Nepal Elections 2026: काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह को रविवार को नेपाल में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है. बालेंद्र शाह और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) के बीच आगामी 5 मार्च को होने वाले आम चुनावों को लेकर गठबंधन पर सहमति बन गई है.
जानकारी के अनुसार, रविवार तड़के दोनों पक्षों के बीच सात सूत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. समझौते के तहत बालेंद्र शाह संसदीय दल के नेता और प्रधानमंत्री पद के भावी उम्मीदवार होंगे, जबकि आरएसपी के अध्यक्ष रवि लामिछाने पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे. यह भी तय हुआ है कि दोनों संगठनों के एकीकरण के बाद पार्टी का नाम ‘राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी’ ही रहेगा और चुनाव आयोग से मिला चुनाव चिह्न भी वही होगा.
जानें कौन हैं बालेंद्र शाह
बालेंद्र शाह 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में काठमांडू के मेयर चुने गए थे अब पहली बार औपचारिक रूप से राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका में सामने आए हैं. उस चुनाव में उन्होंने नेपाली कांग्रेस की उम्मीदवार सृजना सिंह को हराया था. मई 2022 में महज 32 वर्ष की उम्र में बालेंद्र शाह का मेयर बनना नेपाल की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम माना गया. एक लोकप्रिय रैपर और सिविल इंजीनियर रहे बालेंद्र शाह ने बिना किसी पार्टी संगठन या पारंपरिक राजनीतिक पृष्ठभूमि के राजधानी के मतदाताओं का भरोसा जीता. युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी और नेपाल के बाहर रहने वाले नेपाली समुदाय में भी वे चर्चा का विषय बने.
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बालेंद्र शाह का जन्म 1990 में काठमांडू के गैर गाउन इलाके में हुआ था. उनके पिता आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं. उन्होंने काठमांडू से सिविल इंजीनियरिंग और कर्नाटक के विश्वेश्वरैया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया है. हालांकि बालेंद्र शाह ने खुद को किसी पारंपरिक विचारधारा से नहीं जोड़ा लेकिन वे सत्ता व्यवस्था की आलोचना और वैकल्पिक राजनीति की बात खुलकर करते रहे हैं. उनके गीतों और भाषणों में नेपाल की सामाजिक-राजनीतिक स्थितियों पर तीखी टिप्पणियां देखने को मिलती हैं. उनकी मधेसी पृष्ठभूमि को लेकर भी चर्चा होती रही है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि काठमांडू और पहाड़ी क्षेत्रों में किसी मधेसी रूट वाले नेता की लोकप्रियता अन्य नेताओं की तुलना में काफी ज्यादा होती है.
बता दें, बालेंद्र शाह की तुलना यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की जैसे गैर-पारंपरिक नेताओं से की जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि बालेंद्र शाह की लोकप्रियता जनता के मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था से मोहभंग को दर्शाती है, हालांकि बालेंद्र शाह के संगठन और स्पष्ट विचारधारा की कमी उन्हें भविष्य में चुनौती दे सकती है. मेयर चुनाव के दौरान बालेंद्र शाह ने डिजिटल गवर्नेंस, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था. जीत के बाद उन्होंने कहा था कि आगे की राह आसान नहीं होगी और उनके वादों की असली परीक्षा अब शुरू होगी.

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