Sansad LIVE Updates: सरकार ने लोकसभा में ‘सस्टेनेबल हार्नेसिंग ऑफ एटॉमिक एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (SHANTI) बिल’ पेश किया, जिस पर चर्चा शुरू हो गई है. इसके अलावा ‘विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी–जी राम जी बिल, 2025’ पर भी सदन में चर्चा प्रस्तावित है.
इन बिलों को लेकर विपक्ष ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि इन विधेयकों को स्थायी समिति या संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा जाए, ताकि इन पर विस्तार से विचार हो सके. उन्होंने यह भी जोर दिया कि इतने महत्वपूर्ण विधेयकों पर पर्याप्त समय देकर गहन चर्चा कराई जानी चाहिए. इस पर मंत्री जितेंद्र सिंह ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, विपक्ष उन प्रावधानों का विरोध कर रहा, जो उनकी सरकार के समय से ही लागू हैंैं.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को आश्वस्त किया कि इन विधेयकों पर लंबी और व्यापक चर्चा कराई जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर कार्यवाही रात तक भी जारी रखी जा सकती है. वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए पर्याप्त समय देने को तैयार है और विपक्ष द्वारा मांगी गई विशेष चर्चा भी कराई जाएगी.
December 17, 202516:54 IST
'बिल को ठीक से पढ़े बिना ही इसका विरोध कर रहे', लोकसभा में SHANTI बिल पर चर्चा का जितेंद्र सिंह ने दिया जवाब
लोकसभा में SHANTI बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए परमाणु ऊर्जा विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कई विपक्षी दल इस बिल को ठीक से पढ़े बिना ही इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा, वे सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं. डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार ने इस बिल को पूरी तरह से परिभाषित किया है और इसमें शामिल निजी पक्षों को अधिक अधिकार और स्वतंत्रता दी गई है. उन्होंने दावा किया कि यह बिल सुरक्षा, संरक्षा, सेफगार्ड्स, गुणवत्ता आश्वासन और आपातकालीन तैयारियों से जुड़े तंत्र को और मजबूत करता है.
December 17, 202516:35 IST
सपा ने SHANTI बिल का विरोध किया, नाम को बताया भ्रामक
समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने बुधवार को लोकसभा में SHANTI बिल का विरोध करते हुए कहा कि सबसे पहले तो इस बिल का नाम ही भ्रामक है. उन्होंने कहा, हमें 1984 की भोपाल गैस त्रासदी आज भी याद है और यह SHANTI बिल उसी त्रासदी में जो गलत हुआ था, उसे सही ठहराने जैसा है. सरोज ने कहा कि परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल कभी भी देश और जनता की सुरक्षा को दांव पर रखकर नहीं किया जाना चाहिए और यह बिल हमारे देश के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास परमाणु कचरे के निपटान के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. उन्होंने सवाल उठाया, सरकार वायु प्रदूषण पर चर्चा नहीं करना चाहती, लेकिन परमाणु प्रदूषण की बात कर रही है, यह कैसे संभव है?
December 17, 202516:34 IST
बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए, ‘बिल पर बिल’ लाने का आरोप: संजय यादव
आरजेडी सांसद संजय यादव ने बिल का विरोध करते हुए सदन से मांग की कि इसे संसद की स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) को भेजा जाए. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सरकार लगातार बिल पर बिल लेकर आ रही है. इन बिलों का भी बीमा होना चाहिए. संजय यादव ने कहा कि हर बिल के लिए साफ मानक और पैमाने होने चाहिए, ताकि बाद में यह जांचा जा सके कि सरकार जो दावे कर रही है, वे सही साबित हुए या नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीमा सिर्फ क्रेडिट कार्ड तक सीमित है, तो उसे सबके लिए बीमा नहीं कहा जा सकता.
