Last Updated:November 25, 2025, 08:23 IST
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर किसकी गलती से गलत रनवे पर एरियाना अफगान एयरलाइंस की फ्लाइट FG-311 की लैंडिंग हुई. पायलट ने डीजीसीए को दिए बयान में खोली किसकी पोल, पढ़ें आईजीआई एयरपोर्ट के गड़बड़झाले की पूरी कहानी...
Why Ariana Afghan Airlines Aircraft Land on Wrong Runway: बस फासला चंद पलों का और दूरी चंद मीटर की थी. इधर एयर इंडिया का प्लेन रनवे 29R से टेकऑफ हुआ और पीछे से एरियाना अफगान एयरलाइंस का प्लेन इसी रनवे पर लैंड हो गया. वैसे तो, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रनवे के एक छोर से लैंडिंग और दूसरे छोर से टेकऑफ कोई नई बात नहीं है, पर इस घटना में गड़बड़झाला कुछ अलग था. चंद पलों का हेरफेर आईजीआई एयरपोर्ट पर हाहाकार मचाने के लिए काफी था.
दरअसल, रनवे 29R पर एरियाना अफगान एयरलाइंस की लैंडिंग शेड्यूल्ड नहीं थी. एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) ने इस प्लेन को रनवे 29L पर लैंडिंग के निर्देश दिए थे. लेकिन गलती से यह प्लेन 29L की जगह 29R पर लैंड हो गया, जो फ्लाइट सेफ्टी के हिसाब से भयंकर भूल थी. यह एक ऐसी गलती थी, जो पल भर में सैकड़ों पैसेंजर की जिंगदी उनसे छीन सकती थी. गनीमत रही कि सबकुछ ठीक रहा. लेकिन, बड़ा सवाल अभी भी यह बना हुआ है, इतनी भयावह गलती हुई तो हुई कैसे. इसके लिए असल में कौन जिम्मेदार है?
कैसा है रनवे का सिस्टम और असल में हुआ क्या?
हम इस घटना के असल जिम्मेदार की बात करें, इससे पहले आपको एयरपोर्ट के एयरसाइड से रूबरू कराते हैं. दिल्ली एयरपोर्ट में कुल चार रनवे हैं और हर रनवे के दोनों छोर को अलग-अलग नाम से जाना जाता है. एयरसाइड पर सबसे पहले रनवे 27-09 आता है. फिर दूसरा 28-10, तीसरा 29L-11L और चौथा 29R-11R है. आईजीआई एयरपोर्ट का रनवे 29L-11L और 29R-11R एक दूसरे समानांतर हैं. वैसे तो हवा के रुख के अनुसार यह तय किया जाता है कि किस रनवे का कौन सा छोर लैंडिग-टेकऑफ के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
फिलहाल की बात करें तो रनवे 29L-11L को एक्सक्लूसिवली लैंडिंग के लिए और 29R-11R को टेकऑफ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी व्यवस्था के तहत एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने काबुल से दिल्ली आई एरियाना अफगान एयरलाइंस की फ्लाइट FG-311 के पायलट को रनवे 29L-11L के 29L छोर से लैंडिंग करने के लिए कहा. लेकिन, यह प्लेन 29L में लैडिंग की बजाय उसके ठीक बगल में स्थित रनवे 29R-11R के 29R छोर से लैंड कर गया. जिसके बाद, एटीसी के लेकर एयरपोर्ट ऑपरेशन्स कंट्रोल सेंटर (एओसीसी) तक हड़कंप मच गया.
किसकी थी असल में गलती और किसकी खुल गई पोल!
एरियाना अफगान एयरलाइंस की फ्लाइट FG-311 के पायलट ने अपने बयान में कहा है कि लैंडिंग से ठीक पहले उनके प्लेन का इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम फेल हो गया था. वहीं, खराब दृश्यता की वजह से उसका प्लेन गलत रनवे की तरफ चला गया और वह रनवे 29L की जगह 29R पर लैंड कर गया. पायलट ने अपनी बात यहीं पर खत्म नहीं की. उसने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एटीसी की तरफ से उसे एक बार भी यह नहीं बताया गया कि वह गलत दिशा में जा रहा है. यानी इस घटना को लेकर अब एटीसी भी सवालों के घेरे में है.
पायलट का दावा है कि फ्लाइट-क्रू को इस बारे में तब पता चला, जब प्लेन गलत रनवे पर लैंड कर चुका था और वे रनवे खाली कर चुके थे. एटीसी टावर ने उन्हें बताया कि वह रनवे 29L की जगह रनवे 29R पर उतरे हैं. डीजीसीए के सूत्रों के अनुसार, पायलट के बयान की जांच की जा रही है. साथ ही, एटीसी के साथ हुई बातचीत को भी खंगाला जा रहा है. क्या इस घटना के लिए पायलट के साथ-साथ एटीसी भी जिम्मेदार है, इसका खुलासा जल्द डीजीसीए की जांच में सामने आ जाएगा. आपको बता दें कि एरियाना अफगान एयरलाइंस की फ्लाइट FG-311 की लैंडिंग से ठीक पहले एयर इंडिया की रियाद जाने वाली फ्लाइट रनवे 29R-11R से टेकऑफ हुई थी.
क्या है आईएलएस सिस्टम, जिसकी खराबी से हुई यह घटना
आईएलएस एक रेडियो नेविगेशन सिस्टम है, जो रेडियो सिग्नलों के माध्यम से रनवे की ओर आते हुए प्लेन्स को सटीक डायरेक्शन देता है. आईएलएस सिस्टम की मदद से पायलट को प्लेन की रनवे से ऊंचाई, दूरी और एलाइनमेंट के बारे में पता चला है. सामान्य तय: लैंडिंग के दौरान लगभग सभी पायलट आईएलएस सिस्टम की मदद लेते हैं, पर खराब दृश्यता की स्थित आईएलएस सिस्टम प्लेन्स की लैंडिंग में खासतौर पर सहायक होता है. आईएलएस न होने पर पायलट विजुअल अप्रोच की मदद से भी लैंडिंग कर सकते हैं.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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First Published :
November 25, 2025, 08:21 IST

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