Last Updated:May 22, 2025, 20:23 IST
Delhi Slum News: दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी निवासियों की स्थिति पर संग्राम छिड़ा हुआ है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बीजेपी पर बिना वैकल्पिक आवास के झुग्गियां तोड़ने का आरोप लगाया है. जबकि, बीजेपी ने...और पढ़ें

क्या दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी के निवासियों की स्थिति एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा बनता जा रहा है?
हाइलाइट्स
कांग्रेस ने बीजेपी पर झुग्गी तोड़ने का आरोप लगाया.बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया.दिल्ली हाई कोर्ट ने बिना पुनर्वास झुग्गी हटाना अवैध बताया.नई दिल्ली. दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी के निवासियों की स्थिति एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा बनता जा रहा है. बीते दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस का कारण बना था. एक बार फिर से इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में संग्राम छिड़ गया है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बीजेपी की रेखा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि दिल्ली में मेट्रो लाइनों, फ्लाईओवर और गगनचुंबी इमारतों के आसपास झुग्गी-झोपड़ी के निवासियों को हटाने की कार्रवाइयां तेज हो गई हैं. मई 2025 में पुराना सीलमपुर, तैमूर नगर और शास्त्री पार्क के मछली बाजार जैसे क्षेत्रों में ध्वस्तीकरण अभियान चलाए गए. इन अभियानों ने हजारों परिवारों को प्रभावित किया, जो कठिन मौसम की स्थिति में बेघर होने की कगार पर हैं. जबकि, बीजेपी ने कांग्रेस के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है.
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने अपने चुनावी वादे “जहां झुग्गी, वहां मकान” को धोखा दिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना वैकल्पिक आवास की व्यवस्था किए झुग्गियों को “बर्बरता” से तोड़ा, जिससे गरीब परिवारों का जीवन और कठिन हो गया. उन्होंने इसे न केवल एक राजनीतिक विश्वासघात, बल्कि मानवता का मजाक बताया. यादव ने पहले भी दिसंबर 2024 में, बीजेपी और आप दोनों पर झुग्गी निवासियों की उपेक्षा और उन पर बढ़े हुए पानी और बिजली बिल थोपने का आरोप लगाया था.
बीजेपी का घोषणापत्र और वादे
बीजेपी ने अपने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव घोषणापत्र में झुग्गी निवासियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं का वादा किया था. इनमें “जहां झुग्गी, वहां मकान” योजना, गरीब महिलाओं के लिए 2,500 रुपये मासिक सहायता, रियायती रसोई गैस सिलेंडर और 10 लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा शामिल थी. इसके अलावा, 2020 में दिल्ली सरकार ने 2025 तक 89,400 फ्लैट बनाने की योजना की घोषणा की थी, जिसमें से 41,400 पहले चरण में बनने थे.
क्या था केजरीवाल सरकार का प्लान?
बता दें केजरीवाल सरकार ने 2022 में 78,000 परिवारों को पुनर्वासित करने की योजना बनाई थी, जिसमें 2024 तक 16,000 फ्लैट पूरे करने का लक्ष्य था. हालांकि, 2025 तक, इन योजनाओं का कार्यान्वयन धीमा रहा, जिसके कारण झुग्गी निवासियों में असंतोष बढ़ा है.
कोर्ट का रुख क्या था?
दिल्ली हाई कोर्ट ने 2019 में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि बिना परामर्श या पुनर्वास योजना के झुग्गी निवासियों को हटाना अवैध है. यह फैसला झुग्गी निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें आवास, आजीविका, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छ पानी जैसे अधिकार शामिल हैं. हाल की ध्वस्तीकरण कार्रवाइयां इस फैसले का उल्लंघन करती प्रतीत होती हैं, जिसने सरकार की कार्रवाइयों पर सवाल उठाए हैं.
झुग्गी निवासी दिल्ली के मतदाताओं का लगभग 15% हिस्सा हैं, जो उन्हें चुनावी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाता है. सभी प्रमुख दल बीजेपी, आप और कांग्रेस इन मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. आप ने भी पहले झुग्गी निवासियों के लिए योजनाएं शुरू की थीं, लेकिन उनकी भी आलोचना हुई थी. अब, बीजेपी पर अपने वादों को पूरा करने का दबाव है, जबकि कांग्रेस इस मुद्दे को उठाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है.
Location :
Delhi Cantonment,New Delhi,Delhi