December 17, 202516:07 IST
बिल काले धन के लिए परोक्ष रास्ता खोलेगा: डीएमके सांसद
डीएमके सांसद डॉ. कन्निमोझी एनवीएन सौमू ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि इसके तहत अहम फैसले विदेशी बोर्डों द्वारा लिए जाएंगे, जिनमें यह तय करना भी शामिल होगा कि भारत में बीमा प्रीमियम क्या होंगे. उन्होंने कहा, यह बिल काले धन को परोक्ष रूप से देश में आने का रास्ता खोलेगा. सौमू ने राज्य स्वायत्तता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह बिल पूंजीकृत सहकारी बीमा की अनिवार्यता खत्म कर देता है, जिससे उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धा का कोई मौका नहीं मिलेगा. उन्होंने एलआईसी (LIC) और उसके भविष्य को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि अगर यह बिल पास हुआ तो सार्वजनिक क्षेत्र को कमजोर कर देगा. डॉ. सौमू ने तंज कसते हुए कहा, यह सबका बीमा नहीं, बल्कि सबका बकवास है.
December 17, 202516:00 IST
बिल से कानून का खालीपन पैदा होता है: अब्दुस्समद समदानी
आईयूएमएल के सांसद एम. पी. अब्दुस्समद समदानी ने SHANTI बिल पर बोलते हुए जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर का हवाला दिया और कहा कि यह बिल एक तरह का कानूनी खालीपन (स्टैच्यूटरी वैक्यूम) छोड़ देता है, क्योंकि इसमें एक वास्तव में स्वतंत्र परमाणु सुरक्षा नियामक बनाने का प्रावधान नहीं है.उन्होंने कहा कि इतने संवेदनशील क्षेत्र को कॉरपोरेट हाथों में सौंपने से रेगुलेटरी कैप्चर का खतरा बढ़ता है और देश का संप्रभु नियंत्रण कमजोर हो सकता है.समदानी ने कहा कि परमाणु आपदाएं किसी कंपनी के मुनाफे या बैलेंस शीट को नहीं देखतीं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह बिल लंबे समय तक रेडियोधर्मी कचरे के प्रबंधन जैसे गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है.
December 17, 202516:00 IST
बीमा बिल पूंजी मजबूत करता है, जवाबदेही नहीं: साकेत गोखले
राज्यसभा में ‘सबका बीमा, सबकी रक्षा’ बिल का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने कहा कि बीमा को सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप में देखा जाना चाहिए, जिसमें पॉलिसीधारकों के प्रति फिड्युशियरी (न्यासी) जिम्मेदारी हो, न कि सिर्फ शेयरधारकों के हितों पर जोर. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से यह बिल इस नजरिए को नहीं अपनाता. गोखले ने आरोप लगाया कि यह बिल पूंजी को मजबूत करने पर केंद्रित है, लेकिन जवाबदेही को नजरअंदाज करता है. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी तंज कसते हुए कहा कि जिस बिल को उन्होंने पेश किया, उस पर चर्चा के दौरान वे सदन से चली गईं. यह बिल एक दिन पहले ही लोकसभा से पारित हो चुका था.
December 17, 202515:59 IST
यह SHANTI नहीं, ‘अशांति’ बिल है: वामसी कृष्णा गड्डम
कांग्रेस सांसद वामसी कृष्णा गड्डम ने कहा कि मौजूदा बिल को SHANTI नहीं बल्कि “अशांति बिल” कहा जाना चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार परमाणु से जुड़े ऐसे बिल ला रही है, जिनमें सप्लायर की जिम्मेदारी (लायबिलिटी) हटाई जा रही है, तो अगर परमाणु क्षेत्र में कोई हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. गड्डम ने कहा कि इस बिल में सबसे “खतरनाक बदलाव” सिविल लायबिलिटी कानून में किया गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हर प्रावधान को कमजोर किया जाएगा और सिविल लायबिलिटी भी खत्म की जाएगी, तो परमाणु खतरे को सरकार की मंशा से कोई फर्क नहीं पड़ेगा—हादसे का असर तो उतना ही विनाशकारी होगा.
