Last Updated:May 22, 2025, 14:39 IST
Indias Steel Hub : भारत स्टील उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी है और इसमें भी 25 फीसदी से ज्यादा योगदान सिर्फ ओडिशा का ही है. आखिर ओडिशा कैसे स्टील हब बनता जा रहा और अभी तक वहां कितन...और पढ़ें

ओडिशा में 50 से ज्यादा कंपनियां स्टील का उत्पादन कर रही हैं.
हाइलाइट्स
ओडिशा में 50 स्टील प्लांट्स स्थापित हो चुके हैं.ओडिशा का वार्षिक स्टील उत्पादन 4.1 करोड़ टन है.टाटा स्टील ओडिशा में दूसरा प्लांट शुरू करने की तैयारी में है.नई दिल्ली. भारत सहित पूरी दुनिया आज इन्फ्रस्ट्रक्चर पर खास जोर दे रही है और इसके लिए सबसे ज्यादा खपत होती है स्टील की. जाहिर है कि जिस देश के पास स्टील ज्यादा होगा, उसका इन्फ्रा भी उतना ही मजबूत होगा. अगर स्टील उत्पादन की बात करें तो चीन दुनिया में सबसे आगे है और भारत इस मामले में दूसरे पायदान पर आता है. जाहिर है कि भारत स्टील उत्पादन को लगातार बढ़ाने पर जोर दे रहा है और इसमें सबसे बड़ी भूमिका है ओडिशा राज्य की. देश का 25 फीसदी से भी ज्यादा स्टील का उत्पादन इसी एक राज्य से हो रहा है. सवाल ये है कि आखिर क्यों और कैसे ओडिशा देश का स्टील हब बनता जा रहा है.
ओडिशा के स्टील हब बनने के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि इस प्रदेश की जमीन खनिज उत्पादों से भरी पड़ी है. इस प्रदेश में लौह अयस्क, मैंगनीज, कोयला, बॉक्साइट, डोलोमाइट, क्रोमाइट जैसे खनिज भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यही वजह है कि देश-विदेश की तमाम कंपनियां इस राज्य में अपने स्टील प्लांट लगाना चाहती हैं. भारत ने वित्तवर्ष 2023 में कुल 12.53 करोड़ टन कच्चा इस्पात और 12.12 करोड़ टन तैयार स्टील का उत्पादन किया और दुनियाभर में इसका निर्यात किया गया.
ओडिशा में कितने स्टील प्लांट
ओडिशा में सबसे पहला स्टील प्लांट भारत सरकार ने जर्मनी के सहयोग से साल 1959 में शुरू किया था. इस प्लांट की स्थापना राउरकेला में की थी. राउरकेला को ओडिशा का सबसे ज्यादा लौह अयस्क वाला जिला माना जाता है. यही कारण है इस जिले को भारत की स्टील सिटी भी कहा जाता है. शुरुआत में इस प्लांट की क्षमता महज 10 लाख टन सालाना उत्पादन की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 45 लाख टन हॉट मेटल और 42 लाख टन कच्चे स्टील के उत्पादन तक कर दिया गया. अभी तक ओडिशा में करीब 50 स्टील प्लांट लगाए जा चुके हैं, जबकि 12 और प्लांट लगाने की तैयारी है.
अभी कितना है स्टील उत्पादन
ओडिशा का मौजूदा स्टील उत्पादन सालाना 4.1 करोड़ टन है, जिसे साल 2030 तक बढ़ाकर तीन गुना यानी 13 करोड़ टन ले जाने का लक्ष्य है. प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने पिछले दिनों कहा था कि जल्द ही प्रदेश में 20 और खानों की नीलामी की जाएगी. ओडिशा में देश के कुल स्टील उत्पादन का 50 फीसदी अकेले पैदा करने की क्षमता है और इसके लिए राज्य को करीब 17 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला है.
टाटा शुरू कर रही दूसरा बड़ा प्लांट
देश की बड़ी स्टील उत्पादक कंपनी टाटा स्टील ने ओडिशा में अपना दूसरा प्लांट शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है. टाटा ने कलिंगानगर में अपना पहला स्टील प्लांट साल 2016 में शुरू किया था, जिसकी सालाना उत्पादन क्षमता 30 लाख टन की है और अब दूसरा प्लांट भी शुरू करने की तैयारी है, जिससे कुल उत्पादन बढ़कर 50 लाख टन हो जाएगा. जेएसडब्ल्यू समूह ने भी ओडिशा के क्योंझर जिले में 35 हजार करोड़ रुपये के निवेश से 50 लाख टन सालाना उत्पादन क्षमता वाला प्लांट लगाने का समझौता किया है.
निप्पॉन लगाएगी सबसे बड़ा प्लांट
जापान की सबसे बड़ी और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी स्टील उत्पादन कंपनी निप्पॉन स्टील कॉर्पोरेशन ने भी ओडिशा में स्टील प्लांट लगाने की बात कही है. कंपनी का दावा है कि वह ओडिशा में दुनिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट लगाएगी. कंपनी ने कहा है कि वह आर्सेलर मित्तल के साथ मिलकर 1.02 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी और 2.4 करोड़ टन क्षमता वाला प्लांट स्थापित करेगी. अभी ओडिशा का सबसे बड़ा स्टील प्लांट 1.16 करोड़ टन की क्षमता वाला जिंदल स्टील प्लांट है, जिसे अंगुल स्टील प्लांट भी कहा जाता है. कंपनी का दावा है कि इस क्षमता को बढ़ाकर 2.4 करोड़ टन किया जाएगा.
ओडिशा के प्रमुख स्टील प्लांट
जिंदल स्टील प्लांट जिसकी क्षमता अभी 1.16 करोड़ टन सालना है. सरकारी कंपनी राउरकेला स्टील प्लांट की क्षमता करीब 1.13 करोड़ टन सालाना है. कलिंगानगर स्थित टाटा स्टील प्लांट की क्षमता सालाना 30 लाख टन की है. जेएसडब्ल्यू-भूषण स्टील प्लांट की क्षमता सालाना अभी 35 लाख टन है, जिसे 1.32 करोड़ टन तक बढ़ाने की तैयारी है. इसके अलावा प्रदेश में 49 अन्य छोटी-बड़ी कंपनियों ने भी प्लांट लगाने के लिए समझौता किया और उत्पादन कर रही हैं.प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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