Last Updated:June 05, 2025, 07:07 IST
Defence News: भारतीय सेना के तीनों अंग खुद को अपग्रेड और अपडेट करने में जुटी हैं. खास बात यह है कि इसके लिए स्वदेशी तकनीक पर ज्यादा भरोसा जताया जा रहा है. अब हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बड़ी ख...और पढ़ें

HAL ने तेजस MK-1A फाइटर जेट की डिलिवरी जून महीने के अंत में करने की बात कही है. (फोटो: पीटीआई)
हाइलाइट्स
आर्म्ड फोर्सेज को मॉडर्न वॉरफेयर के लिए तैयार करने की प्रकिया शुरूHAL ने तेजस MK-1A फाइटर जेट की डिलिवरी को लेकर दी खुशखबरीइंडियन एयरफोर्स की ताकत में होगा और इजाफा, दुश्मनों के उड़ेंगे होशनई दिल्ली. देश-दुनिया में युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं. कुछ दशक पहले तक आर्मी यानी थलसेना का महत्व का एयरफोर्स और नेवी से ज्यादा था. अब 21वीं सदी में एयरफोर्स और नेवी की भूमिका काफी बढ़ चुकी है. पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत की ओर से लॉन्च ऑपरेशन सिंदूर में यह बात साबित भी हो गई. आर्मी ने जहां बॉर्डर पर मोर्चा संभाल रखा था तो वहीं वायुसेना ने पीओके और पाकिस्तान में सैकड़ों किलोमीटर अंदर तक घुसकर आतंकवादियों के शिविरों और मिलिट्री एयरबेस को धुआं-धुआं कर दिया. एयरफोर्स के इस हमले की सटीकता और प्रचंडता इतनी ज्यादा थी कि शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की सेना कुछ ही घंटों में घुटनों पर आ गई. इसके बाद सीजफायर पर सहमति बनी. दूसरी तरफ, नेवी ने अरब सागर में मोर्चा संभाल रखा था. इशारा मिलते ही भारतीय नौसेना पाकिस्तान की धड़कन यानी कराची को पलभर में तबाह कर देती. हालांकि, इसकी जरूरत नहीं पड़ी और दुश्मन पहले ही मुंह के बल गिर पड़ा. ऑपरेशन सिंदूर में एयरफोर्स के महत्व को देखकर उसे मॉडर्न एज के अनुसार अपग्रेड करने की जरूरत महसूस हुई.
दरअसल, सोवियत काल के MiG-21, MiG-27 और जगुआर जैसे फाइटर जेट को अब चरणबद्ध तरीके से हटाने की पक्रिया शुरू की जा रही है. ऐसे में भारत को नए फाइटर जेट का विशाल बेड़ा बनाना बहुत जरूरी है. बता दें कि देश की सीमा पश्चिम में पाकिस्तान के साथ ही उत्तर और पूरब में चीन और बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों से लगती है. ऐसे में आर्म्ड फोर्सेज को हर तरीके से दुरुस्त रखना समय की मांग और आवश्यकता दोनों है. एक तरफ भारत दूसरे देशों से फाइटर जेट की खरीद भी कर रहा है तो दूसरी तरफ स्वदेशी तकनीक के जरिये देश में ही फाइटर जेट डेवलप करने का प्रोसेस भी जारी है. तमाम तरह की बाधाओं को दूर करते हुए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने घरेलू स्तर पर कटिंग एज फाइटर जेट बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है.
