Last Updated:June 26, 2025, 17:52 IST

वैवाहिक मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैवाहिक मामलों में मध्यस्थता की अवधारणा के बारे में ‘गलतफहमी’ है और अक्सर मध्यस्थता का मतलब यह माना जाता है कि दोनों पक्षों को एक साथ रहना होगा. जस्टिस के वी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह ने एक ट्रांसफर पिटिशन पर यह टिप्पणी की. जस्टिस विश्वनाथन ने कहा, “वैवाहिक मामलों में हमने पाया है कि मध्यस्थता की अवधारणा को लेकर गलतफहमी है.”
उन्होंने कहा, “जैसे ही हम मध्यस्थता की बात करते हैं, उन्हें लगता है कि हम उन्हें साथ रहने के लिए कह रहे हैं. हमें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि वे साथ हैं या अलग. हम बस मामले का हल चाहते हैं. हम चाहेंगे कि वे साथ रहें….”
सुप्रीम कोर्ट ने वाणिज्यिक अदालतें अधिनियम, 2015 का उल्लेख किया, जिसमें मुकदमा दायर करने से पहले मध्यस्थता और समाधान की प्रक्रिया का प्रावधान है. पीठ ने कहा, “वाणिज्यिक अदालतें अधिनियम में भी आपको इस प्रक्रिया से गुजरना होता है.”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi