Last Updated:September 18, 2025, 12:38 IST
Repo Rate Update : फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती कर दी है और अब रिजर्व बैंक से भी रेपो रेट घटाने की उम्मीदें बढ़ गई हैं. माना जा रहा है कि अक्टूबर में होने वाली एमपीसी बैठक में आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है.

नई दिल्ली. अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी ब्याज दरों में एक बार फिर कटौती कर दी है. फेड के ब्याज दरें घटाने के बाद अब भारत के लोगों की उम्मीदें भी कर्ज और सस्ता होने को लेकर बढ़ गई हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई में अगले महीने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक होने वाली है, जिसमें रेपो रेट में कटौती को लेकर फैसला किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो कर्ज की ब्याज दरें और नीचे आ जाएंगी. आपकी ईएमआई कम होने से जेब में खर्च के लिए ज्यादा पैसे भी बचेंगे.
संजय मल्होत्रा ने जब से आरबीआई गवर्नर की कमान संभाली है, रेपो रेट में तीन बार कटौती की जा चुकी है. रिजर्व बैंक ने तीन बार रेपो रेट में कटौती करके ब्याज दर को 1 फीसदी सस्ता कर दिया है. अब चौथी बार कटौती की उम्मीद भी जाग चुकी है. फेड रिजर्व के ब्याज दर घटाने के बाद भारत सहित तमाम देशों के शेयर बाजारों में आज तेजी लौट आई है. इसके साथ ही रिजर्व बैंक पर भी इस बात का दबाव बढ़ गया है कि वह रेपो रेट में कटौती कर्ज को और सस्ता बनाए.
क्यों है रेपो रेट में कटौती की उम्मीद
आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती की उम्मीद इसलिए भी ज्यादा दिखने लगी है, क्योंकि अक्टूबर से ही त्योहारी सीजन शुरू हुआ है. सरकार ने पहले ही उपभोक्ता खपत बढ़ाने की तैयारियां कर ली हैं, जिसके लिए जीएसटी की दरों में बड़ी कटौती की जा चुकी है. 22 सितंबर से जीएसटी की घटी हुई दरें लागू हो जाएंगी और लोगों को सस्ता सामान मिलेगा, जिससे खपत बढ़ेगी. जाहिर है कि इन सस्ते सामानों को खरीदने के लिए लोगों की जेब में ज्यादा पैसा भी होना चाहिए और इसीलिए उम्मीद है कि आरबीआई रेपो रेट घटाकर लोगों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचाएगा. तभी सरकार का खपत बढ़ाने का आइडिया पूरी तरह कारगर होगा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मिराई एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स के फिक्स्ड इनकम एनालिटिक्स के फंड मैनेजर कृति चेता का कहना है कि उपभोक्ता महंगाई अभी कंट्रोल में है. इससे अनुमान है कि आरबीआई के पास रेपो रेट में कटौती करने का एक मौका है. लिहाजा इस बार 25 से 50 आधार अंक तक कटौती की जा सकती है. क्लाइंट एसोसिएट्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अभिषेक खुदानिया का कहना है कि महंगाई का दबाव कम होने की वजह से आरबीआई के पास एक बार फिर कटौती करने का मौका है. अनुमान है कि अक्टूबर की एमपीसी बैठक में 25 आधार अंक की कटौती की जा सकती है. बार्कलेज ने भी उम्मीद जताई है कि अक्टूबर की बैठक में रेपो रेट 25 आधार अंक घटाया जा सकता है.
महंगाई का दबाव भी कम
रिजर्व बैंक के पास रेपो रेट में कटौती का मौका इसलिए भी है कि खुदरा महंगाई की दर अभी 2 फीसदी के आसपास बनी हुई है. अगस्त में यह 2.07 फीसदी थी, तो जुलाई में 1.61 फीसदी के आसपास रही. अगस्त में थोड़ा उछाल आने की वजह खाद्य कीमतों में वृद्धि थी, जिसकी वजह से सब्जियों, मांस, मछली, तेल और पर्सनल केयर की चीजें महंगी हो गईं. यही वजह है कि खाद्य महंगाई दर 4.1 फीसदी के आसपास रही. जुलाई में भी खाद्य महंगाई करीब इतनी ही थी.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 18, 2025, 12:38 IST