December 17, 202515:35 IST
‘सबका बीमा, सबकी रक्षा’ बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए: कांग्रेस सांसद
राज्यसभा में ‘सबका बीमा, सबकी रक्षा’ बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने मांग की कि इस बिल को संसद की सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए. उन्होंने कहा कि इतने अहम बिल पर जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए और इसके हर प्रावधान की गहराई से जांच जरूरी है.सेलेक्ट कमेटी एक अस्थायी, खास उद्देश्य के लिए बनाई जाने वाली संसदीय समिति होती है, जिसमें अलग-अलग दलों के सांसद शामिल होते हैं. इसका काम किसी खास बिल की बारीकी से जांच करना, उस पर सुझाव देना और कमियों को सामने लाना होता है, ताकि कानून बेहतर और संतुलित बन सके.
December 17, 202515:34 IST
मजबूत आरएंडडी से भारत ने परमाणु तकनीक में आत्मनिर्भरता हासिल की: रवींद्र नारायण बेहेरा
SHANTI बिल पर बोलते हुए बीजेपी सांसद डॉ. रवींद्र नारायण बेहेरा ने कहा कि मजबूत रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) की वजह से भारत ने परमाणु तकनीक में आत्मनिर्भरता हासिल की है और देश ने अपना परमाणु कार्यक्रम हमेशा जिम्मेदारी के साथ चलाया है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिजली की मांग बढ़ने वाली है, ऐसे में यह बिल बेहद अहम है. डॉ. बेहेरा ने कहा, “यह बिल निश्चित तौर पर ‘नए भारत’ के निर्माण में मदद करेगा.
December 17, 202515:33 IST
‘दलबदल विरोधी कानून को क्यों नहीं हटाया गया?’: देव
तृणमूल कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने सवाल उठाया कि इस बिल के तहत जिन कानूनों को रद्द करने की बात की जा रही है, उनमें दलबदल विरोधी कानून को क्यों शामिल नहीं किया गया. उन्होंने कहा, स्पीकर को सांसदों को अयोग्य ठहराने की जो शक्तियां मिली हैं, उन्हें क्यों नहीं सीमित किया जाता? इन शक्तियों का दुरुपयोग हो रहा है और इससे हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिल रहा है.
December 17, 202515:31 IST
लाइसेंस और जिम्मेदारी से छूट देने की शक्ति ‘पिछला दरवाज़ा’ खोलती है: शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इस बिल में एक ऐसा प्रावधान है, जिसके तहत केंद्र सरकार किसी भी संयंत्र को लाइसेंस या जिम्मेदारी (लायबिलिटी) से यह कहकर छूट दे सकती है कि जोखिम नगण्य है. उन्होंने इसे बेहद खतरनाक बताया. थरूर ने कहा कि यह प्रावधान पूरे नियामक ढांचे में “पिछला दरवाज़ा” खोल देता है, क्योंकि सरकार अगर सुविधाजनक समझे तो किसी भी सुविधा या प्लांट को निगरानी और जवाबदेही से बाहर कर सकती है. उनके मुताबिक, इससे कानून की मूल भावना ही कमजोर हो जाती है.
December 17, 202515:30 IST
विपक्षी सदस्यों ने SHANTI बिल का विरोध किया
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डॉ. सौगत राय ने SHANTI बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल भारत में बड़े कॉरपोरेट खिलाड़ियों को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश देने का रास्ता खोलता है.वहीं डीएमके सांसद अरुण नेहरू ने बिल के नाम को ही विरोधाभासी (ऑक्सीमोरॉन) बताया. उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा बेहद शक्तिशाली और संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे में उसका नाम “शांति” से जोड़ना ही गलत है. अरुण नेहरू ने ऊर्जा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में निजी क्षेत्र को अनुमति देने के नुकसान गिनाए. उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में पहले भी गंभीर हादसे हो चुके हैं और निजीकरण के बाद लागत बढ़ी है. इसी तरह वित्त क्षेत्र में कॉरपोरेट कंपनियों के कर्ज माफ करने (राइट-ऑफ) के मामले बढ़े हैं. उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य और कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियों की भूमिका के कारण उर्वरकों की कमी जैसी समस्याएं सामने आई हैं. परमाणु ऊर्जा के संदर्भ में उन्होंने चेर्नोबिल और फुकुशिमा जैसी त्रासदियों का जिक्र किया और बताया कि फुकुशिमा एक निजी परियोजना थी.हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि निजी क्षेत्र के कुछ फायदे हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि मुनाफे की सोच कई अहम क्षेत्रों में जनहित के लिए मददगार साबित नहीं हुई है.
