Last Updated:November 16, 2025, 14:57 IST
UGC Guidelines, POSH Act 2013: यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने विभिन्न यूनिवर्सिटी और कॉलेज के लिए जरूरी नोटिस जारी किया है. अब कैंपस में यौन उत्पीड़न से जुड़ी जरा सी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी को पॉश अधिनियम 2013 का पालन करना होगा.
POSH Act 2013: यूनिवर्सिटी में पॉश गाइडलाइंस लागू करना अनिवार्य हैनई दिल्ली (UGC Guidelines, POSH Act 2013). विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों (HEIs) को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध और निवारण (POSH) अधिनियम, 2013 का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. यूजीसी का यह कदम शैक्षणिक परिसर में महिलाओं, छात्रों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और संवेदनशील माहौल तैयार करने पर केंद्रित है.
आयोग ने स्पष्ट किया है कि POSH नियमों का पालन करना न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि संस्थानों का नैतिक दायित्व भी है. यूजीसी ने संस्थानों को चेतावनी दी है कि POSH अधिनियम के नियमों के पालन में किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा. आयोग सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी छात्र-छात्राएं और कर्मचारी बिना किसी डर या असुरक्षा के अपनी शिक्षा या काम जारी रख सकें. इन निर्देशों में आंतरिक शिकायत समिति (IC) का सही गठन सुनिश्चित करना भी अनिवार्य किया गया है.
जरूरी है POSH नियमों का पालन
यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से POSH अधिनियम, 2013 के प्रावधानों का पालन करने के लिए कहा है. इसके तहत संस्थानों को स्पष्ट नीतियां जारी करनी होंगी और सुनिश्चित करना होगा कि उनकी नीतियां अधिनियम के हिसाब से हों. संस्थानों को अपनी POSH नीति को कॉलेज/यूनिवर्सिटी की वेबसाइट, नोटिस बोर्ड और हैंडबुक के जरिए व्यापक रूप से प्रचारित करना होगा. तभी संस्थान से जुड़े हर व्यक्ति को शिकायत प्रक्रिया और अपने अधिकारों की जानकारी मिल सकेगी.
POSH Guidelines: आंतरिक समिति (IC) का गठन और ट्रेनिंग
आयोग ने स्पष्ट किया कि परिसर में होने वाली किसी भी शिकायत की सुनवाई के लिए आंतरिक शिकायत समिति (IC) या आंतरिक समिति (IC) का गठन सही तरीके से होना चाहिए. इस समिति में प्रशिक्षित सदस्य शामिल होने चाहिए, जो यौन उत्पीड़न की शिकायतों को संवेदनशील तरीके से और निष्पक्ष रूप से संभाल सकें. IC को कैंपस में होने वाली किसी भी शिकायत की सुनवाई करने और तय समय-सीमा के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करने का अधिकार होगा.
जागरूकता कार्यक्रम और पारदर्शी कार्रवाई
UGC ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी उच्च शिक्षण संस्थान छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण और जागरूकता सत्र आयोजित करें. इन सत्रों का उद्देश्य यौन उत्पीड़न की रोकथाम, शिकायत प्रक्रिया और अधिकारों के बारे में जानकारी देना है. आयोग ने जोर दिया है कि POSH अधिनियम के तहत आने वाली सभी शिकायतों पर पारदर्शिता के साथ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. संस्थानों को एक ऐसा तंत्र बनाना होगा, जहां पीड़ित सुरक्षित और निडर होकर अपनी बात रख सकें.
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
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First Published :
November 16, 2025, 14:57 IST

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