकलता है तो इस पर पूरी तरह सरकार का ही हक होगा. भले ही सरकारी जमीन पर खजाना किसी अन्‍य व्‍यक्ति ने खोजा हो, उसे कोई हिस्‍सा नहीं मिलेगा. यह पूरा खजाना सरकार के पास जाएगा. हां, अगर सरकार चाहे तो इनाम के तौर पर खोजने वाले व्‍यक्ति को कुछ हिस्‍सा दे सकती है. इस तरह, खजाने को लेकर तीन स्थितियां बनती हैं और तीनों में कानून ने स्‍पष्‍ट प्रावधान बना रखे हैं.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 21, 2025, 16:15 IST

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