December 17, 202515:18 IST
‘ हाईवे पर एक्सिडेंट हुआ तो एम्बुलेंस 10 मिनट में पहुंचेगी’: गडकरी
सड़क सुरक्षा से जुड़े सवालों पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो कम से कम 50 हजार लोगों की जान बचाई जा सकती थी. उन्होंने बताया कि यह बात आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) की एक स्टडी में सामने आई है.गडकरी ने बताया कि इसके लिए सरकार ने दो योजनाएं शुरू की हैं. पहली योजना के तहत, जो भी व्यक्ति किसी घायल को अस्पताल पहुंचाएगा, उसे ‘राहवीर’ घोषित किया जाएगा और 25 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा. दूसरी योजना में, सड़क हादसे में घायल व्यक्ति के इलाज का खर्च पहले सात दिनों तक, ढाई लाख रुपये तक एनएचएआई की ओर से बीमित किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक केंद्रीय नंबर शुरू किया जाएगा और एम्बुलेंस सेवा को आधुनिक बनाया जाएगा, ताकि हादसे के बाद एम्बुलेंस 10 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच सके.
December 17, 202514:31 IST
Parliament Winter Session Live Updates: परमाणु ऊर्जा से जुड़े 'SHANTI' बिल का मनीष तिवारी ने विरोध किया
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में न्यूक्लियर पॉवर से जुड़ा ‘SHANTI’ बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह दो मौजूदा कानूनों की जगह लाया गया है. उन्होंने कहा कि जब यूपीए सरकार परमाणु रंगभेद को खत्म करने की कोशिश कर रही थी, तब सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था. उन्होंने आरोप लगाया, आपने राजनीतिक कारणों से भारत के परमाणु कार्यक्रम को पटरी से उतारने की कोशिश की, जिस पर सत्ता पक्ष की ओर से हंगामा देखने को मिला.
December 17, 202514:00 IST
Parliament Winter Session Live Updates: लोकसभा में पेश हुआ SHANTI बिल, जितेंद्र सिंह ने कहा, साकार किया जा रहा भाभा का सपना
Sansad Live Updates: लोकसभा में परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सस्टेनेबल हार्नेसिंग ऑफ एटॉमिक एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया यानी SHANTI बिल पेश किया. इस बिल को लेकर डॉ. सिंह ने कहा कि यह बिल बहुत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि भारत में परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ. होमी जहांगीर भाभा ने इसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए समर्पित किया था और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसे साकार किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ मामलों में परमाणु ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा से बेहतर है, क्योंकि नवीकरणीय ऊर्जा 24 घंटे उपलब्ध नहीं हो सकती.
