Last Updated:September 10, 2025, 16:31 IST
Assam Illegal Immigrants News: बांग्लादेशी घुसपैठ को देखते हुए असम सरकार ने नया SOP लागू किया है. अब DC और SSP 10 दिन में नागरिकता जांचेंगे और सबूत न मिलने पर 24 घंटे में घुसपैठियों को बाहर करेंगे. ट्रिब्यूनल्स...और पढ़ें

गुवाहाटी: असम कैबिनेट ने मंगलवार को एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया. राज्य में नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs) लागू कर दिए गए हैं, जिनके तहत अब यह तय करने का अधिकार सीधे डीसी (District Commissioner) और एसएसपी (Senior Superintendent of Police) के हाथों में होगा कि कौन ‘गैरकानूनी घुसपैठिया’ है और किसे राज्य से बाहर किया जाए. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नया SOP, 1950 के Immigrants (Expulsion from Assam) Act के तहत लागू किया गया है. इसके तहत 10 दिन का समय देकर किसी भी संदिग्ध व्यक्ति से भारतीय नागरिकता के सबूत मांगे जाएंगे. अगर सबूत संतोषजनक नहीं पाए गए तो 24 घंटे के भीतर राज्य से बाहर निकाल दिया जाएगा.
क्यों आया नया SOP?
पिछले साल अक्टूबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने नागरिकता कानून 1955 की धारा 6A को बरकरार रखा था. यह वही धारा है जो 1985 के असम समझौते का केंद्रबिंदु है. कोर्ट ने साफ कहा था कि असम सरकार चाहे तो 1950 का कानून इस्तेमाल कर सकती है. इसी आधार पर कैबिनेट ने SOP को मंजूरी दी है. सरमा ने कहा, ‘यह फास्ट-ट्रैक सिस्टम है, जो मौजूदा विदेशी ट्रिब्यूनल्स (FTs) की लंबी प्रक्रिया को दरकिनार करेगा.’
SOP कैसे काम करेगा?
सूचना मिलते ही नोटिस: अगर पुलिस या किसी स्रोत से जानकारी मिलती है कि कोई व्यक्ति अवैध प्रवासी हो सकता है, तो डीसी उसे 10 दिन में नागरिकता साबित करने का नोटिस देगा.
संतोषजनक सबूत न मिलने पर: डीसी लिखित रूप में उसे ‘गैरकानूनी घुसपैठिया’ घोषित करेगा.
24 घंटे का समय: इसके बाद उस व्यक्ति को खुद 24 घंटे में असम छोड़ने का आदेश दिया जाएगा.
SSP की भूमिका: व्यक्ति की बायोमैट्रिक और डेमोग्राफिक डिटेल्स Foreigners Identification Portal पर दर्ज की जाएंगी.
डिटेंशन या BSF को सौंपना: अगर वह नहीं जाता तो SSP उसे डिटेंशन सेंटर भेज देगा या सीधे BSF को सौंप देगा.
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विदेशी ट्रिब्यूनल्स का क्या होगा?
फिलहाल करीब 42,000 मामले विदेशी ट्रिब्यूनल्स में लंबित हैं. उन मामलों की सुनवाई जारी रहेगी. लेकिन जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज नहीं है, उनके लिए अब नया SOP लागू होगा.
सरमा ने बताया कि पहले कुल 1,68,000 मामले दर्ज हुए थे लेकिन बड़ी संख्या में लोग गायब हो गए. उन्होंने कहा, ‘अब इस SOP से घुसपैठियों को रोकने में मजबूती आएगी.’
अब तक कितने निकाले गए?
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अब तक कुल 30,126 बांग्लादेशियों को असम से वापस भेजा गया है. लेकिन बांग्लादेश सरकार ने सिर्फ 466 लोगों को ही स्वीकार किया है, जिन्हें विदेशी ट्रिब्यूनल्स ने ‘विदेशी’ घोषित किया था.
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘1950 का कानून पहले से मौजूद था, लेकिन कांग्रेस ने विदेशी ट्रिब्यूनल का रास्ता अपनाया और सही कानून का इस्तेमाल नहीं किया.’
क्यों है यह SOP अहम?
असम लंबे समय से ‘गैरकानूनी प्रवास’ की समस्या से जूझ रहा है. 1979 से 1985 तक का आंदोलन और उसके बाद हुआ असम समझौता इसी मुद्दे पर केंद्रित था. नया SOP सरकार को सीधे कार्रवाई करने का अधिकार देता है, जिससे लंबे कानूनी चक्र से बचा जा सकेगा. सरकार का दावा है कि यह कदम राज्य के मूल निवासियों की सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान की सुरक्षा के लिए लिया गया है.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 10, 2025, 16:31 IST