Last Updated:September 11, 2025, 22:54 IST
Ghaziabad news story. नेपाल में चल रहे Gen Z प्रोटेस्ट की आग अब भारतीय परिवारों तक मातम लेकर आ गई है. गाज़ियाबाद की नंदग्राम कॉलोनी की रहने वाली 55 वर्षीय राजेश गोला की काठमांडू में हुई हिंसा में मौत हो गई, जबकि उनके पति गंभीर रूप से घायल हैं.

गाजियाबाद. नेपाल में जारी Gen Z प्रोटेस्ट ने अब भारत में भी मातम का माहौल ला दिया है. गाज़ियाबाद के नंदग्राम की मास्टर कॉलोनी में रहने वाली 55 वर्षीय राजेश गोला की इस हिंसा में मौत हो गई, जबकि उनके पति रामवीर सिंह गोला गंभीर रूप से घायल हो गए. जो यात्रा शांतिपूर्ण मंदिर दर्शन के लिए शुरू हुई थी, वह अचानक मौत और मातम की यात्रा में बदल गई. गाज़ियाबाद निवासी राजेश गोला और उनके पति रामवीर सिंह गोला 7 सितंबर को नेपाल के काठमांडू पहुंचे थे. उनका मकसद सिर्फ पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करना था. दंपत्ति काठमांडू के मशहूर होटल हयात रीजेंसी में ठहरे हुए थे. सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन 9 सितंबर की रात ने उनका जीवन हमेशा के लिए बदल दिया.
होटल पर हमला और आगजनी
रात के अंधेरे में अचानक सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने होटल को घेर लिया और देखते ही देखते उसमें आग लगा दी. लपटें तेज़ होने लगीं तो होटल में अफरा-तफरी मच गई. प्रशासन और दमकलकर्मी लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हालात काबू से बाहर हो गए. जान बचाने के लिए कई लोग अलग-अलग दिशाओं में भागने लगे. इसी अफरा-तफरी में राजेश और रामवीर ने चौथी मंजिल से छलांग लगाने का खौफनाक कदम उठाया. दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए.
भीड़ का कहर और परिवार का बिछड़ना
हालात इतने बेकाबू थे कि बचाव दल भी सभी को एक साथ सुरक्षित नहीं ले जा सका. इसी दौरान दंपत्ति अलग हो गए. रामवीर को जब राहत शिविर पहुंचाया गया तो उन्हें सबसे बड़ा सदमा लगा. उनकी पत्नी राजेश अब इस दुनिया में नहीं रहीं. गम में डूबे बेटे विशाल गोला ने बताया कि माता-पिता मंदिर दर्शन के लिए नेपाल गए थे, किसे पता था कि यह यात्रा मां की आखिरी यात्रा बन जाएगी. भीड़ ने इतने बड़े होटल को भी नहीं छोड़ा. अगर दोनों साथ रहते तो शायद मां आज जिंदा होतीं. चौथी मंजिल से कूदते वक्त मम्मी को चोटें आईं, लेकिन सबसे बड़ी चोट उन्हें अकेलेपन की लगी. विशाल की मानें तो, हादसे के बाद आर्मी ने भी दोनों को एक साथ नहीं ले गए. पहले मां को, फिर पिताजी को. इसी सदमे में उनकी मां की जान चली गई.
भारतीय दूतावास से मदद न मिलने का आरोप
परिवार का कहना है कि नेपाल स्थित भारतीय दूतावास से उन्हें कोई खास मदद नहीं मिली. हालात इतने बिगड़े हुए थे कि एंबेसी खुद सुरक्षित नहीं थी. ऐसे में दूतावास ने हाथ खड़े कर दिए. परिवार के मुताबिक, उन्हें खुद ही प्रयास करके शव को गाज़ियाबाद लाना पड़ा. नंदग्राम की मास्टर कॉलोनी में मातम पसरा हुआ है. पड़ोसी और रिश्तेदार लगातार परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं. राजेश गोला की अचानक मौत ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है. परिवार का कहना है कि इस त्रासदी ने उनकी खुशियां हमेशा के लिए छीन ली हैं.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
Ghaziabad,Uttar Pradesh
First Published :
September 11, 2025, 22:54 IST