Last Updated:May 22, 2025, 23:19 IST
North East News: आईएएस अधिकारी रेनी विल्फ्रेड को यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद निलंबित किया गया है. निलंबन के दौरान उन्हें कोहिमा में तैनात किया गया है. उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है. मामले की जांच जारी ...और पढ़ें

आईएएस पर सख्त एक्शन लिया गया. (File Photo)
हाइलाइट्स
आईएएस अधिकारी रेनी विल्फ्रेड यौन उत्पीड़न के आरोपों पर निलंबित.विल्फ्रेड पर कई महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया.निलंबन के दौरान विल्फ्रेड को कोहिमा में तैनात किया गया.नई दिल्ली. नॉर्थ-ईस्ट के राज्य नागालैंड में एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ सख्त एक्शन हुआ है. साल 2015 बैच के ऑफिसर रेनी विल्फ्रेड को सस्पेंड कर दिया गया है. यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बाद यह एक्शन लिया गया है. महिला ने कहा था कि इस अफसर ने उन्हें मानसिक यातनाएं भी दी. सीएम तक भी यह बात पहुंची. जिसके बाद मुख्य सचिव डॉ. जे. आलम ने अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के तहत सस्पेंशन का आदेश जारी किया. विल्फ्रेड निवेश एवं विकास प्राधिकरण यानी आईडीएएन के साथ-साथ वित्त विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात थे. कई महिला कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि और रोजगार के बदले यौन संबंधों की मांग का आरोप लगाया है.
लगातार हो रही थी निलंबन की मांग
यह निलंबन 17 मार्च 2025 को नगालैंड राज्य महिला आयोग (एनएससीडब्ल्यू) द्वारा दर्ज शिकायत के बाद शुरू हुई आपराधिक जांच का परिणाम है. शिकायत में कहा गया कि विल्फ्रेड ने कई महिला कर्मचारियों का मानसिक और यौन उत्पीड़न किया. नगा छात्र संघ (एनएसएफ) ने भी इन आरोपों के बीच विल्फ्रेड के निलंबन की मांग की थी, यह तर्क देते हुए कि उनकी पद पर बने रहना जनता के विश्वास को कमजोर करता है और जवाबदेही की कमी का संदेश देता है.नगालैंड पुलिस ने 12 अप्रैल 2025 को विल्फ्रेड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया. निलंबन के दौरान विल्फ्रेड को कोहिमा के नगालैंड सिविल सचिवालय में कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग में तैनात किया गया है, और उन्हें सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय छोड़ने की मनाही है.
दो घरेलू कामगारों के साथ छेड़छाड़
इसके अलावा, विल्फ्रेड पर एक अन्य मामले में भी आरोप हैं, जिसमें 2021 में नोक्लाक जिले के उपायुक्त रहते हुए उन्होंने अपने आधिकारिक आवास पर दो घरेलू कामगारों के साथ छेड़छाड़ की थी. इस मामले में भी उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है. विल्फ्रेड ने सभी आरोपों से इनकार किया है, लेकिन जांच और निलंबन ने नगालैंड में प्रशासनिक जवाबदेही और कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दों को उजागर किया है. यह मामला न केवल प्रशासनिक सुशासन पर सवाल उठाता है, बल्कि यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर मुद्दों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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