एयर इंडिया का प्लेन क्यों हुआ क्रैश? 10 प्वाइंट में जानिये पूरी जांच रिपोर्ट

5 hours ago

Last Updated:July 12, 2025, 06:52 IST

Air India Plane Crash Reason: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. यह हादसा तकनीकी खराबी, मानवीय चूक, या किसी अनदेखी चेतावनी का परिणाम था? आइए इसे समझने के लि...और पढ़ें

एयर इंडिया का प्लेन क्यों हुआ क्रैश? 10 प्वाइंट में जानिये पूरी जांच रिपोर्ट

अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया के प्लेन क्रैश की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है.

हाइलाइट्स

अहमदाबाद में एयर इंडिया प्लेन क्रैश की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आई.विमान हादसे के पीछे फ्यूल स्विच की खराबी को वजह बताया गया.दोनों इंजन के फ्यूल स्विच एक के बाद एक 'रन' से 'कटऑफ' स्थिति में चले गए.

अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया के प्लेन क्रैश की वजह अब सामने आ गई है. यह विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन-गैटविक के लिए उड़ान भरने के महज 32 सेकंड बाद मेघानी नगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में गिरा था, जिससे विमान में सवाल 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई, साथ ही जमीन पर 33 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे केवल एक यात्री विश्वासकुमार रमेश चमत्कारिक रूप से बच निकले.

भारत के इतिहास में हुए सबसे घातक विमान दुर्घटनाओं में से एक ने देश को झकझोर दिया है, और अब प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े किए हैं. इस रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि उड़ान के कुछ सेकंड बाद ही दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच एक के बाद एक ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए, जिसके कारण विमान की शक्ति पूरी तरह खत्म हो गई.

यह हादसा तकनीकी खराबी, मानवीय चूक, या किसी अनदेखी चेतावनी का परिणाम था? आइए इसे समझने के लिए प्रारंभिक रिपोर्ट की 10 प्रमुख बातों पर नजर डालते हैं…

दोनों इंजनों का अचानक बंद होना: विमान ने 12 जून 2025 को दोपहर 13:39 बजे (08:09 UTC) अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी. उड़ान भरने के महज 32 सेकंड बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए. इससे दोनों इंजनों की शक्ति तुरंत खत्म हो गई, और विमान की गति और ऊंचाई तेजी से कम होने लगी.

पायलटों के बीच भ्रम : कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग (CVR) में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, ‘तुमने इंजन क्यों बंद किया?’ जिसका जवाब दूसरा पायलट देता है, ‘मैंने नहीं किया.’ यह दिखाता है कि फ्यूल स्विच का बंद होना पायलटों की जानकारी के बिना हुआ, जिससे मानवीय चूक की संभावना कम हो जाती है.

मेडे कॉल और रेडियो संपर्क टूटना : लगभग 08:09:05 UTC पर, पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने ‘मेडे मेडे मेडे’ का आपातकालीन कॉल किया, जिसका मतलब है कि विमान गंभीर संकट में था. एयर ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिसर (ATCO) ने कॉल साइन मांगा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद विमान एयरपोर्ट की सीमा से बाहर क्रैश हो गया.

रैम एयर टरबाइन (RAT) का सक्रिय होना: उन्नत एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR) डेटा के अनुसार, 08:08:47 UTC पर रैम एयर टरबाइन (RAT) चालू हो गई, जो तब सक्रिय होती है जब विमान की मुख्य शक्ति पूरी तरह खत्म हो जाती है. यह हाइड्रॉलिक पावर प्रदान करती है, लेकिन विमान को बचाने के लिए यह काफी नहीं थी.

इंजन को फिर से चालू करने की असफल कोशिश: पायलटों ने इंजन 1 को फिर से चालू करने की कोशिश की, जो आंशिक रूप से सफल रही, लेकिन इंजन 2 पूरी तरह बंद रहा. थ्रस्ट की कमी के कारण विमान केवल 650 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सका और फिर तेजी से नीचे गिरने लगा.

फ्यूल स्विच की अनदेखी चेतावनी: अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 2018 में एक सलाह (SAIB NM-18-33) जारी की थी, जिसमें बोइंग 787 के फ्यूल कंट्रोल स्विच में संभावित खराबी की चेतावनी दी गई थी. यह सलाह अनिवार्य नहीं थी, लेकिन एयर इंडिया ने इसकी जांच नहीं करवाई, जो अब एक बड़ा सवाल है.

तकनीकी स्थिति: विमान 11 साल पुराना था, जिसने 41,868 उड़ान घंटे पूरे किए थे. इसका अंतिम एयरवर्थीनेस सर्टिफिकेट 22 मई 2025 को जारी हुआ था. दोनों इंजन (GEnx-1B) हाल ही में बदले गए थे—एक मार्च 2025 और दूसरा मई 2025 में. कुछ छोटी तकनीकी खामियां थीं, लेकिन कोई भी उड़ान को रोकने वाली नहीं थी.

कोई बाहरी हाथ नहीं: जांच में पाया गया कि टेकऑफ के समय मौसम साफ था, हल्की हवा और अच्छी दृश्यता थी. कोई पक्षी टकराने की घटना या आतंकी हमले का सबूत नहीं मिला. विमान का वजन और सामान भी नियमों के अनुसार था.

फ्लैप और लैंडिंग गियर की सही स्थिति: ब्लैक बॉक्स डेटा के अनुसार, टेकऑफ के समय फ्लैप और लैंडिंग गियर सही स्थिति में थे, जिससे कॉन्फिगरेशन त्रुटि की संभावना खत्म हो जाती है. हालांकि, थ्रस्ट लीवर ‘आइडल’ पर थे, जबकि सिस्टम ने टेकऑफ के लिए पूरी शक्ति दिखाई, जो एक तकनीकी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है.

तत्काल बचाव कार्य: दुर्घटना के तुरंत बाद, 08:14:44 UTC पर अहमदाबाद हवाई अड्डे से क्रैश फायर टेंडर (दमकल वाहन) रवाना हुआ. स्थानीय प्रशासन, 300 से अधिक दमकलकर्मी, 60 दमकल वाहन, और 20 एम्बुलेंस तैनात की गईं. नरोदा GIDC और पड़ोसी शहरों की टीमें भी बचाव में शामिल हुईं.

यह प्रारंभिक रिपोर्ट विमान दुर्घटना की वजह बताने के साथ ही कई सवाल भी खड़े करती है. यहां फ्यूल कंट्रोल स्विच का अचानक बंद होना और दोनों इंजनों का फेल होना इस हादसे की बड़ी वजह दिख रहे हैं. भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB), अमेरिका की NTSB, और बोइंग के एक्सपर्ट संयुक्त रूप से ब्लैक बॉक्स (EAFR) का विश्लेषण कर रहे हैं और आने वाले वक्त में कुछ और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...

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