Last Updated:December 31, 2025, 12:41 IST
Sleeper Vande Bharat maximum speed trial- राजधानी ट्रेन को पछाड़ने एक नई ट्रेन आने वाली है. इस ट्रेन में जब आप सोते हुए सफर करेंगे, तो आपको ट्रेन का नहीं घर के बेड पर सोने जैसा अहसास होगा. यानी आपको जरा भी झटका नहीं लगेगा. भारतीय रेलवे कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी द्वारा 180 किमी. प्रति घंटे की स्पीड से चलाकर इसका सफल ट्रायल हो भी चुका है.
तीन पानी के ग्लास के ऊपर एक ग्लास रखकर 180 की स्पीड से दौड़ी वंदेभारत, पर एक बूंद पानी नहीं छलका.नई दिल्ली. भारतीय रेलवे के बेड़े में राजधानी ट्रेन को पछाड़ने एक नई ट्रेन शामिल होने वाली है. इस ट्रेन में जब आप सोते हुए सफर करेंगे, तो आपको ट्रेन का नहीं घर के बेड में सोने जैसा अहसास होगा. यानी आपको झटके नहीं लगेंगे. भारतीय रेलवे कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी द्वारा 180 किमी. प्रति घंटे की स्पीड से चलाकर इसका सफल ट्रायल हो भी चुका है. यह जानकारी स्वयं रेल मंत्री ने अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है.
अभी तक देश में सिटिंग वंदेभारत एक्सप्रेस की 164 सर्विस चल रही हैं. ट्रेन 180 की स्पीड के लिए डिजाइन है और पूर्व में इसका इस स्पीड से ट्रायल भी हो चुका है. लेकिन भारतीय रेलवे जल्द ही स्लीपर वंदेभारत शुरू करने वाला है. इसका ट्रायल चल रहा है. अन्य तरह के ट्रायल के साथ स्पीड का भी ट्रायल हुआ है. रेल मंत्री द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार कोटा-नागदा सेक्शन पर ट्रेन ने अधिकतम 180 किमी/घंटा की स्पीड का ट्रायल किया है, जो सफल रहा है.
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बेड जैसा क्यों होगा अहसास
इस ट्रायल की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि ट्रेन के अंदर पानी से भरे तीन ग्लासों के ऊपर एक ग्लास रखा गया और ट्रेन 180 की स्पीड से दौड़ी, लेकिन न तो ग्लास गिरा और नही पानी झलका. यानी फुल स्पीड में दौड़ने के बावजूद किसी भी तरह के झटके ट्रेन में नहीं लगे. इसी तरह जब आप इस ट्रेन से सफर के दौराए सोएंगे तो झटकों का अहसास नहीं होगा. यानी जिस तरह आपको घर सोने में झटके नहीं लगते हैं, उसी तरह इसमें भी नहीं लगेंगे.
राजधानी को कैसे पीछे छोड़ेगी
अभी तक सबसे तेज ऐसी ट्रेन, जिसमें सोकर सफर किया जाता है, वो राजधानी एक्सप्रेस है. इसकी अधिकतम स्पीड 140 किमी. प्रति घंटे की है, लेकिन अब वंदेभारत स्लीपर ट्रेन 180 की स्पीड से दौड़ेगी. इस तरह ये राजधानी को पीछे छोड़ देगी.
ट्रायल में क्या हुआ
ट्रायल के दौरान ट्रेन की सवारी स्थिरता, कंपन, ब्रेकिंग प्रदर्शन, इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम, सुरक्षा उपकरण और अन्य महत्वपूर्ण पैरामीटर्स की जांच की गई। सभी ट्रायल पूरी तरह सफल रहे और सीआरएस ने इसे सफल घोषित किया.
रेल मंत्री ने क्या दी जानकारी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर इस हाई-स्पीड ट्रायल का वीडियो साझा किया, जिसमें वाटर-ग्लास स्थिरता प्रदर्शन दिखाया गया. तेज गति पर भी पानी से भरे गिलासों में एक बूंद भी नहीं छलकी, जो ट्रेन की उन्नत सस्पेंशन, बेहतर राइड क्वालिटी और तकनीकी मजबूती को साफ दर्शाता है. यह 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर रेक लंबी दूरी की यात्रा के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
December 31, 2025, 12:33 IST

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