Stainless Steel utensils benefits: भारतीय घरों में आमतौर पर एल्यूमिनियम, कांच, स्टील, चीनी-मिट्टी, पीतल, तांबा आदि धातुओं के बर्तन पाए जाते हैं. आपके भी घर में भी ये सब होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि 21वीं सदी पर राज करने वाले मिलेनियल्स यानि जेनरेशन वाई और जेन-Z किससे बने बर्तनों में खाना पकाना और खाना पसंद कर रहे हैं. आपको अचंभा होगा कि मॉडर्न सोच, ग्लोबल इफैक्ट और आजाद ख्यालों वाले जेन-जी अपने खाना-खाने के बर्तनों को लेकर बहुत सजग हैं और इसी के चलते आदतों में बदलाव कर रहे हैं.
मार्केट ट्रेंड्स पर हाल ही में आई ग्रैंड व्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार भारत में आज बड़ी संख्या में युवा दैनिक खाना पकाने के लिए नॉन-स्टिक और एल्युमीनियम के बर्तनों से दूरी बनाकर स्टेनलेस स्टील के बर्तनों को अपनाने लगे हैं. जेन जी और मिलेनियल्स जो वर्तमान समय में सबसे ज्यादा हेल्थ के प्रति जागरूक और जानकारी रखने वाले उपभोक्ता वर्ग हैं, ऐसे विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो लंबे समय तक स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हों, मजबूत और टिकाऊ हों साथ ही एक बेहतरीन और जिम्मेदार जीवनशैली को बढ़ावा दें.
रिपोर्ट कहती है कि सिंथेटिक कोटिंग वाले बर्तनों से जुड़े हेल्थ रिस्क को लेकर बढ़ती जागरूकता इस बदलाव की बड़ी वजह है. नॉन-स्टिक बर्तन जब ज्यादा तापमान पर इस्तेमाल किए जाते हैं तो वे खराब हो सकते हैं और उनसे PFOA व PTFE जैसे रसायन निकलने की आशंका रहती है, जिन्हें स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक माना जाता है. इसके मुकाबले स्टेनलेस स्टील जो लोहे, क्रोमियम और निकल से बना होता है, खाना पकाने के लिए एक सुरक्षित और गैर-प्रतिक्रियाशील विकल्प माना जाता है.
स्टेनलेस स्टील के बर्तनों के क्या हैं फायदे
स्टील के बर्तन स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं.
कई अन्य रिसर्च भी स्टील के बर्तनों के फायदे गिना चुकी हैं, वहीं यह रिपोर्ट बताती है कि 18/10 जैसे प्रीमियम ग्रेड स्टेनलेस स्टील भारतीय खाना पकाने के लिए खास तौर पर सही हैं, खासकर कढ़ी, दाल और टमाटर की ग्रेवी जैसे खट्टे व्यंजनों के लिए. इसकी चिकनी सतह पर बैक्टीरिया आसानी से नहीं पनपते और गर्मी समान रूप से फैलने के कारण खाने के पोषक तत्व भी बेहतर तरीके से सुरक्षित रहते हैं.जंग से बचाव और बेहतर स्वच्छता जैसे गुणों के चलते युवा परिवारों के बीच स्टेनलेस स्टील के बर्तनों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है.
युवा हो गए जागरुक
इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजमणि कृष्णमूर्ति कहते हैं कि आज के युवा, खासकर जेन जी और मिलेनियल्स, पहले की पीढ़ियों के मुकाबले स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सजग और जागरूक हैं. यह जागरूकता अब उनके किचन से जुड़े फैसलों में भी साफ दिखाई दे रही है. उनके अनुसार, स्टेनलेस स्टील इस सोच को मजबूती देती है कि यह सुरक्षित होता है, खाने के साथ किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं करता और लंबे समय तक चलने वाला विकल्प है.
उन्होंने यह भी बताया कि युवा उपभोक्ता स्टेनलेस स्टील को सिर्फ मजबूती के कारण नहीं, बल्कि इसलिए चुन रहे हैं क्योंकि इससे सुरक्षित और पौष्टिक भोजन पकाने का भरोसा मिलता है. यह पीढ़ी अब ऐसे विकल्पों की ओर बढ़ रही है जो स्वास्थ्य, पर्यावरण और जिम्मेदार जीवनशैली को बढ़ावा देते हैं.
किफायती हैं ये बर्तन
स्टेनलेस स्टील की मजबूती इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती है. ये बर्तन तेज आंच, रोजाना की रगड़कर होने वाली सफाई और लंबे समय तक इस्तेमाल को झेलने में सक्षम होते हैं. इसलिए इन्हें बार-बार बदलने की जरूरत नहीं पड़ती, जो इसे लंबे समय में एक किफायती विकल्प बनाता है.
बाजार में मिल रहे मल्टी लेयर बर्तन
आजकल बाजार में मल्टी-लेयर वाले स्टेनलेस स्टील बर्तन भी उपलब्ध हैं, जिनमें एल्युमीनियम या तांबे की परत जुड़ी होती है.लिहाजा ये गर्मी को समान रूप से फैलाते हैं, जिससे खाना एक जगह जलता नहीं है और ये इंडक्शन कुकिंग के लिए भी उपयुक्त हैं. उद्योग के आंकड़े बताते हैं कि कुल बाजार में ‘पॉट्स और पैन’ का हिस्सा 41 फीसदी से ज्यादा है, जिसमें लगभग 67 फीसदी मांग घरेलू उपयोग से आती है.
रीसाइकिल किया जा सकता है स्टील
यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं. स्टेनलेस स्टील पूरी तरह से रीसाइक्लेबल है और इसकी गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे कचरे को कम करने में मदद मिलती है. इसके अलावा, ‘ग्रीन स्टील’ का बढ़ता उपयोग और प्रदूषण कम करने वाली निर्माण तकनीकें पर्यावरण पर इसके प्रभाव को और भी कम कर रही हैं.
दुनिया में फैल रहा स्टील का बाजार
दुनिया भर में स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का बाजार 2024 में 8.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था और 2030 तक यह 12.46 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. भारत में यह बाजार पिछले साल 857.9 मिलियन डॉलर का था और शहरीकरण और घर पर खाना बनाने में बढ़ती रुचि के कारण 2030 तक यह 1,367.6 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 8.1 फीसदी की सालाना वृद्धि दर को दर्शाता है.
सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे ये बर्तन
इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने स्टेनलेस स्टील बर्तनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. देखा जा रहा है कि आज के समय में इन्फ्लुएंसर्स और होम शेफ्स अपनी रोजमर्रा की रेसिपी और आधुनिक किचन सेटअप में इन बर्तनों का व्यापक रूप से उपयोग कर रहे हैं. कोविड 19 के बाद से घर पर खाना पकाने की आदत मजबूत बनी हुई है, और खासकर एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में यह रुझान तेजी से बढ़ रहा है.

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