Last Updated:December 31, 2025, 14:27 IST
गुजरात की पारंपरिक बथुआ मुठिया सर्दियों में आयरन, फाइबर और कैल्शियम से भरपूर हेल्दी स्नैक है, जो वजन घटाने और पाचन सुधारने में मदद करती है.

सर्दियों में बथुआ (Chenopodium) एक बेहद पौष्टिक हरी पत्ती वाली सब्जी है, जो आयरन और फाइबर से भरपूर होती है. गुजरात में बथुआ से बनने वाली मुठिया एक पारंपरिक और हेल्दी स्नैक है, जिसे नाश्ते या शाम की चाय के साथ परोसा जाता है. यह डिश न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि वजन नियंत्रित रखने और पाचन सुधारने में भी मदद करती है. आइए जानें इसे बनाने का आसान तरीका.
बथुआ मुठिया बनाने के लिए सामग्री
2 कप बथुआ (बारीक कटा हुआ)
1 कप गेहूं का आटा
½ कप बेसन
2 बड़े चम्मच सूजी (वैकल्पिक)
1-2 हरी मिर्च (बारीक कटी)
1 छोटा चम्मच अदरक पेस्ट
½ छोटा चम्मच हल्दी
1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
1 छोटा चम्मच तिल
नमक स्वादानुसार
1 बड़ा चम्मच तेल
नींबू का रस
पानी जरूरत अनुसार
बनाने का तरीका
मिश्रण तैयार करें
एक बड़े बर्तन में बथुआ, गेहूं का आटा, बेसन, सूजी, हरी मिर्च, अदरक पेस्ट, मसाले, तिल और नमक डालें. इसमें थोड़ा तेल और नींबू का रस मिलाएं.
आटा गूंधें
जरूरत अनुसार पानी डालकर सख्त आटा गूंध लें.
मुठिया बनाएं
आटे से छोटे-छोटे सिलिंडर या रोल बनाएं.
स्टीम करें
इन्हें स्टीमर में 15-20 मिनट तक पकाएं. पकने के बाद ठंडा होने दें.
तड़का लगाएं
एक पैन में तेल गरम करें, उसमें राई, तिल और करी पत्ते डालें. फिर स्टीम की हुई मुठिया को हल्का सा भून लें.
बथुआ मुठिया खाने के फायदे
पौष्टिकता से भरपूर: बथुआ आयरन, कैल्शियम और फाइबर का अच्छा स्रोत है.
वजन घटाने में मददगार: यह कम कैलोरी और हाई फाइबर स्नैक है.
पाचन सुधारता है: बथुआ और बेसन दोनों ही पेट को हल्का रखते हैं.
डायबिटीज़ फ्रेंडली: इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है.
टिप्स
मुठिया को ज्यादा हेल्दी बनाने के लिए तड़का कम तेल में लगाएं.
चाहें तो तड़के में तिल और नींबू का रस डालकर स्वाद बढ़ा सकते हैं.
इसे हरी चटनी या दही के साथ परोसें.
गुजराती बथुआ मुठिया सर्दियों में एक बेहतरीन हेल्दी स्नैक है. इसे बनाना आसान है और यह स्वाद और सेहत दोनों का संगम है.
First Published :
December 31, 2025, 14:27 IST

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