Last Updated:July 05, 2025, 08:24 IST
Bihar Crime News: बिहार की राजधानी पटना में मशहूर उद्योगपति गोपाल खेमका की सिर में गोली मारकर हत्या ने एक बार फिर राज्य में 'जंगलराज' के दौर की भयावह तस्वीर उकेर दी है. शुक्रवार देर रात हुई इस सनसनीखेज वारदात न...और पढ़ें

बिहार के बड़े बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हत्या से पटना के व्यवसायियों में दहशत.
हाइलाइट्स
पटना में बड़े कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या, अपराधियों ने घात लगाकर किया हमला. 2018 में बेटे गुंजन की हत्या के बाद अब पिता को बनाया निशाना, पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल. बिहार में जंगलराज की वापसी? गोपाल खेमका की हत्या ने उड़ाई बिहार में सुशासन के दावों की धज्जियां.बिहार के बड़े बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हत्या से पटना के व्यवसायियों में दहशत.
पटना. बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार की देर रात करीब 11 बजे एक सनसनीखेज घटना ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया. मगध अस्पताल के मालिक और बड़े उद्योगपति गोपाल खेमका की पनाश होटल के पास उनके अपार्टमेंट के बाहर अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. यह घटना गांधी नगर थाना क्षेत्र में हुई जहां खेमका अपनी गाड़ी से उतरते ही घात लगाए हमलावरों का शिकार बन गए. गोली उनके सिर में मारी गई जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. हत्या की इस बड़ी घटना को पटना के गांधी मैदान थाना से महज 500 मीटर दूरी पर अंजाम दिया गया फिर भी पुलिस वारदात के डेढ़ घंटे बाद घटना स्थल पर पहुंची. इस हत्याकांड ने बिहार में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं खासकर तब जब हाल के महीनों में कई बड़े व्यापारियों को निशाना बनाया गया है.इसके साथ ही पुलिस का लापरवाह कार्यशैली को लेकर भी कई सवाल हैं.
दरअसल, गोपाल खेमका की हत्या कोई पहली घटना नहीं है. वर्ष 2025 में बिहार में बड़े व्यापारियों और व्यवसायियों को टारगेट मर्डर की संख्या में वृद्धि हुई है. हालांकि पूरे आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि पुलिस और सरकारी एजेंसियां अक्सर ऐसी घटनाओं को अलग-अलग कैटेगरी में दर्ज करती हैं. लेकिन, जो स्पष्ट मामले सामने आए हैं जाहिर तौर पर यह बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर एक गंभीर मुद्दा बन चुका है. बता दें कि बिहार में रंगदारी एक बड़ा मुद्दा रहा है जहां अपराधी बड़े व्यवसायियों से मोटी रकम की उगाही करते हैं. जो कारोबारी इसका विरोध करते हैं उन्हें अक्सर निशाना बनाया जाता है. इसके अलावा कुछ मामलों में व्यक्तिगत रंजिश और संपत्ति विवाद भी हत्याओं का कारण बन रहे हैं.
2025 में बड़े कारोबारियों की हत्याओं की लिस्ट
गोपाल खेमका हत्याकांड: पटना के मगध अस्पताल के मालिक और प्रमुख व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या गांधी मैदान थाना क्षेत्र में पनाश होटल के पास हुई. यह घटना 4 जुलाई की देर रात 11 बजे की है और पुलिस एक घंटे बाद भी घटनास्थल पर नहीं पहुंची.
अंजनी सिंह मर्डर केस: पटना के जमीन कारोबारी अंजनी सिंह की पुनपुन के सोहगी-कंडाप पथ पर कंडाप पैक्स गोदाम के पास 22 जून 2025 की रात गोली मारकर हत्या की गई. वह ब्रह्मभोज से लौट रहे थे जब बाइक सवार बदमाशों ने उनकी गर्दन के नीचे गोली मारी.
रजी अहमद उर्फ नन्हू मियां की हत्या: जमीन कारोबारी रजी अहमद की 19 जून 2025 की शाम नालंदा के पनहेस्सा गांव में गोली मारकर हत्या की गई.हालांकि, पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और इस्तेमाल हथियार भी बरामद किए गए.
विनय गुप्ता मर्डर केस: भागलपुर के किराना व्यवसायी विनय गुप्ता की मई 2025 में नवगछिया बाजार, हडिया पट्टी में नकाबपोश अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.मामले की पुलिस जांच कर रही है, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.
रमेश चंद्रा हत्याकांड: मुजफ्फरपुर में मार्च 2025 में एक बड़े रियल एस्टेट कारोबारी रमेश चंद्रा की उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या की गई. इस मामले में पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया, लेकिन मास्टरमाइंड अभी तक फरार है.
संजय अग्रवाल हत्याकांड: अप्रैल 2025 को गया में एक नामी ज्वेलर संजय अग्रवाल की दुकान लूटने के बाद हत्या कर दी गई. इस घटना को रंगदारी से जोड़ा गया.
विनोद मेहता मर्डर केस: जनवरी 2025 में भागलपुर के कपड़ा व्यवसायी विनोद मेहता की उनके घर के पास चाकू मारकर हत्या की गई. इस मामले में रंगदारी और व्यक्तिगत रंजिश की आशंका जताई गई.
बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल
इसके अतिरिक्त कुछ अन्य छोटे-मोटे व्यवसायियों की हत्याएं भी दर्ज की गई हैं. साफ है कि गोपाल खेमका की हत्या ने एक बार फिर बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं.विपक्ष के राजनीतिक दलों से लेकर आम लोग भी अब सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं और ‘जंगलराज’ की वापसी करार दे रहे हैं. सोशल मीडिया में एक यूजर ने लिखा, बिहार में सुशासन का अंत हो चुका है. अब कुछ भी सुरक्षित नहीं. पटना जैसे शहर में जहां पुलिस मुख्यालय और प्रशासनिक केंद्र मौजूद हैं, पटना डीएम का आवास और थाना की दूरी घटना स्थल से महज 500 मीटर दूरी पर है, वहां ऐसी घटनाएं होना गंभीर चिंता का विषय है.
आम लोगों और व्यापारियों में दहशत
गोपाल खेमका की हत्या और 2025 में अन्य व्यवसायियों पर हमले बिहार में बढ़ते अपराध का एक खतरनाक संकेत हैं. यह न केवल कानून व्यवस्था की विफलता को बता रहा है, बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति पर भी असर डाल सकता है. इन लगातार हत्याओं ने बिहार के व्यापारी समुदाय में डर का माहौल पैदा कर दिया है. कई व्यवसायी अब खुले तौर पर अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. पटना के एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हम दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन अब अपनी जान का डर सताने लगा है. सरकार को कुछ करना चाहिए.
क्या बिहार फिर गुंडाराज की चपेट में है?
हालांकि, पटना पुलिस ने गोपाल खेमका की हत्या के बाद जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. कुछ लोगों ने पुलिस की सुस्ती पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि घटना के एक घंटे बाद भी पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची थी. बिहार पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि वे सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों की जांच कर रहे हैं. जाहिर है अगर व्यापारी सुरक्षित नहीं होंगे तो निवेश और कारोबार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना तय है. ऐसे में सरकार और पुलिस को इस दिशा में तत्काल और ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि अपराधियों में डर पैदा हो और व्यापारी समुदाय में विश्वास बहाल हो.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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