India's diplomatic campaign against Pakistan: क्या आतंकवाद से तंग आया भारत अब एक और '1971' करने का मूड बना चुका है? ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने जिस तरह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाकर दुनिया के विभिन्न देशों में पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए भेजे हैं. उसे कई एक्सपर्ट एक गहरी रणनीति का हिस्सा करार दे रहे हैं. यह कुछ वैसी ही रणनीति है, जैसी 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अख्तियार की थी. उसी रणनीति की वजह से पाकिस्तान 2 हिस्सों में टूट गया और बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र का उदय हुआ. वह रणनीति क्या थी, जिसने पाकिस्तान को सबसे बड़ा जख्म दे दिया. यह हम आपको बताते हैं.
इतिहासकारों के मुताबिक, जब तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना के दमन के बाद लाखों की संख्या में पाकिस्तानी भारत में घुसने लगे तो देश की अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ने लगा. शुरुआत में तत्कालीन इंदिरा सरकार ने पाकिस्तान से अपनी हरकतों पर लगाम लगाने और शरणार्थियों को वापस लेने को कहा. लेकिन जब वह नहीं माना तो इंदिरा गांधी समझ गई कि इसका निपटारा अब युद्ध के बिना नहीं हो सकता.
सेना को दिया युद्ध की तैयारी का आदेश
उन्होंने तत्कालीन आर्मी चीफ सैम मॉनेक शॉ को बुलाकर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की तैयारी का आदेश दिया. लेकिन सैम ने विनम्रता पूर्वक ऐसा करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में मानसून शुरू हो जाएगा. ऐसे मौसम में अगर भारतीय सेना ने अपना अभियान शुरू किया तो वह बांग्लादेश में फंसकर रह जाएगी. उन्होंने पीएम इंदिरा गांधी से तैयारियों के लिए 6 महीने का वक्त मांगा और वादा किया कि वे उनकी झोली में जीत डाल देंगे.
कुछ देर सोचने के बाद इंदिरा गांधी ने उन्हें यह वक्त दे दिया. इसके बाद तय रणनीति के तहत वे अगले 6 महीने तक विभिन्न देशों की यात्राएं करके पाकिस्तान के दमन के खिलाफ वैश्विक जनमत तैयार करती रहीं. वहीं भारत की तीनों सेनाएं अंदरखाने अपनी युद्ध की तैयारियों में जुटी रही. पाकिस्तान को अंदेशा तो था कि भारत उस पर हमले की तैयारी कर रहा है लेकिन वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर ऐसा कब होगा.
भारत ने 13 दिन में पाकिस्तान के कर दिए 2 टुकड़े
आखिरकार उसने फ्रस्ट्रेट होकर 3 दिसंबर 1971 को भारत के सैन्य ठिकानों पर हवाई धावा बोल दिया. इसके साथ ही भारत को पलटवार और पाकिस्तान के खिलाफ पूर्ण युद्ध का अवसर मिल गया. भारत की तीनों सेनाओं ने अपनी पूरी क्षमता के साथ पाकिस्तान पर ताबड़तोड़ हमले बोलकर महज 13 दिनों में ही उसके 2 टुकड़े कर दिए और बांग्लादेश नाम का नया देश बना.
कई एक्सपर्ट अब विदेशों में भेजे जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के पीछे भी ऐसी ही रणनीति की संभावना जता रहे हैं. वे इसके पीछे कई कारण गिनाते हैं. पहला कारण है कि आतंकवाद को पाकिस्तान ने अपनी अघोषित विदेश नीति बना लिया है और वह 4 दिनों तक जबरदस्त नुकसान झेलने के बावजूद इसे खत्म नहीं करेगा और अगले आतंकी हमले की साजिश जरूर रचेगा. दूसरा, भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं किया है. यानी कि भारत सरकार को भी इस बात की पूरी आशंका है कि देर-सबेर उस पर इस तरह का आतंकी हमला जरूर हो सकता है. जिसका उसका भरपूर ताकत से फिर जवाब देना होगा.
क्या फिर बिखरने जा रहा जिन्नालैंड?
