Last Updated:May 30, 2025, 14:15 IST
Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियां शुरू हो गई हैं. यात्रा तीन जुलाई से नौ अगस्त तक चलेगी. पाकिस्तानी आतंकी धमकियों के चलते सुरक्षा सख्त की जा रही है. 575 से ज्यादा कंपनियां तैनात होंगी.

अमरनाथ यात्रा इस साल 3 जुलाई से शुरू हो रही है.
हाइलाइट्स
अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियां शुरू हुईं.575 से ज्यादा अर्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात होंगी.यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग होगा.जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बार यात्रा तीन जुलाई से शुरू होगी. यह नौ अगस्त तक चलेगी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की धमकियों को देखते हुए सुरक्षा सख्त की जा रही है. केंद्र सरकार ने यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए 575 से ज्यादा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात करने का फैसला किया है. यह तैनाती 30 जून तक पूरी हो जाएगी.
जम्मू-कश्मीर सरकार ने यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करने के लिए एक समीक्षा बैठक की. इस बैठक में कई अहम बिंदु सामने आए. इसके आधार पर सरकार ने 575 से ज्यादा कंपनियां तैनात करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा. केंद्र सरकार ने इस पर गंभीरता से विचार किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 मई को जम्मू के राजभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक की. इसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्य सचिव, डीजीपी, सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ और खुफिया एजेंसियों के बड़े अधिकारी शामिल हुए. बैठक में पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की धमकियों पर खास चर्चा हुई. सभी पहलुओं पर विचार के बाद केंद्र ने तैनाती को मंजूरी दे दी.
पहले से तैनात हैं 160 कंपनियां
जम्मू-कश्मीर में पहले से 160 से ज्यादा कंपनियां तैनात हैं. बाकी कंपनियां सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी जैसे बलों से ली जाएंगी. ये अतिरिक्त कंपनियां 10 जून तक जम्मू-कश्मीर पहुंच जाएंगी. 30 जून तक इन्हें यात्रा मार्ग पर तैनात कर दिया जाएगा. इनमें करीब 58,000 जवान शामिल होंगे. यह जानकारी कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में भी सामने आई है.
यात्रा मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाएगा. सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन, खोजी कुत्ते और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल होगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से आतंकी संगठन जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा बौखलाए हुए हैं. ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने 6-7 मई को पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी. उस हमले में 26 लोग मारे गए थे. इसके बाद आतंकी संगठनों ने बदले की धमकियां दीं. इसे ध्यान में रखकर सुरक्षा बढ़ाई जा रही है.
अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को खींचती है. यह यात्रा हिमालय की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए होती है. यात्रा दो रास्तों से होती है. पहला पहलगाम रूट जो 46-48 किलोमीटर लंबा है. दूसरा बालटाल रूट जो 14-16 किलोमीटर का है लेकिन खड़ा है. दोनों रास्तों पर सुरक्षा सख्त होगी. सरकार का मकसद है कि श्रद्धालु बिना डर के दर्शन कर सकें.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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