आपकी बालकनी बन सकती है एक मिनी ऑरेंज गार्डन, आज ही लगाए बोन्साई सिट्रस ट्री

5 hours ago

Last Updated:November 07, 2025, 17:47 IST

Gardening Tips : नींबू, मौसंबी और संतरे के पेड़ अब सिर्फ बागों तक सीमित नहीं रहे! थोड़ी सी देखभाल और सही तकनीक से ये पेड़ बोन्साई के रूप में आपकी बालकनी की शान बढ़ा सकते हैं. खट्टे फलों की खुशबू, ताजगी और हरियाली से भरे ये सिट्रस बोन्साई न सिर्फ सजावट बल्कि जीवनशैली का हिस्सा बन रहे हैं.

बोन्साई का नाम सुनते ही अक्सर बौने फिकस या जुनिपर के ही ख्याल आते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींबू, मौसंबी और संतरे के पेड़ भी बोन्साई का रूप ले सकते हैं? ये खट्टे फलों वाले बोन्साई न सिर्फ आपकी बालकनी की शोभा बढ़ाएंगे, बल्कि ताजे फलों और सुगंधित फूलों का भी खजाना देंगे। सही पौधों और जरा सी देखभाल से आपकी छोटी सी बालकनी एक हरा-भरा बगीचा बन सकती है।

बोन्साई का नाम सुनते ही अक्सर बौने फिकस या जुनिपर के ही ख्याल आते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींबू, मौसंबी और संतरे के पेड़ भी बोन्साई का रूप ले सकते हैं? ये खट्टे फलों वाले बोन्साई न सिर्फ आपकी बालकनी की शोभा बढ़ाएंगे, बल्कि ताजे फलों और सुगंधित फूलों का भी खजाना देंगे. सही पौधों और जरा सी देखभाल से आपकी छोटी सी बालकनी एक हरा-भरा बगीचा बन सकती है.

कौन सी किस्में हैं उपयुक्त? ऐसी किस्में चुनें जो प्राकृतिक रूप से छोटी हों या फिर गमले में उगने के लिए अनुकूल हों। भारतीय मौसम के हिसाब से मेयर लेमन , कैलामोंडिन, कागजी नींबू और किन्नू बेहतर विकल्प हैं। ये पेड़ आमतौर पर 2 से 4 फीट की ऊंचाई तक बढ़ते हैं और मध्यम आकार के गमलों में आसानी से फल देते हैं।

कौन सी किस्में हैं उपयुक्त?<br />ऐसी किस्में चुनें जो प्राकृतिक रूप से छोटी हों या फिर गमले में उगने के लिए अनुकूल हों. भारतीय मौसम के हिसाब से मेयर लेमन, कैलामोंडिन, कागजी नींबू और किन्नू बेहतर विकल्प हैं. ये पेड़ आमतौर पर 2 से 4 फीट की ऊंचाई तक बढ़ते हैं और मध्यम आकार के गमलों में आसानी से फल देते हैं.

गमला और मिट्टी का रखें खास ख्याल गमला कम से कम 14-18 इंच गहरा हो और उसके तले में जल निकासी के छेद अवश्य हों। खट्टे फलों के पेड़ों की जड़ें गीली मिट्टी बर्दाश्त नहीं कर पातीं। मिट्टी का मिश्रण तैयार करने के लिए बराबर मात्रा में बगीचे की मिट्टी, कम्पोस्ट और मोटी बालू मिलाएं। हर महीने जैविक खाद या नीम की खल्ली डालकर पोषण देते रहें।

गमला और मिट्टी का रखें खास ख्याल<br />गमला कम से कम 14-18 इंच गहरा हो और उसके तले में जल निकासी के छेद अवश्य हों. खट्टे फलों के पेड़ों की जड़ें गीली मिट्टी बर्दाश्त नहीं कर पातीं. मिट्टी का मिश्रण तैयार करने के लिए बराबर मात्रा में बगीचे की मिट्टी, कम्पोस्ट और मोटी बालू मिलाएं. हर महीने जैविक खाद या नीम की खल्ली डालकर पोषण देते रहें.

धूप है सबसे जरूरी इन पेड़ों को रोजाना कम से कम 5-6 घंटे की सीधी धूप चाहिए। बालकनी या छत का ऐसा कोने चुनें जहां धूप पूरी आती हो। अगर धूप एक तरफ से आ रही है, तो हर कुछ दिनों में गमले का रुख बदलते रहें ताकि पेड़ का विकास समान रूप से हो।

धूप है सबसे जरूरी<br />इन पेड़ों को रोजाना कम से कम 5-6 घंटे की सीधी धूप चाहिए. बालकनी या छत का ऐसा कोने चुनें जहां धूप पूरी आती हो. अगर धूप एक तरफ से आ रही है, तो हर कुछ दिनों में गमले का रुख बदलते रहें ताकि पेड़ का विकास समान रूप से हो.

पानी देना है सबकी अलग जरूरत मिट्टी को हल्का नम रखें, लेकिन कभी भी कीचड़ जैसा गीला न होने दें। गर्मियों में रोजाना पानी देना पड़ सकता है, जबकि सर्दियों में कम। हर बार पानी देने से पहले मिट्टी की ऊपरी सतह को जरूर चेक करें—सूखी लगे तभी पानी दें।

मिट्टी को हल्का नम रखें, लेकिन कभी भी कीचड़ जैसा गीला न होने दें. गर्मियों में रोजाना पानी देना पड़ सकता है, जबकि सर्दियों में कम. हर बार पानी देने से पहले मिट्टी की ऊपरी सतह को जरूर चेक करें- सूखी लगे तभी पानी दें.

कटाई-छंटाई पेड़ को सुडौल आकार देने और फलों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमित छंटाई जरूरी है। लंबी बढ़ रही शाखाओं को काटें और मोटी शाखाओं को सही दिशा देने के लिए एल्युमिनियम तार का सहारा लें। हर दो-तीन साल में जड़ों की छंटाई करके पेड़ को नए गमले में लगाएं।

कटाई-छंटाई<br />पेड़ को सुडौल आकार देने और फलों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमित छंटाई जरूरी है. लंबी बढ़ रही शाखाओं को काटें और मोटी शाखाओं को सही दिशा देने के लिए एल्युमिनियम तार का सहारा लें. हर दो-तीन साल में जड़ों की छंटाई करके पेड़ को नए गमले में लगाएं.

क्यों लगाएं सिट्रस बोन्साई? ये पेड़ सजावट से आगे का मतलब रखते हैं ये हवा को शुद्ध करते हैं, तितलियों और मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं और बालकनी में ताजगी भर देते हैं। जैसा कि अनुभवी बागवान कहते हैं बोन्साई सिर्फ एक पेड़ उगाने के बारे में नहीं बल्कि धैर्य और लगन की एक सुंदर साधना है।

क्यों लगाएं सिट्रस बोन्साई?<br />ये पेड़ सजावट से आगे का मतलब रखते हैं ये हवा को शुद्ध करते हैं, तितलियों और मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं और बालकनी में ताजगी भर देते हैं. जैसा कि अनुभवी बागवान कहते हैं बोन्साई सिर्फ एक पेड़ उगाने के बारे में नहीं बल्कि धैर्य और लगन की एक सुंदर साधना है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

First Published :

November 07, 2025, 17:47 IST

homelifestyle

आपकी बालकनी बन सकती है एक मिनी ऑरेंज गार्डन, आज ही लगाए बोन्साई सिट्रस ट्री

Read Full Article at Source