तेजस MK-1A फाइटर जेट में मॉर्डर्न रडार सिस्टम इंस्टॉल किया गया है. (फोटो: पीटीआई)
इंडियन एयरफोर्स की डिमांड
इंडियन एयरफोर्स ने फरवरी 2021 में एचएएल को 83 TEJAS MK-1A फाइटर जेट के लिए ₹48,000 करोड़ का ठेका दिया था. मार्च 2024 से लड़ाकू विमानों की आपूर्ति शुरू होनी थी, लेकिन इंजन की तकनीक न मिलने की वजह से इसमें लगातार देरी होती गई. पिछले दिनों एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल अमरप्रीत सिंह ने सार्वजनिक तौर पर एचएएल की तरफ से TEJAS MK-1A की डिलिवरी में देरी पर गहरी नाराजगी जताई थी. दरअसल, TEJAS MK-1A फाइटर जेट के लिए जरूरी F404 इंजन की सप्लाई अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस (GE Aerospace) की ओर से समय पर नहीं की जा सकी. इस वजह से TEJAS MK-1A फाइटर जेट की डिलिवरी में देरी होती गई.
तेजस MK-1A फाइटर जेट आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस है. (फोटो: पीटीआई)
बड़ी राहत
TEJAS MK-1A फाइटर जेट की डिलिवरी को लेकर एचएएल की ओर से बड़ी खुशखबरी दी गई है. जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस ने मार्च 2025 में पहली F404-IN20 इंजन की आपूर्ति की. इसके बाद एचएएल एयरफोर्स की डिमांड को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. बताया जा रहा है कि एचएएल की ओर से पहले TEJAS MK-1A फाइटर जेट की डिलिवरी की जून 2025 के अंत तक कर दी जाएगी. इसका उत्पादन नासिक प्रोडक्शन लाइन से किया गया है. बता दें कि बेंगलुरु में पहले से ही दो प्रोडक्शन लाइन मौजूद हैं, लेकिन देरी और एयरफोर्स की अर्जेंट डिमांड को पूरा करने के लिए तीसरी प्रोडक्शन लाइन तैयार की गई है, ताकि फाइटर जेट के प्रोडक्शन में तेजी लाया जा सके.
HAL चीफ का वादा
HAL के चेयरमैन डॉक्टर डीके सुनील को TEJAS MK-1A फाइटर जेट की डिलिवरी में महीनों की देरी के लिए खूब खरी-खोटी सुननी पड़ी है. अब उन्होंने बताया कि इंजन की सप्लाई अब सामान्य होने के बाद TEJAS MK-1A फाइटर जेट की आपूर्ति जल्द से जल्द कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि TEJAS MK-1A फाइटर जेट का स्ट्रक्चर पूरी तरह से तैयार है और इंजन मिलने के साथ ही उसे तैयार कर वायुसेना को सौंप दिया जाएगा. गौर करने वाली बात यह है कि इंजन की आपूर्ति होने की स्थिति में हर प्रोडक्शन लाइन से एक साल में 8 TEJAS MK-1A फाइटर जेट का प्रोडक्शन किया ज सकेगा. इस तरह एक साल में 24 TEJAS MK-1A फाइटर जेट तैयार हो जाएंगे.
इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में तेजस MK-1A फाइटर जेट के शामिल होने से भारत की ताकत में और इजाफा होगा. (फोटो: पीटीआई)
TEJAS MK-1A क्यों जरूरी?
तेजस MK-1A लड़ाकू विमान की समय पर आपूर्ति भारतीय वायुसेना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह पुराने फाइटर जेट्स को बदलने की प्रक्रिया में है. इस बदलाव के दौरान वायुसेना की सामरिक क्षमताओं को बनाए रखने के लिए तेजस की भूमिका बेहद अहम है. रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि 2025-26 से तेजस MK-1A का उत्पादन योजना के अनुसार हो सकेगा. HAL हर साल 16 से 24 विमान तैयार करेगा. इससे न केवल निर्माण गति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा. भारतीय वायुसेना ने पहले ही तेजस MK-1A की 83 इकाइयों का ऑर्डर दे दिया है. अब योजना है कि इसमें और 97 लड़ाकू विमानों को जोड़ा जाए, जिसकी कुल लागत करीब ₹67,000 करोड़ आंकी गई है. इस विस्तार के बाद तेजस MK-1A विमानों की कुल संख्या 180 हो जाएगी.
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