Second World War News in Hindi: जापान के लोग आज भी 1945 में हुए परमाणु 'सर्वनाश' को भूल नहीं पाए हैं. जब सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 6 अगस्त 1945 और 9 अगस्त 1945 को आसमान से मौत उस पर झपट पड़ी थी. उस दौरान अमेरिका ने अपने एनोला गे (Enola Gay) और बॉक्सकार (Bockscar) विमानों ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराए थे. इन परमाणु बमों को गिराने वाले अमेरिकी विमान B-29 सुपरफॉरट्रेस थे. इन दोनों हमलों में लाखों लोग मारे गए थे. इस घटना को करीब 80 साल गुजर चुके हैं लेकिन लोगों के मन में स्मृति अब भी धुंधली नहीं हुई है. क्या आप जानते हैं कि दुनिया में पहली बार आसमान से परमाणु मौत बरसाने वाले दोनों प्लेन का बाद में क्या हुआ था. आज हम इस राज से बड़ा परदा उठाने जा रहे हैं.
जापान पर परमाणु हमला करने वाले अमेरिकी विमानों का क्या हुआ?
वॉर एक्सपर्टों के मुताबिक, इतिहास में बोइंग बी-29 सुपरफोर्ट्रेस जैसी भारी विरासत वाले विमान कम ही हैं. ये लंबी दूरी के भारी बमवर्षक थे, जो परमाणु युग की शुरुआत के पर्याय बन गए. युद्धकालीन इंजीनियरिंग का चमत्कार माने जाने वाले इस अमेरिकी बमवर्षक ने अगस्त 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर दुनिया के पहले परमाणु बम गिराकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया.
इन अभियानों ने द्वितीय विश्व युद्ध का अंत तो कर दिया, लेकिन इसकी भारी मानवीय कीमत चुकानी पड़ी जो आज भी चिंतन और दुःख का कारण बनती है. सेकंड वर्ल्ड खत्म होने के करीब 80 साल बाद यह सवाल अब भी उठता है कि इन बमवर्षक विमानों का क्या हुआ, जिन्होंने इतिहास की दिशा हमेशा के लिए बदल कर रख दी?
एक बार में 3 हजार मील से ज्यादा उड़ान
सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के मुताबिक, बोइंग कंपनी की ओर से 1940 के दशक के शुरुआत में विकसित बी-29 उस समय निर्मित सबसे उन्नत बमवर्षकों में से एक थे. वे 3,000 मील से ज़्यादा की दूरी तक जाकर अपने ऑपरेशन को अंजाम दे सकते थे. उन्होंने जापान के दो शहरों पर परमाणु बम गिराए थे, जिनमें भारी जनहानि हुई. उन हमलों ने जापान के आत्मसमर्पण के निर्णय में गहरी भूमिका निभाई थी.
B-29 सुपरफ़ोर्ट्रेस की कल्पना संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना वायु सेना की एक ऐसे बमवर्षक की ज़रूरत को पूरा करने के लिए की गई थी जो पिछले विमानों की तुलना में अधिक दूरी तक, तेज़ी से उड़ान भरने और भारी पेलोड ले जाने में सक्षम हो. इसे 1942 में पहली बार उड़ाया गया और 1944 में इसे यूएस एयरफोर्स में कमीशन किया गया. यह लगभग 350 मील प्रति घंटे की गति तक पहुंच सकता था. इसकी 20,000 पाउंड तक की बम भार क्षमता ने इसे आकाश में एक दुर्जेय शक्ति बना दिया था.
अब इन म्यूजियमों की बढ़ा रहे शान
अमेरिकी वायुसेना में अब कुछ ही B-29 सुपरफ़ोर्ट्रेस बमवर्षक विमान बचे हैं और वे भी आज सक्रिय सैन्य सेवा में नहीं हैं. जापान पर परमाणु बम गिराने वाला एनोला गे विमान काफी पहले ही सेवा से रिटायर हो चुका था. वह अब वर्जीनिया के एयर फोर्स म्यूजियम में खड़ा है. वहीं दूसरा परमाणु प्लेन बॉक्सकार ओहायो के नेशनल म्यूजियम में खड़ा अपनी शान बढ़ा रहा है. दोनों विमान अब उड़ान भरने की स्थिति में नहीं हैं और दुनिया को इतिहास की याद दिलाने के लिए म्यूजियम में रखे गए हैं.