Last Updated:March 02, 2025, 15:23 IST
India vs Pakistan Engineering Education Comparison: भारत में हर साल लाखों स्टूडेंट्स बीटेक कोर्स में एडमिशन लेते हैं. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए इसे बेस्ट माना जाता है. पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इंजीनियरिंग ...और पढ़ें

India vs Pakistan Engineering: भारत और पाकिस्तान की इंजीनियरिंग डिग्री में काफी फर्क है
हाइलाइट्स
भारत में इंजीनियरिंग डिग्री को बीटेक या बीई कहा जाता है.पाकिस्तान में इंजीनियरिंग डिग्री को बीएससी इंजीनियरिंग कहा जाता है.भारत में प्रवेश प्रक्रिया JEE जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं पर आधारित है.नई दिल्ली (India vs Pakistan Engineering). भारत बनाम पाकिस्तान की सीरीज में आज हम दोनों देशों की इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बारे में बात करेंगे. भारत और उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान, दोनों ही जगहों के युवाओं में इंजीनियरिंग कोर्स का काफी क्रेज है. भारत और पाकिस्तान की स्कूली पढ़ाई में कई बड़े अंतर हैं लेकिन इंजीनियरिंग शिक्षा के बीच कई समानताएं हैं. दोनों में ही 12वीं पास करने के बाद एडमिशन मिलता है.
भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों में इंजीनियरिंग को लोकप्रिय करियर ऑप्शन माना जाता है (India vs Pakistan engineering). लेकिन शिक्षा प्रणाली, डिग्री के नाम और प्रवेश प्रक्रिया में कुछ बड़े अंतर देखने को मिलते हैं. भारतीय स्टूडेंट अगर पाकिस्तान में इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी, आर्किटेक्चर या अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेना चाहते हैं तो उन्हें भारत में उस डिग्री की मान्यता के लिए अलग से आवेदन करना होगा.
1. Engineering education comparison: इंजीनियरिंग शिक्षा की संरचना
Engineering Courses in India: भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कैसे होती है?
डिग्री का नाम: भारत में इंजीनियरिंग की स्नातक डिग्री को बीटेक (B.Tech in India) या बीई (B.E.) कहा जाता है. दोनों कोर्सेस 4 साल के हैं. हालांकि बीटेक को ज्यादा प्रैक्टिकल और टेक्नोलॉजी ओरिएंटेड माना जाता है, जबकि बीई में थ्योरी पर फोकस किया जाता है. भारत के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज (Top engineering colleges India): भारत में आईआईटी (IIT), एनआईटी (NIT) और कई राज्य-स्तरीय और निजी कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई होती है. रेगुलेटरी बॉडी: ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) और नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन (NBA) इंजीनियरिंग शिक्षा को रेगुलेट करते हैं.Pakistan B.Sc. Engineering: पाकिस्तान में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कैसे होती है?
डिग्री का नाम: पाकिस्तान में इंजीनियरिंग की डिग्री को बीएससी इंजीनियरिंग (BSc Engineering) कहा जाता है. यह 4 साल का कोर्स है. कुछ विश्वविद्यालय B.Tech (Bachelor of Technology) भी प्रदान करते हैं, लेकिन यहां बीटेक को इंजीनियरिंग डिग्री से अलग, तकनीकी शिक्षा (टेक्नोलॉजी-आधारित) के रूप में देखा जाता है. वहां बीएससी की तुलना में बीटेक को कम आंका जाता है. पाकिस्तान के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज: नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (NUST), यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (UET), कई अन्य सरकारी और निजी संस्थान इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराते हैं. रेगुलेटरी बॉडी: पाकिस्तान इंजीनियरिंग काउंसिल (PEC) इंजीनियरिंग डिग्री को मान्यता देता है, जबकि नेशनल टेक्नोलॉजी काउंसिल (NTC) बीटेक और बीएस टेक्नोलॉजी प्रोग्राम्स को कंट्रोल करता है.अंतर: भारत में बीटेक इंजीनियरिंग डिग्री है, जबकि पाकिस्तान में बीटेक को डिप्लोमा-आधारित टेक्निकल एजुकेशन के रूप में देखा जाता है. वहां बीएससी इंजीनियरिंग को प्राथमिक इंजीनियरिंग डिग्री माना जाता है. पाकिस्तान में बीटेक कोर्स डिप्लोमा ऑफ असोसिएट इंजीनियरिंग (DAE) के बाद किया जाता है. यह इंजीनियरिंग से ज्यादा टेक्नोलॉजी और प्रैक्टिकल स्किल्स पर फोकस्ड होता है. बीटेक धारक PEC में पेशेवर इंजीनियर के तौर पर रजिस्टर नहीं हो सकते.