तीसरी वजह, पाकिस्तान के बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तनूख्वाह सूबों में आंतरिक विद्रोह तेजी से बढ़ रहा है, जिसे संभालने में वहां की सरकार और सेना खुद को असहाय पा रही है. चौथी और सबसे अहम वजह, भारत ने पाकिस्तान की ओर जाने वाली नदियों का पानी रोककर उसे जबरदस्त चोट दे दी है, जिसका उसके पास कोई जवाब नहीं है. भारत की इस स्ट्राइक की वजह से उसकी खेती समेत पूरी अर्थव्यवस्था के ध्वस्त होने का खतरा बढ़ रहा है. यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें चीन और तुर्किए जैसे उसके कथित यार भी कोई मदद नहीं कर सकते. ऐसे में देर-सबेर पाकिस्तान बौखलाकर भारत पर बड़ा हमला कर दे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी.
यही वे चार कारण है, जिससे भारत और पाकिस्तान में फुल वार की आशंका लगतार बढ़ रही है. अब यह आशंका कितनी सच होगी, यह तो भविष्य बताएगा. लेकिन विदेश भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया में पाकिस्तान को नंगा करने में कामयाब जरूर हो रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पेरिस पहुंच गया है. फ्रांस में तैनात भारत के राजदूत ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया. यह यह प्रतिनिधिमंडल ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई को प्रदर्शित करने के लिए फ्रांस, इटली, डेनमार्क, यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम और जर्मनी का दौरा करेगा.
कांगो पहुंचा शिंदे का प्रतिनिधिमंडल
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में गया सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस समय कांगो की राजधानी किंशासा पहुंच चुका है. प्रतिनिधिमंडल में शामिल BJD सांसद सस्मित पात्रा ने कहा, "...अब हम कांगो में हैं और अगले 2-3 दिनों में जो हमारी बैठक होंगी, वहां हम सबसे चर्चा करेंगे...मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं कांगो आतंकवाद के खिलाफ भारत की जो यह मुहिम है, उसका समर्थन करेगा क्योंकि वो भी एक शांति प्रिय राष्ट्र और दुनिया चाहते हैं...आतंकवाद के खिलाफ जो यह मुहिम है, यह सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहेगी, पूरे विश्व तक जाएगी..."
इसी प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद अतुल गर्ग ने कहा, "सबको पता है कि मुद्दा एक ही है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया है...हमारी सरकार ने दुनिया को हमारी पीड़ा और पाकिस्तान की हरकतों से अवगत कराने का फैसला किया है...".
'ऑपरेशन सिंदूर एक सैन्य अभियान नहीं बल्कि न्याय का नया संकल्प'
वहीं प्रतिनिधिमंडल के एक अन्य सदस्य व IUML सांसद ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा, "... हमें दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनकाब करना चाहिए... हमने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है... हमने इसे बेहतरीन तरीके से अंजाम दिया और हमें अपने सैनिकों पर गर्व है. साथ ही, हमने शालीनता भी बनाए रखी. हमने नागरिकों को कोई नुकसान या परेशानी नहीं पहुंचाई, लेकिन पाकिस्तान ने नागरिकों को निशाना बनाया. हमें इसे भी बेनकाब करना चाहिए..."
कांगो गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य अभियान नहीं था बल्कि यह न्याय का नया संकल्प है जो भारत ने विश्व के सामने प्रस्तुत किया है... यह कहा गया है कि लहू और पानी एक साथ नहीं बहेगा... यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पहले UAE गया और अब पश्चिमी अफ्रीका के विभिन्न देशों में जा रहा है... इस प्रतिनिधिमंडल में अलग-अलग पार्टी के सदस्य हैं. इसमें लोग भारत का पक्ष विश्व के समक्ष रखने राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर आए हैं..."
'आतंकवाद पूरी दुनिया की समस्या'
उधर कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन पहुंच गया है. भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए शशि थरूर ने कहा, "हमारा संदेश बहुत स्पष्ट है. हमें आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना है, चाहे वह कहीं भी हो. हमें न केवल दुष्ट हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाना है बल्कि हमें उन लोगों को भी गंभीरता से चुनौती देनी है जो उन्हें वित्तपोषित, प्रशिक्षित और निर्देशित कर रहे हैं... यह कुछ ऐसा है जिसे भारत दशकों से झेल रहा है... हमें उन्हें यह दिखाने की जरूरत है कि इसकी कीमत चुकानी होगी...हम चाहते हैं कि आप हमारे साथ जुड़ें और अपना समर्थन दें..."
