Last Updated:May 21, 2025, 20:17 IST
INSV Kaundinya: नौसेना में शामिल यह सबसे नया जहाज है. जल्द ही अपनी पहली यात्रा के लिए रवाना होगा. समंदर में इसके सभी ट्रायल पूरे किए जा चुके हैं. यह जहाज जब महासागर में निकलेगा तो यह इंडियन नेवी की पुरानी परंप...और पढ़ें

सदियों बाद फिर से रवाना होगा अपने सफर पर प्राचीन जहाज
हाइलाइट्स
INSV कौंडिन्य को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया.यह जहाज 5वीं शताब्दी की तकनीक से बनाया गया है.पहला सफर पुराने समुद्री रूट को फॉलो करेगा.INSV Kaundinya: अपनी विरासत को फिर से जीवित होते देखना किसी रोमांच से कम नहीं है. जो जहाज 5वीं शताब्दी में समंदर पर राज करते थे, अब फिर से 21वीं सदी में सफर की शुरुआत करेंगे. इस प्राचीन जहाज के नए अवतार को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के मंत्री गजेंद्र शेखावत ने आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल किया. यह कार्यक्रम बुधवार को नौसेना के कारवार नेवल बेस पर आयोजित किया गया. हाथ से बनाए गए लकड़ी के इस प्राचीन जहाज का नाम दिया गया है INSV कौंडिन्य. 12 सितंबर 2023 को इसे लेकर एग्रीमेंट किया गया था, जो मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर, इंडियन नेवी और होडी शिपयार्ड गोवा के बीच हुआ था. इसी साल फरवरी में इस जहाज को लॉन्च किया गया था. इस साल के अंत में INSV कौंडिन्य अपने पहले सफर पर रवाना होगा. यह सफर गुजरात से शुरू होगा और ओमान में खत्म होगा. इस पूरे सफर के दौरान INSV कौंडिन्य अपने पुराने समुद्री व्यापारिक रूट को फॉलो करेगा, इस सफर को पुराने जमाने की नेविगेशन तकनीक के जरिए पूरा किया जाएगा.
स्टिच शिप है बेहद खास
अजंता की गुफाओं में 5वीं शताब्दी की एक पेंटिंग में बने एक जहाज को फिर से जीवित किया गया है. खास बात यह है कि पुराने समय में महासागर में जाने के लिए जिस तकनीक से जहाज बनाए जाते थे, उसे स्टिच्ड तकनीक कहते हैं. इसी तकनीक से बने इस जहाज को नौसेना में शामिल किया गया है. पुराने समय में लकड़ी के बड़े-बड़े जहाज, हवा की ताकत से समंदर की लहरों पर राज करते थे. अब फिर से इतिहास को दोहराया जा रहा है.
आज के दौर में लकड़ी का जहाज
भारत अब शिपबिल्डिंग में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो चुका है. भारतीय नौसेना में शामिल होने वाले ज्यादातर जहाज देश में ही बनाए गए हैं. नई तकनीक के इन जहाजों ने भारत की ताकत को बढ़ाया है. अब 5वीं सदी के जहाज को ठीक उसी तरह से बनाकर भारत ने एक और कीर्तिमान स्थापित किया है. इस जहाज को पूरी तरह से लकड़ी से बनाया गया है, जिसमें किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है. लकड़ियों को जोड़ने के लिए रस्सी, नारियल फाइबर और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया है. इस जहाज के निर्माण के लिए काफी रिसर्च की गई और नेवी ने इसके डिजाइन और निर्माण को हर स्टेज पर मॉनिटर किया.
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