कश्‍मीर के बाद अब कराची के करीब जाएंगे राजनाथ सिंह, आखिर इरादा क्‍या है?

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Last Updated:May 16, 2025, 10:25 IST

Bharat-Pakistan Tension Live: पहलगाम अटैक के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्‍च किया था. इसके तहत पाकिस्‍तान में मौजूद आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया गया. इसके अलावा पाकिस्‍तानी एयरबेस को भी एयर स्‍ट्राइक के जरिये...और पढ़ें

कश्‍मीर के बाद अब कराची के करीब जाएंगे राजनाथ सिंह, आखिर इरादा क्‍या है?

पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में सुरक्षा काफी टाइट कर दी गई है. (फोटो: पीटीआई)

Bharat-Pakistan Tension Live: पहलगाम में हिन्‍दू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत के प्रचंड वार से पाकिस्‍तान घुटनों पर आ गया है. सीजफायर के लिए जब गिड़गिड़ाया तो भारत ने अपनी शर्तों के साथ युद्धविराम किया. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्‍न पूरे देश में तिरंगा यात्रा निकालकर मनाया जा रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 15 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार जम्‍मू-कश्‍मीर पहुंचे थे. वहां उन्‍होंने पाकिस्‍तान को सीधी चेतावनी देते हुए कहा था कि हमने उनकी छाती पर ऐसा जख्‍म दिया है, जिसे वे हमेशा याद रखेंगे. डिफेंस मिनिस्‍टर ने आगे कहा था कि यदि पड़ोसी देश आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाता है तो उसे इसकी और बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. राजनाथ सिंह ने यह भी कहा था कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर मारा और हमने कर्म देखकर मारा.

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इजरायल ने एक बार फिर भारत को अपना समर्थन दिया है. वहां के रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (रि.) आमिर बाराम ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर बधाई दी है. इस तरह पूरी दुनिया में भारत का समर्थन लगातार बढ़ रहा है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आमिर बाराम ने गुरुवार को भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से बात की. उन्होंने भारतीय सेना द्वारा आतंकवादियों के खात्मे के लिए किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर भारत को बधाई दी. इस दौरान आमिर बाराम ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की न्यायोचित लड़ाई में इजरायल के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.

उल्लेखनीय है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की है. मेजर जनरल बाराम ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना की. विशेषज्ञों ने इसे एक निर्णायक और साहसिक कदम बताया है, यह वह कदम है, जो क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है. दोनों देशों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के बीच हुई इस बातचीत में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि बातचीत के दौरान रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए एक भविष्य की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई.

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New Delhi,Delhi

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