#WATCH जॉर्जटाउन: गुयाना के उपराष्ट्रपति भरत जगदेव से मुलाकात के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "यह एक अभूतपूर्व मुलाकात थी...वे हमारे देश के मित्र हैं और उन्होंने हमारे पड़ोसी (पाकिस्तान) के साथ मौजूदा घटनाओं पर हमारी स्थिति के प्रति बहुत अधिक समझ दिखाई..." pic.twitter.com/xtwV6o6peG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 25, 2025
इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद शशांक मणि ने कहा, "बहुत अच्छा लग रहा है कि आज हम गुयाना आए हैं...यह हमारी यात्रा की शुरुआत है. हम जो बहुत महत्वपूर्ण संदेश पूरे विश्व में ले जा रहे हैं उसकी शुरुआत गुयाना से होगी इसलिए यह हमारे लिए शुभ होगा..."
थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, "गुयाना भारत के लिए दक्षिण अमेरिका का एक बहुत महत्वपूर्ण देश है...इस मिशन का उद्देश्य दुनिया को संदेश देना और पाकिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के भारत के संदेश को बढ़ाना है...संसद के सभी सदस्य आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में भारत की एकजुटता व्यक्त करने के लिए यहां आए हैं. यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं है बल्कि यह एक वैश्विक समस्या है..."
पाकिस्तान क्यों आतंकियों को शरण देता है- गुलाम नबी आजाद
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में बहरीन की राजधानी मनामा पहुंचे वहां के नेताओं से बात की. प्रतिनिधिमंडल में शामिल जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "... हमें एक चीज देखकर बहुत खुशी हुई कि यह(बहरीन) मिनी भारत की तरह लग रहा है. यहां(बहरीन) हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी हैं... हम चाहे अपने देश में विभिन्न पार्टियों से संबंध रखते हों लेकिन यहां हम भारतीय बनकर आए हैं... हमारे देश में सभी धर्म बहुत प्रेम से रहते हैं... पाकिस्तान धर्म के आधार पर बना था लेकिन वहां पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के मुसलमान एक साथ नहीं रह पाए और कुछ ही सालों में उनका बंटवारा हो गया... जितने आतंकवादी पाकिस्तान में रहते हैं शायद उतने पूरी दुनिया में नहीं होंगे... पाकिस्तान क्यों आतंकियों को शरण देता है?.."
इसी प्रतिनिधिमंडल में शामिल AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "...पाकिस्तान एक हमलावर है, पीड़ित नहीं." उन्होंने कहा, "...आज की बैठक में हमने भारत का पक्ष रखा. हमने उन्हें बताया कि कई सालों से पाकिस्तान द्वारा सहायता प्राप्त और प्रशिक्षित आतंकवादी भारत में आतंकी हमले कर रहे हैं और कई लोगों की जान जा चुकी है. हमने उन्हें सारा डेटा दिया. चाहे वह मुंबई धमाका हो, ट्रेन धमाका हो, जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सामने आत्मघाती हमला हो, पुलवामा हो, पठानकोट हमला हो...हमने दिसंबर 2023 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि आप TRF पर प्रतिबंध लगाएं, यह भारत में कुछ गलत कर सकता है...हमने 15 अप्रैल को असीम मुनीर के भाषण के बारे में भी बात की, उन्होंने कश्मीर के बारे में क्या कहा. पाकिस्तान की संलिप्तता इस बात से भी साबित होती है कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद TRF संगठन ने 2 बार इसे स्वीकार किया. भारत सरकार, हमारे साइबर विशेषज्ञों ने पाया कि उन्होंने इसे पाकिस्तानी सैन्य छावनी के पास से इंटरनेट पर अपलोड किया था..."
कतर पहुंचा सुप्रिया सुले का प्रतिनिधिमंडल
बहरीन गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, "आज हमने 5 मीटिंग की और कल 2 मीटिंग की थी... बहरीन हमारा पुराना दोस्त है. बेहरीन में 1947 से लेकर 1960 तक यहां भारतीय रुपया ही चलता था... पहलगाम आतंकी हमले के बाद बेहरीन वह पहला देश था जिसने 23 अप्रैल को इस हमले की निंदा की थी..."
