Last Updated:May 16, 2025, 14:13 IST
Operation Sindoor Latest Updates: ऑपरेश्न सिंदूर में भारतीय सेना ने दुनिया को अपना पराक्रम दिखाया. इंडियन एयरफोर्स की ओर से ऐसी-ऐसी मिसाइलें दागी गईं, जिनके बारे में पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. म...और पढ़ें

भुज एयरबेस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिचौरा मिसाइल सिस्टम की झलक दुनिया को दिखाई. (फोटो: एएनआई)
हाइलाइट्स
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की ओर से कई मिसाइलों का इस्तेमाल किया गयाआकाश और S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को देख दुनिया भी रह गई हैरानपिचौरा मिसाइल सिस्टम ने भी दुश्मन के दांत किए खट्टे, राजनाथ ने दिखाई झलकOperation Sindoor Latest Updates: पहलगाम में टेरर अटैक के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. भारत ने ऐसे आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया, जिसे देखकर पड़ोसी के साथ ही पूरी दुनिया दंग रह गई. फिर चाहे वह ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम या S-400 ही क्यों न हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर एयरबेस का दौरा कर S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की झलक देश के साथ पूरी दुनिया को दिखाई थी. अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भुज एयरबेस पहुंचकर S-400 के छोटे भाई पिचौरा मिसाइल सिस्टम (S-125 Neva Pechora Missile System) से दुनिया को रूबरू कराया. पिचौरा मिसाइल सिस्टम भारत की हवाई सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ है.
पिचौरा मिसाइल सिस्टम (जिसे एस-125 नेवा/पिचौरा, NATO नाम: SA-3 Goa के नाम से जाना जाता है) एक सोवियत-निर्मित मध्यम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम है. इसे 1960 के दशक में पूर्व सोवियत संघ के डिज़ाइनर अलेक्सी इसाएव ने विकसित किया था और यह भारत की हवाई रक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. भारत ने इस सिस्टम को 1970 के दशक में अपनाया और तब से यह भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए हवाई खतरों से निपटने में एक भरोसेमंद हथियार रहा है.
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पिचौरा सिस्टम की मुख्य विशेषताएं:
रेंज और ऊंचाई: पिचौरा सिस्टम की फायरिंग रेंज 30-35.4 किलोमीटर तक है और यह 20 मीटर से लेकर 20-25 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट को तबाह कर सकता है. टारगेट: यह सिस्टम लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, क्रूज मिसाइल, ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है. यह विशेष रूप से धीमी गति से उड़ने वाले या निचले स्तर पर उड़ने वाले टारगेट (जैसे ड्रोन) के खिलाफ प्रभावी है. मिसाइल: पिचौरा में 5V24 (V-600) और 5V27 मिसाइलों का उपयोग होता है. V-600 में 60 किलोग्राम का वारहेड होता है, जबकि उन्नत 5V27 में 70 किलोग्राम का वारहेड है, जिसमें 33 किलोग्राम विस्फोटक शामिल हैं. रडार और गाइडेंस: यह रडार-निर्देशित सिस्टम है, जिसमें SNR-125 पल्स डॉप्लर रडार (NATO नाम: Low Blow) और P-15 रडार (NATO नाम: Flat Face) का उपयोग होता है. यह 100 किलोमीटर तक लक्ष्य का पता लगा सकता है और भारी इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के माहौल में भी काम कर सकता है. मोबिलिटी: पिचौरा को स्थिर लॉन्चर या ZIL ट्रकों पर ले जाया जा सकता है, जिससे इसे तैनात करना और ट्रांसफर करना आसान होता है.भारत में पिचौरा का उपयोग
भारत ने पिचौरा मिसाइल सिस्टम को पहली बार 1974-75 में भुज में तैनात किया था. वर्तमान में एयरफोर्स के पास 25 से अधिक पिचौरा स्क्वॉड्रन हैं, जो महत्वपूर्ण सैन्य और नागरिक ठिकानों की सुरक्षा के लिए तैनात हैं. हाल के वर्षों में (विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025) के दौरान) पिचौरा ने पाकिस्तान द्वारा भेजे गए 50 से अधिक ड्रोन को नष्ट कर अपनी उपयोगिता को साबित किया है. इस ऑपरेशन में पिचौरा ने तुर्की निर्मित उन्नत ड्रोनों को भी सफलतापूर्वक नष्ट किया.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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Location :
Bhuj,Kachchh,Gujarat