December 17, 202512:49 IST
'मनरेगा का मोदी सरकार ने मजाक उड़ाया' जी राम जी बिल पर बोले अफजाल अंसारी
समाजवादी पार्टी सांसद अफजल अंसारी ने MGNREGA का नाम बदलने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन पर कहा, ‘जब पीएम मोदी की सरकार आई तो पहले तो उन्होंने इस योजना का ही मजाक उड़ाया. उनकी मंशा ही नहीं है कि ये योजना चले… यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी इस मनरेगा का नाम बदला जा रहा है… आप खुद तो कुछ नहीं कर पा रहे हैं, केवल नाम बदलकर दूसरी चीज का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं… निश्चित रूप से इस योजना को बंद करने, प्रभावित करने और क्षति पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, जो सीधे तौर पर गरीबों को रोजी-रोटी से जोड़ रही थी…’
December 17, 202511:59 IST
Sansad Live Updates: क्या कोई घुसपैठिया मिला? बंगाल में SIR की पहली ड्राफ्ट लिस्ट पर टीएमसी सांसद का सवाल
Parliament Winter Session Live Updates: टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने 3 राज्यों में SIR की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने पर कहा, ‘…कुछ लोगों की मृत्यु हुई ही होगी, लेकिन जिंदा व्यक्ति को मरा हुआ घोषित करना गलत है… चुनाव आयोग ने SIR की इस पूरी प्रक्रिया को मजाक में तब्दील कर दिया है. मुझे बताइए कि कल तो पहली सूची जारी हुई है, क्या कोई घुसपैठिया मिला?…’
December 17, 202511:32 IST
Sansad Live Updates: 'हार की हताशा' मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने पर कांग्रेस के विरोध पर बीजेपी सांसद
Parliament Winter Session Live Updates: मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने को लेकर आज कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर भाजपा सांसद राजकुमार चाहर ने कहा, ‘…हार की हताशा के कारण कांग्रेस के पास कोई मुद्दे बचे नहीं हैं. विकसित भारत का संकल्प देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है और उसी कारण ‘विकसित भारत- जी-राम-जी’ का नाम दिया गया है जिसमें एक बड़ा सुधार भी किया गया है… ये प्रलाप और विलाप कांग्रेस पार्टी की हताशा और निराशा को दर्शाता है.’
कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने महात्मा गांधी के नाम के पीछे का गांधी फर्जी रूप से अपने नाम के आगे लगाया, वे महात्मा गांधी के बारे में बात करते हैं?…’
December 17, 202511:15 IST
Parliament Winter Session Live Updates: 'बेतुके से तुक बैठाने का प्रयास' मनरेगा को जी राम जी बिल करने पर बोले मनोज झा
Sansad Live Updates: राजद नेता मनोज कुमार झा ने जी राम जी विधेयक 2025 पर कहा, ‘…भाजपा के अंदर भी लोग इससे परेशान हैं, NDA के लोग भी परेशान हैं… योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार के बीच 90-10 प्रतिशत का अनुपात था जिसे 60-40% कर दिया. आपने पूरे के पूरे इसके जो अधिकार आधारित दृष्टिकोण थे उसे खारिज कर दिया… बेतुके से तुक बैठाने का प्रयास किया जा रहा है. जाहिर है कि किसी के नाम में राम होना किसी बात का लाइसेंस नहीं होता है… सरकार को इस तरह की सलाह दे कौन रहा है? एक योजना जिसने इस देश को एक सुरक्षा जाल प्रदान किया, बजाय इसके कि आप इस योजना को और बल प्रदान करते, आप उसकी आत्मा को ही खत्म कर रहे हैं.’
December 17, 202510:46 IST
Parliament Winter Session Live Updates: 'गांधी कोई राम विरोधी तो नहीं थे' मनरेगा को जी राम जी बिल करने पर रामगोपाल यादव
Sansad Live Updates: समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने को लेकर आज कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर कहा, ‘सच बात यही है कि ये जो ‘जी-राम-जी’ लाया जा रहा है, बिल तो वही है तो जरूरत क्या पड़ गई थी कि महात्मा गांधी का नाम हटाकर जी-राम-जी रखा गया?… गांधी कोई राम विरोधी तो नहीं थे. उनसे ज्यादा धार्मिक व्यक्ति भी कोई नहीं है… उनसे (महात्मा गांधी) बढ़िया व्यक्ति देश में न कोई पैदा हुआ और न ही कोई पैदा होगा. इसके बावजूद भी यदि भाजपा को उनके नाम से चिढ़ है तो ये आश्चर्य की बात है…’

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