भारत बनाम पाकिस्तान: इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन
भारत के बीटेक कोर्स में एडमिशन कैसे मिलता है?
1- जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड: आईआईटी, एनआईटी और अन्य टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए.
2- राज्य-स्तरीय परीक्षाएं: एमएचटी सीईटी (MHT CET), केसीईटी (KCET), यूपीएसईई (UPSEE)
3- निजी विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं: बिटसैट (BITSAT), VITEEE, SRMJEEE आदि. काउंसलिंग: JoSAA (Joint Seat Allocation Authority) या राज्य-स्तरीय काउंसलिंग के माध्यम से सीट आवंटन. प्रक्रिया: ऑनलाइन आवेदन, प्रवेश परीक्षा, रैंक के आधार पर काउंसलिंग.
Engineering Admission Process: पाकिस्तान के इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन कैसे मिलता है?
योग्यता: इंटरमीडिएट (F.Sc. Pre-Engineering) या A-Levels में PCM के साथ कम से कम 60% अंक. प्रवेश परीक्षा:1- ECAT (Engineering College Admission Test): UET और कई अन्य विश्वविद्यालयों के लिए.
2- NUST Entry Test (NET): NUST में दाखिले के लिए.
3- कुछ विश्वविद्यालय अपने खुद के टेस्ट आयोजित करते हैं. काउंसलिंग: मेरिट लिस्ट के आधार पर सीटें आवंटित की जाती हैं, जो प्रवेश परीक्षा और F.Sc./A-Level के अंकों के आधार पर तैयार होती है. B.Tech के लिए: आमतौर पर DAE (3 साल का डिप्लोमा) पूरा करने के बाद डायरेक्ट एडमिशन मिलता है. कुछ मामलों में टेस्ट की जरूरत भी हो सकती है.
अंतर: भारत में प्रवेश प्रक्रिया अधिक सेंट्रलाइज्ड और राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं (जैसे JEE) पर आधारित है, जबकि पाकिस्तान में यह यूनिवर्सिटी-स्पेसिफिक टेस्ट और मेरिट पर ज्यादा निर्भर करती है. भारत में ऐसे कई प्राइवेट इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट हैं, जो अपनी खुद की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं. लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं है.
भारत से कितना अलग है पाकिस्तान का इंजीनियरिंग कोर्स?
कॉम्पिटीशन लेवल: भारत में इंजीनियरिंग सीटों के लिए कॉम्पिटीशन बहुत ज्यादा है (लाखों स्टूडेंट्स JEE Main देते हैं), जबकि पाकिस्तान में यह कम है. संस्थानों की गुणवत्ता: भारत के आईआईटी और एनआईटी को ग्लोबल लेवल पर मान्यता हासिल है, जबकि पाकिस्तान के NUST और UET जैसे संस्थान इंटरनेशनल रैंकिंग में पीछे हैं. पाठ्यक्रम: भारत में बीटेक में थ्योरी और प्रैक्टिकल, दोनों पर जोर दिया जाता है, जबकि पाकिस्तान में बीएससी इंजीनियरिंग में थ्योरी पहलू मजबूत है और बीटेक स्किल-आधारित कोर्स है.First Published :
March 02, 2025, 15:23 IST