Last Updated:November 25, 2025, 08:44 IST
Operation Pawan-ऑपरेशन पवन भारत का पहला बड़ा विदेशी सैन्य अभियान था, जिसमें श्रीलंका में 1171 जवान शहीद हुए. पहली बार जनरल उपेंद्र द्विवेदी नेशनल वॉर मेमोरियल पर श्रद्धांजलि देंगे.
श्रीलंका में 1987-90 के बीच ऑपरेशन पवन हुआ थानई दिल्ली. आपने ऑपरेशन सिंदूर, ऑपरेशन ब्लू स्टार, कारगिल विजय दिवस तो खूब सुना होगा, पर कभी आपने ऑपरेशन पवन सुना है क्या? शायद आपका जवाब न में होगा. इस ऑपरेशन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1171 जवान मारे गए थे. सेना पहली बार इन्हें श्रद्धांजलि देने जा रही है. आइए जानते हैं कि क्या है ऑपरेशन पवन
आजादी के बाद भारत का पहला बड़ा विदेशी सैन्य अभियान था, जिसमें हमारे 1,171 जवान शहीद हुए और 3,500 से ज्यादा घायल हुए. श्रीलंका में 1987-90 के बीच ऑपरेशन पवन हुआ था. पहली बार कल (26 नवंबर) को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी खुद राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) पर इन वीरों को श्रद्धांजलि देंगे.
ऑपरेशन पवन था क्या?
1987 में राजीव गांधी सरकार ने श्रीलंका में तमिलों और सिंहला समुदाय के बीच चल रहे गृहयुद्ध को खत्म करने के लिए भारतीय शांति सेना (IPKF) भेजी। इसका मकसद लिट्टे (एलटीटीई) जैसे तमिल उग्रवादी संगठनों को हथियार डलवाना और शांति स्थापित करना. लेकिन लिट्टे ने समझौते को तोड़ दिया और भारतीय सेना से ही भिड़ गया. अक्टूबर 1987 से मार्च 1990 तक चले इस अभियान को ही ऑपरेशन पवन कहा गया. जंगलों-झाड़ियों में छिपे लिट्टे के साथ लड़ाई इतनी भयानक थी कि कई जवान तो अपने साथियों की लाशें तक नहीं ला पाए. सबसे बड़ा नाम परम वीर चक्र विजेता मेजर रामास्वामी परमेश्वरन का है, जो 25 नवंबर 1987 को शहीद हुए थे.
कोई आधिकारित स्मृति दिवस नही मनाया जाता
इसका कोई आधिकारिक स्मृति दिवस नहीं मनाया जाता था. हर साल कुछ पूर्व सैनिक, शहीदों की विधवाएं और परिजन चुपचाप स्मारक पर इकट्ठा होकर श्रद्धांजलि देते रहे, लेकिन सरकारी स्तर पर कुछ नहीं होता था. श्रीलंका ने तो कोलंबो में आईपीकेएफ का स्मारक बना रखा है.
पहली बार याद किया जाएगा
पहली बार सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह खुद पुष्पचक्र चढ़ाएंगे. इस मौके पर ऑपरेशन पवन के कई पूर्व सैनिक और शहीदों के परिजन भी मौजूद रहेंगे. एक पूर्व सैनिक ने बताया कि 38 साल बाद थोड़ी सी पहचान मिल रही है. अब तसल्ली होगी.
Sharad Pandeyविशेष संवाददाता
करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...और पढ़ें
करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...
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Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
November 25, 2025, 08:44 IST

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