Last Updated:June 26, 2025, 15:03 IST
ईरान ने भारत को समर्थन देने के लिए शुक्रिया कहा. इससे पहले इजरायल ने भी भारत की तारीफ की थी. आइए जानते हैं कि मिडिल ईस्ट क्राइसिस में भारत की डिप्लोमेसी कैसे सफल रही.

भारत की कूटनीति से इजरायल और ईरान दोनों खुश.
हाइलाइट्स
ईरान जंग में भारत के लिए था बड़ा धर्मसंकट, किसका साथ दें.एक का साथ देने के मतलब दूसरे दोस्त को नाराज करना था.भारत ने दोनों देशों को एक जैसा रिस्पेक्ट देकर गजब कूटनीति दिखाई.ईरान-इजरायल के बीच जंग छिड़ी तो सबके मन में एक ही सवाल था कि भारत किसका साथ देगा? क्योंकि ईरान के भारत के साथ दशकों पुराने रिश्ते हैं, तो इजरायल हर मुसीबत में साथ खड़ा नजर आया है. भारत के लिए यह धर्मसंकट की तरह था. क्योंकि एक के साथ जाने का मतलब था, दूसरे को नाराज करना. लेकिन भारत ने गजब की डिप्लोमेसी दिखाई. नतीजा, ईरान भी भारत को थैंक्यू बोल रहा है तो उधर इजरायल भी खुश है.
ईरानी दूतावास ने बुधवार को बकायदा एक बयान जारी कर भारत और भारतीय लोगों का सपोर्ट करने के लिए धन्यवाद दिया. दूतावास ने कहा कि भारत के कई राजनीतिक दलों, सांसदों, सामाजिक संगठनों, पत्रकारों, शिक्षकों, धार्मिक नेताओं और आम नागरिकों ने ईरान के साथ एकजुटता दिखाई. ये समर्थन जनसभाओं, शांति मार्च और बयानों के जरिए मिला, जिससे हमें साहस और मजबूती मिली. भारत के लोग इजरायली हमले के वक्त ईरान के साथ दृढ़ता से खड़े रहे.
‘जय ईरान–जय हिन्द का नारा’
दूतावास ने कहा, भारत और ईरान के लोगों के बीच दीर्घकालिक संबंध क्षेत्रीय मामलों में निरंतर सहयोग और आपसी समझ के लिए आधार प्रदान करते हैं. निस्संदेह, हम भारत के महान राष्ट्र के लोगों और संस्थानों द्वारा दिखाए गए वास्तविक और अमूल्य समर्थन के लिए अपनी ईमानदारी से प्रशंसा व्यक्त करते हैं. लेकिन सबसे खास बात, बयान के आखिर में लिखा गया, ‘जय ईरान–जय हिन्द’, जो लोगों के दिल को छू गया.
जब इजरायल ने की तारीफ
इससे पहले इजरायली विदेश मंत्रालय ने भारत की आतंक विरोधी नीति, तकनीकी सहयोग और रणनीतिक संतुलन की खुलकर तारीफ की थी. साथ ही समर्थन देने के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया था. ईरान ने कहा, हमारे लिए भारत ना सिर्फ एक विश्वसनीय साझेदार है, बल्कि एक ऐसा राष्ट्र भी है जो वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए निर्णायक भूमिका निभा रहा है. इजरायल ने मिडिल ईस्ट क्राइसिस पर निष्पक्ष और संतुलित रुख रखने के लिए रुख की तारीफ की थी, जिसमें भारत ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हुए मानवीय सहायता पहुंचाई और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन की वकालत की.
इन 4 प्वाइंट से समझिए भारत की तारीफ क्यों हो रही?
1. ईरान-इजरायल जंग में भारत ने संतुलित रुख अपनाया. भारत ने न तो इजरायल के पक्ष में खुला समर्थन किया, न ही ईरान की आलोचना की. उसने शांति की अपील करते हुए संयम बरतने की बात कही, जिससे दोनों देशों से रिश्ते सुरक्षित रहे.
2. भारत ने युद्धग्रस्त क्षेत्रों में मेडिकल और राहत सामग्री भेजी, जिससे उसकी ह्यमूनटेरियन पॉवर की छवि मजबूत हुई. इससे वैश्विक मंचों भारत की एक अलग छवि सामने आई.
3. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में सक्रिय भूमिका निभाई. भारत किसी भी प्रस्ताव का हिस्सा नहीं बना. उसने सीजफायर की पैरवी की और जरूरत पड़ने पर मदद करने का भरोसा दिया.
4. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न सिर्फ इजरायल के संपर्क में रहे, बल्कि उन्होंने ईरान के नेताओं से भी बात की. साफ कहा कि यह युद्ध का वक्त नहीं है. मिलकर बातचीत से ही संकट का हल निकलेगा.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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