कटरा-श्रीनगर वंदेभारत: कोंकण रेलवे को हाथों से बनाना पड़ा हेलीपैड, वजह जानें

15 hours ago

Last Updated:June 06, 2025, 11:28 IST

Katra-Srinagar Vande Bharat Vande Bharat- माता वैष्‍णो देवी कटरा श्रीनगर रेल लाइन के लिए रेलवे की पीएसयू कोंकण रेलवे की भी मदद ली गयी. 260 मीट्रिक टन से ज्यादा वजन वाली मशीनों को हेलीकॉप्‍टर से पहुंचाना था लेकि...और पढ़ें

 कोंकण रेलवे को हाथों से बनाना पड़ा हेलीपैड, वजह जानें

सड़क न होने से हेलीपैड बनाने के नहीं पहुंच सकीं मशीनें.

नई दिल्‍ली. माता वैष्‍णो देवी कटरा -श्रीनगर रेल लाइन (यूएसबीआरएल) परियोजना में कोंकण रेलवे ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इस परियोजना के लिए कोंकण रेलवे ने 172 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया, जिसमें 404 मीटर लंबी सड़क सुरंग, 138 मीटर लंबा चिनाब नदी पर पुल और कई अस्थायी बैली ब्रिज शामिल हैं. ये सड़कें आसपास के गांवों को जोड़ने और परियोजना के काम को तेज करने में मददगार साबित हुईं.

परियोजना के लिए भारी मशीनों को पहुंचाना एक बड़ी चुनौती थी. इसके लिए कोंकण रेलवे ने 260 मीट्रिक टन से ज्यादा वजन वाली मशीनें, जैसे एक्सकेवेटर, ड्रिलिंग मशीन, रोड रोलर, डोजर, डंपर, शॉटक्रिट मशीन, कंक्रीट मिक्सर और जनरेटर, भारतीय वायु सेना के सबसे बड़े मालवाहक हेलीकॉप्टर एमआई-26 की मदद से पहुंचाईं. इन मशीनों को 21 उड़ानों के जरिए लाया गया. सुरुकोट गांव में एक हेलीपैड बनाया गया, जहां कोई वाहन नहीं पहुंच सकता था. यह हेलीपैड केवल हाथ के औजारों से बनाया गया, जो कोंकण रेलवे की मेहनत और समर्पण को दर्शाता है.

चिनाब नदी पर सड़क पुल

कोंकण रेलवे ने रामबन-गूल राज्य मार्ग पर चिनाब नदी के ऊपर 138 मीटर लंबा सड़क पुल बनाया. यह पुल संगलदान, गूल, महौर, अर्नास, कंथन और रियासी जैसे गांवों को जोड़ता है. इस पुल ने न केवल परियोजना के लिए सामग्री लाने-ले जाने में मदद की, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए आवागमन को भी आसान बनाया. इस तरह के निर्माण ने दूरदराज के इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

कोंकण रेलवे का अनुभव

कोंकण रेलवे को पहाड़ी इलाकों में रेल लाइन बिछाने का लंबा अनुभव है. इसलिए यूएसबीआरएल परियोजना में उनकी विशेषज्ञता का उपयोग किया गया. इस परियोजना का एक हिस्सा, कटरा से धरम खंड (किलोमीटर 30.00 से 72.390 और किलोमीटर 91 से 101.635 तक), जो कुल 52.20 किलोमीटर है, कोंकण रेलवे को सौंपा गया. इस हिस्से में 44.59 किलोमीटर (85.5%) सुरंगों में, 4.6 किलोमीटर (8.8%) पुलों पर और बाकी 5.7 किलोमीटर कटिंग व भराव में है. कोंकण रेलवे ने अपनी तकनीकी दक्षता से इस चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया.

Location :

Jammu and Kashmir

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