Last Updated:September 07, 2025, 17:17 IST
RSS Support SIR: आरएसएस ने चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को समर्थन दिया है. संघ का कहना है कि यह निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए बेहद ज़रूरी कदम है. विपक्ष ने सवाल उठाए हैं.

नई दिल्ली: चुनाव आयोग द्वारा पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) लागू करने की तैयारी के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का बयान सामने आया है. संघ ने साफ कहा है कि वह इस प्रक्रिया का समर्थन करता है और इसे निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की दिशा में जरूरी कदम मानता है.
RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेडकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “चुनाव आयोग पहले भी ऐसी पहल कर चुका है और लगातार करता रहता है. मुझे लगता है कि यह पहल स्वागत योग्य है और हमारे देश में एक पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से चुनाव होने की दृष्टि से यह बहुत ज़रूरी कदम है. समय-समय पर वोटर लिस्ट का परीक्षण होना चाहिए. अगर कोई शिकायत हो या किसी का नाम हट गया हो तो उसके लिए भी पूरी व्यवस्था मौजूद है. चुनाव आयोग के पास कानूनी तंत्र उपलब्ध है, लीगल रास्ते मौजूद हैं. मुझे लगता है कि इस संदर्भ में चुनाव आयोग को आगे बढ़ना चाहिए.”
संघ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठे अन्य मुद्दे
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संघ ने SIR के अलावा कई अन्य मसलों पर भी अपनी राय रखी. ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने वाली महिला नेताओं को सम्मानित किया गया. पश्चिम बंगाल में बढ़ते अपराध, अनियंत्रित घुसपैठ और बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई गई. मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की गई. नक्सल और माओवादी आंदोलनों से प्रभावित इलाकों में सरकारी पहल के बाद सुधार दिखने की बात कही गई. लव जिहाद पर संघ ने कहा कि लोगों को जागरूक करने की ज़रूरत है कि ऐसी साजिशें कैसे सामने आती हैं. साथ ही संघ ने स्पष्ट किया कि भाषा विवाद पर किसी भी प्रकार की हिंसा या धमकी का समर्थन नहीं किया जाएगा.चुनाव आयोग की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग 10 सितंबर को दिल्ली में देशभर के मुख्य चुनाव अधिकारियों की बैठक बुला रहा है. इसमें राज्यों की तैयारियों का प्रेजेंटेशन होगा और उसके बाद SIR को पूरे देश में लागू करने का ऐलान हो सकता है. माना जा रहा है कि इसी महीने इसका आदेश जारी कर दिया जाएगा.
विपक्ष की आपत्तियां
वहीं बिहार में SIR लागू होने के बाद विपक्षी दल लगातार इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, “हम SIR के विरोधी नहीं हैं, लेकिन प्रक्रिया पर आपत्ति है. मजदूरी करने वाला आम आदमी या दूसरे राज्यों में काम करने वाला शख्स जरूरी दस्तावेज कहां से लाएगा? यह सुनिश्चित होना चाहिए कि सही लोगों के नाम वोटर लिस्ट से न कटें.”
RSS के समर्थन और विपक्ष की आपत्तियों के बीच अब सबकी निगाहें 10 सितंबर की बैठक पर टिकी हैं. माना जा रहा है कि चुनाव आयोग इस बैठक के बाद पूरे देश में SIR लागू करने की आधिकारिक घोषणा कर सकता है. यह फैसला आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को शुद्ध करने और प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है.
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First Published :
September 07, 2025, 17:17 IST