Last Updated:June 05, 2025, 13:25 IST
Assam Flood News: मानसून के सक्रिय होने के बाद से पूर्वोत्तर भारत में कई दिनों से लगातार जोरदार बारिश हो रही है. असम में कुदरत का कहर कुछ ज्यादा ही बरपा है. प्रदेश के 21 जिलों के तकरीबन 7 लाख लोग प्रभावित हुए...और पढ़ें

असम के होजई में इतनी ज्यादा बरसात हुई कि सड़क और तालाब का फर्क ही मिट गया, इसके बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. (फोटो: पीटीआई)
हाइलाइट्स
असम में मूसलाधार बारिश से तबाही का आलम, चपेट में प्रदेश के 21 जिले1494 गांवों के तकरीबन 7 लाख लोग दर-बदर, कैंप में बीत रहा है समय ब्रह्मपुत्र समेत प्रदेश की 9 नदियां खतरे के निशान से ऊपर, हालात खराबगुवाहाटी. दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने के बाद से नॉर्थईस्ट इंडिया में ताबड़तोड़ बारिश हो रही है. कई इलाकों में तेज से बहुत तेज बरसात होने के चलते हालात बेहद खराब हो चुके हैं. असम, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम जैसे प्रदेशों में बाढ़ और लैंडस्लाइड की वजह से व्यापक पैमाने पर नुकसान हुआ है. असम की हालत इनमें से सबसे ज्यादा खराब है. प्रदेश के 21 जिलों में भीषण बाढ़ की स्थिति है. आंकड़ों की मानें तो बाढ़ और बारिश से तकरीबन 7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. दर्जनों की संख्या में बनाए गए राहत शिविरों में हजारों की तादाद में लोगों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है. बाढ़ और बारिश के चलते हुई घटनाओं में अभी तक 19 लोगों की मौत हुई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आने वाले एक सप्ताह तक हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होने का अनुमान जताया है. कुछ जगहों पर तेज से बहुत तेज पानी भी गिर सकता है.
असम में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को और गंभीर हो गई है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, राज्य के 21 जिलों में करीब सात लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं. ब्रह्मपुत्र सहित 9 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है. अब तक बाढ़ और भूस्खलन (Landslide) से राज्य में कुल 19 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जिनमें से दो की मौत बुधवार को हुई. कछार जिले से एक व्यक्ति के लापता होने की भी सूचना है. बाढ़ का असर राज्य के 1,494 गांवों और 66 राजस्व क्षेत्रों में पड़ा है. श्रीभूमि जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 2,59,601 लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं. इसके बाद हैलाकांदी में 1,72,439 और नगांव में 1,02,716 लोग प्रभावित हैं.
खेतीबारी पर भी असर
कछार जिले में बराक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और उसकी सहायक नदियों में भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. कई स्थानों पर नदियां रेड मार्क के पार पहुंच गई हैं. जलभराव और बाढ़ की वजह से 14,977.99 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न हो गया है. वहीं, 5,15,737 से अधिक मवेशियों पर भी संकट मंडरा रहा है. राज्य भर में प्रशासन ने 405 राहत शिविर खोले हैं, जिनमें 41,317 लोगों ने शरण ली है. इसके अलावा 1,12,324 राहत वितरण केंद्रों के माध्यम से खाद्य सामग्री और आवश्यक वस्तुएं बांटी जा रही हैं.
सड़क से लेकर स्कूल तक को नुकसान
बाढ़ के कारण सड़कें, पुल, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, बिजली के खंभे और अन्य ढांचागत सुविधाओं को व्यापक नुकसान पहुंचा है. प्रभावित जिलों में हाइलाकांडी, डिब्रूगढ़, मोरीगांव, होजई, कामरूप, नगांव, गोलाघाट, बिस्वनाथ, कछार, श्रीभूमि, सोनितपुर, लखीमपुर, दर्रांग, बारपेटा, गोआलपाड़ा, दक्षिण सालमारा, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, दीमा हसाओ, शिवसागर, कामरूप (मेट्रो) और धेमाजी शामिल हैं.
रेलवे पर भी असर
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) के प्रवक्ता के अनुसार, दक्षिणी असम में कई रेल मार्ग जलमग्न हो गए हैं, जिससे रेल सेवाएं बाधित हुई हैं. विशेष रूप से सिलचर क्षेत्र में वॉशिंग पिट में जलभराव होने से ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है. प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे कर्मचारी लगातार ट्रैक से पानी हटाने के कार्य में लगे हुए हैं. कुछ लघु दूरी की यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, जबकि लंबी दूरी की ट्रेनें फिलहाल संचालित की जा रही हैं. राज्य सरकार ने स्थिति पर नजर रखते हुए राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है, जिससे चुनौती और बढ़ सकती है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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Location :
Guwahati,Kamrup Metropolitan,Assam