Treatment of White Farmers: अमेरिकी प्रेसिडेंट Donald Trump ने कहा है कि अमेरिका का कोई भी अधिकारी South Africa में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा. हालांकि, ट्रंप आए दिन किसी ना किसी देश को बॉयकॉट करने की बात करते रहते है, कभी रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर भारत से विवाद, रेयर अर्थ मिनरल को लेकन चीन, पाकिस्तान के साथ जंग को लेकर भारत के खिलाफ झूठ और दक्षिण अफ्रीका में होने वाले G-20 सम्मेलन में ना जाने की बात. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रंप खुद को आधुनिक युग के मसीहा के तौर पर देखते हैं या कुछ और?
कोई अमेरिकी अफ्रीका नहीं जाएगा
ट्रंप ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उन्होंने प्रिटोरिया में श्वेत किसानों(White Farmers)के साथ किए जा रहे व्यवहार पर चिंता जताई थी. ट्रंप ने पहले बता दिया था कि वह 22-23 नवंबर को होने वाली नेताओं की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. उनकी जगह उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के शामिल होने की उम्मीद थी. लेकिन वेंस की योजनाओं को जानने वाले एक व्यक्ति ने जानकारी दी है कि जेडी वेंस भी अब शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका नहीं जाएंगे.
सोशल मीडिया पर ट्रंप का बयान
Trump ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि, यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि G-20 की बैठक दक्षिण अफ्रीका में हो रही है. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह वहां के श्वेत अफ्रीकी लोगों के साथ बुरा व्यवहार कर रही है. इस बुरे व्यवहार में उन्होंने जमीन छीनना और हिंसक हमले जैसी बातें शामिल बताईं हैं.
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ट्रंप प्रशासन और दक्षिण अफ्रीका का विवाद
ट्रंप प्रशासन ने कई बार दक्षिण अफ्रीकी सरकार की आलोचना की है. उनका आरोप है कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार अल्पसंख्यक श्वेत किसानों के साथ भेदभाव और हिंसा को बढ़ावा देती है. इस साल की शुरुआत में ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की थी कि वह हर साल अमेरिका में आने वाले 7,500 शरणार्थियों की संख्या में भारी कटौती करेगा. लेकिन शरण देने में श्वेत दक्षिण अफ्रीकी लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.
क्या रहा दक्षिण अफ्रीका का जवाब?
दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों ने ट्रंप के इन सभी दावों को गलत बताते हुए कहा है कि, रंगभेद खत्म हुए तीन दशक(30 साल)से ज्यादा समय हो गया है और श्वेत नागरिक अब भी ज्यादातर अश्वेत दक्षिण अफ्रीकी लोगों से बेहतर जिंदगी जी रहे हैं. राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा है कि उन्होंने खुद Donald Trump को बताया है कि श्वेत किसानों पर लगातार अत्याचार होने की खबरें पूरी तरह से झूठी हैं.
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कूटनीतिक तनाव और बहिष्कार
आपसी कूटनीतिक तनाव होने के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप अपनी आलोचना पर कायम हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में मियामी में एक भाषण के दौरान उन्होंने कहा था कि South Africa को G-20 से हटा देना चाहिए. फरवरी महीने में विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने G-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था. बहिष्कार की वजह थी कि उन्हें उस बैठक में एजेंडे से आपत्ति थी जिसमें विविधता(Diversity), समावेशिता(Inclusivity)और जलवायु परिवर्तन(Climate Change)पर ध्यान दिया जा रहा था.

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