भारत ने US में हायर की लॉबी फर्म? MEA ने स्‍वीकारा, तुर्की को भी नहीं बख्‍शा

4 hours ago

Last Updated:May 22, 2025, 17:22 IST

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत दशकों से अमेरिका में लॉबी फर्मों की सेवाएं लेता आ रहा है ताकि अमेरिकी नीति निर्माताओं तक अपनी बात पहुंचा सके. यह प्रक्रिया कानूनी और पारदर्शी है. विदेश म...और पढ़ें

भारत ने US में हायर की लॉबी फर्म? MEA ने स्‍वीकारा, तुर्की को भी नहीं बख्‍शा

भारत सरकार ने अपना पक्ष साफ किया. (File Photo)

हाइलाइट्स

भारत दशकों से अमेरिका में लॉबी फर्म हायर कर रहा है.MEA ने कहा कि लॉबी फर्मों की नियुक्ति कानूनी और पारदर्शी है.भारत ने तुर्की से पाकिस्तान के आतंकवाद पर सख्ती की उम्मीद की.

नई दिल्‍ली. आज भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल यह भी सामने आया कि क्‍या भारत ने अमेरिका में कोई लॉबी फर्म को हायर किया है. पूछा गया कि क्‍या अमेरिका में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए ऐसा किया गया? विदेश मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट किया गया कि यह कोई नया चलन नहीं है बल्कि दशकों से चली आ रही एक स्वीकृत और पारदर्शी कूटनीतिक प्रक्रिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार 1950 के दशक से लॉबी फर्मों की सेवाएं लेती आ रही है और यह प्रक्रिया सभी पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान जारी रही है. विदेश मंत्रालय की तरफ से तुर्की पर भी बयान दिया गया.

भारत 1949 से हायर कर रहा लॉबी फर्म

प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि लॉबी फर्मों की नियुक्ति का उद्देश्य अमेरिकी नीति निर्माताओं, सांसदों और मीडिया तक भारत की बात सही ढंग से पहुंचाना है. खासकर जब कोई महत्वपूर्ण कूटनीतिक या रणनीतिक पहल चल रही हो. साल 2007 में हुए परमाणु समझौते के दौरान लॉबी फर्में ने भारत की स्थिति मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार, लॉबी फर्मों की नियुक्ति हमेशा कानूनी रूप से की जाती है और इनका पूरा विवरण अमेरिका के न्याय विभाग की वेबसाइट पर फॉरेन एजेंट्स रजिस्ट्रेशन एक्ट (FARA) के तहत उपलब्ध होता है. उदाहरण के लिए, 1949 में ‘Rosen & Fred’ को, 1954 में ‘Schaler, Butler Associates’ को, 2005 से अब तक ‘BGR Government Affairs LLC’ को भारत ने नियुक्त किया है.

दुनिया भर के देश हायर करते हैं लॉबी फर्म

विदेश मंत्रालय की तरफ से यह भी स्‍पष्‍ट किया गया कि लॉबी फर्मों की नियुक्ति केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के कई देशों की राजनयिक रणनीति का हिस्सा है. अमेरिका में स्थित हर बड़े दूतावास द्वारा किसी न किसी रूप में लॉबी संगठनों की सेवाएं ली जाती हैं. ये फर्में अमेरिकी राजनीतिक प्रणाली के भीतर भारत के हितों की पैरवी करने, नीतिगत संकल्पों पर प्रभाव डालने और भारत की छवि को बेहतर बनाने में सहायता करती हैं. हाल ही में, जब भारत ने पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद को वैश्विक मंचों पर उजागर करने का अभियान तेज किया है, तब भी लॉबी फर्मों की भूमिका अहम मानी जा रही है. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की अमेरिका सहित विभिन्न देशों में तैनाती इस व्यापक कूटनीतिक पहल का हिस्सा है. संक्षेप में, अमेरिका में लॉबी फर्मों की हायरिंग कोई विवादास्पद कदम नहीं, बल्कि भारत की संगठित, रणनीतिक और पारदर्शी विदेश नीति का अभिन्न हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति को मजबूती से प्रस्तुत करना है.

पाकिस्तान के मसले पर भारत का तुर्की को सीधा संदेश

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि तुर्की से उम्मीद है कि वो पाकिस्तान से आतंकवाद को सपोर्ट बंद करने के लिए सख्ती से कहे. हमें उम्मीद है कि तुर्की पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करने और दशकों से अपने यहां मौजूद आतंकी इकोसिस्टम के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का आग्रह करेगा. रिश्ते एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बनते हैं.

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Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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