Last Updated:September 10, 2025, 18:20 IST
भारत में डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद शरीर को फिर से फंक्शनल करने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की जरूरत पड़ती है, लेकिन क्या ये अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा सकते हैं? और क्या ये प्राइमरी केयर प्रेक्टिस कर स...और पढ़ें

Can Physiotherapist use title Doctor or not: चाहे कोई सर्जरी हो, बीमारी हो या इंजरी से रिकवरी हो, आजकल डॉक्टरों के अलावा फिजियोथेरेपिस्ट की मदद लेना आम जरूरत हो गई है.ये वे एक्सपर्ट होते हैं जो आपके शरीर के फंक्शन और मूवमेंट को फिर से वापस पाने में मदद करते हैं. कई बार लोगों को शरीर या मांसपेशियों से जुड़ी दिक्कत होती है तो वे डॉक्टर के बजाय सीधे फिजियोथेरेपिस्ट के ही पास चले जाते हैं. यही वजह है कि अस्पतालों और क्लीनिकों में काम करने से अलग फिजियोथेरेपिस्ट्स कई बार अलग क्लीनिक्स भी चलाते हैं. हालांकि ऐसा करने से कई बार आम मरीज इन्हें डॉक्टर मान लेते हैं. लेकिन क्या ये वाकई डॉक्टर होते हैं? क्या फिजियोथरेपिस्ट प्राइमरी केयर प्रेक्टिस कर सकते हैं?
हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के डायरेक्टेरट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज ने फिजियोथेरेपिस्ट को लेकर जारी एक आदेश में बताया गया कि कई संस्थानों से उनके पास शिकायतें मिली हैं, जिनमें इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेबिलिटेशन भी शामिल है, इस दौरान आपत्ति जताते हुए कहा गया है कि फिजियोथेरेपिस्ट को अपने नाम के आगे डॉ. नहीं लगाना चाहिए. यह पूरा विवाद एनसीएएसपी द्वारा प्रकाशित क्षमता आधारित करिकुलर फॉर फिजियोथरेपी 2025 के अप्रूव्ड सिलेबस से उठ खड़ा हुआ है. जहां फिजियोथेरेपिस्ट को शुरआत में डॉ. और बाद में पीटी लगाने की सिफारिश की गई है.
इन मेहमानों को देखकर घरों में आते हैं सांप, वेटरिनरी डॉ. ने दिए दूर रखने के टिप्स
आईएपीएमआर की ओर से कहा गया कि फिजियोथरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टर्स की तरह ट्रेंड नहीं होते हैं. ऐसे में उन्हें डॉ. नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे मरीजों को भ्रम होता है. इतना ही नहीं इन्हें प्राइमरी केयर प्रेक्टिस की अनुमति भी नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि ये मेडिकल कंडीशंस को डायग्नोस करने के लिए ट्रेंड नहीं होते हैं.लिहाजा इन्हें सिर्फ डॉक्टरों से रेफर्ड केसेज को ही देखने की अनुमति होनी चाहिए.
फिजियोथेरेपिस्ट को लेकर पटना हाईकोर्ट से लेकर तमिलनाडू मेडिकल काउंसिल एडवाइजरी और मद्रास हाईकोर्ट ने भी नाम के आगे डॉ. न लगाने के निर्देश दिए थे. सिर्फ इन्हें ही नहीं बल्कि पैरामेडिकल स्टाफ और तकनीशियन को भी इसे लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती. वहीं एथिक्स कमेटी ऑफ द काउंसिल ने भी डॉ.शब्द का उपयोग करने की अनुमति सिर्फ मॉडर्न मेडिसिन, आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर्स को ही करने की अनुमति दी है. ऐसे में फिजियोथेरेपिस्ट को किसी भी कीमत पर डॉक्टर शब्द लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
डायरेक्टरेट ने कहा कि इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिया जाता है कि अप्रूव्ड सिलेबस में जल्द ही बदलाव कर फिजियोथरेपिस्ट के लिए डॉ. शब्द की सिफारिश को हटाया जाए और एक पर्याप्त आदर सूचक शब्द ढूंढा जाए जिससे न तो डॉक्टरों को ही दिक्कत हो और न ही मरीजों को कोई भ्रम हो.
priya gautamSenior Correspondent
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...और पढ़ें
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
September 10, 2025, 18:20 IST