#WATCH कतर: NCP-SCP सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने दोहा में मध्य पूर्व वैश्विक मामलों की परिषद के प्रमुख तारिक यूसुफ और परिषद के सदस्यों से मुलाकात की। pic.twitter.com/BHFH5NFW6Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 25, 2025
NCP-SCP सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को कतर पहुंच गया. इसके बाद दोहा में मध्य पूर्व वैश्विक मामलों की परिषद के प्रमुख तारिक यूसुफ और परिषद के सदस्यों से मुलाकात की.
DMK सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में गया सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल स्लोवेनिया पहुंच गया है. डेलीगेशन में शामिल पूर्व राजनयिक मंजीव सिंह पुरी ने कहा, "यह एक शांतिपूर्ण देश है... यह एक ऐसा रिश्ता है जिसके बारे में मुझे कोई संदेह नहीं है कि भारत और स्लोवेनिया दोनों इसे आगे बढ़ाना चाहेंगे... स्लोवेनिया इस वर्ष के अंत तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कार्य करेगा. पाकिस्तान भी वहां है... इसलिए, हमारे लिए उनसे बात करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि व्यक्तिगत रूप से मिलने से मानवीय बंधन स्थापित होता है. इससे उन्हें यह समझ में आएगा कि यह केवल भारत का मुद्दा नहीं है, यह एक वैश्विक मुद्दा है, और वे इस बात को ध्यान में रखेंगे कि उनके साथ एक ही कमरे में आतंक का एक वैश्विक प्रवर्तक बैठा है और उन्हें उस देश पर नज़र रखनी चाहिए ताकि वे अपनी स्थिति का दुरुपयोग न कर सकें..."
भारत को अच्छी तरह समझता है रूस- कनिमोझी
वहीं सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने कहा, "यह एक बहुत ही सकारात्मक यात्रा थी. रूस हमेशा से एक बहुत ही महत्वपूर्ण साझेदार रहा है. वे हमारा सम्मान करते हैं. हमारे प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने पहलगाम में जो कुछ हुआ उसके बारे में वहां के नेताओं से बात की है और पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है... रूसी सांसद और राय-निर्माता बहुत ग्रहणशील थे और उन्होंने समझा कि हम क्या संवाद करने आए थे. उन्होंने हमारे साथ खड़े होने, आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर आवाज उठाने का वादा किया है."
उधर दक्षिण कोरिया गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, "हमने आतंकवादी शिविरों को छोड़कर पाकिस्तान के किसी भी क्षेत्र पर हमला नहीं किया, और हमने उन पर सटीक हमला किया. अगर उन्होंने हम पर हमला नहीं किया होता, तो हम वहीं रुक जाते, लेकिन उन्होंने हम पर हमला किया, और जब उन्होंने हम पर हमला किया, तब हमने क्या किया? हमने उन एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया, जिनका उपयोग वे हम पर हमला करने के लिए कर रहे थे, इसलिए हमने उनके हवाई ठिकानों को निष्क्रिय कर दिया... इससे उन्हें स्पष्ट रूप से संदेश गया कि आप भारत का सामना नहीं कर सकते, और इसलिए उन्होंने कहा कि कृपया इसे रोकें और उन्होंने रोक दिया. लेकिन हमें सावधान रहना होगा, यही वजह है कि सरकार ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि हम ऑपरेशन सिंदूर को समाप्त नहीं कर रहे हैं..."
'हमारा उद्देश्य आतंकवाद का असल चेहरा दिखाना'
उन्होंने कहा, "दुनिया को संदेश यह है कि भारत आज एक अलग लीग में है. वे हमें एक ऐसे देश के रूप में देखते हैं जो वैश्विक स्तर पर एक शीर्ष देश के रूप में उभर रहा है. हम जापान से आगे निकलकर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं और हम छलांग लगाकर आगे बढ़ रहे हैं. यह ऐसी चीज है जिसे हमें संरक्षित करने की जरूरत है और हम इसकी रक्षा करेंगे..."
इसी प्रतिनिधिमंडल की सदस्य भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, "हम यहां एक उद्देश्य से हैं... हमारा उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ जनसमर्थन इकट्ठा करने का है ताकि हम दुनिया से ही आतंकवाद को जड़ से उखाड़ कर फेंक सकें. हम पाकिस्तान का असल चेहरा सारी दुनिया के सामने लाना चाहते हैं..."