H-1B visas News: हाय तौबा मचाने से पहले पढ़ लें ये बारीक बातें, कम होगी टेंशन

3 weeks ago

Last Updated:September 21, 2025, 05:52 IST

 हाय तौबा मचाने से पहले पढ़ लें ये बारीक बातें, कम होगी टेंशनट्रंप की यह वीजा नीति फिलहाल एक साल के लिए है.

H-1B visas News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा नियमों में व्यापक बदलाव किया है. निश्चित तौर इन बदलावों से सबसे ज्यादा भारतीय पेशेवर प्रभावित होंगे. क्योंकि इस वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी भारतीय हैं. अमेरिका की ओर से जारी H-1B का लाभ करीब 71 फीसदी भारतीय लोग लेते हैं. ऐसे में यह ट्रंप सरकार का यह एक बड़ा फैसला लेकिन ऐसा नहीं है कि सब कुछ लुट गया है. ट्रंप के आदेश में कई बारीक चीजें हैं जिससे राहत महसूस की जा सकती है. आइए इन चीजों सबसे अहम चीजों को प्वाइंटवाइज समझते हैं.

यह फी केवल नए H-1B एप्लीकेशन्स पर लागू होगी, रिन्यूअल्स या करंट होल्डर्स पर नहीं और यह वन टाइम फी है, एनुअल नहीं. ट्रंप ने H-1B वीजा एप्लीकेशन्स की एनुअल फी $215 से बढ़ाकर $100,000 कर दी है, जो अमेरिकन इंडस्ट्रीज को प्रभावित करेगी. अमेरिका की पूरी इंडस्ट्री स्किल्ड फॉरेन वर्कर्स पर निर्भर हैं. पॉलिसी संडे (22 सितंबर 2025) से प्रभावी होगी और 21 सितंबर 2026 तक वैलिड रहेगी, जब तक एक्सटेंड न हो. यानी फिलहाल इसकी मियाद केवल एक साल है. ट्रंप के साथी ही असहमत हैं: ट्रंप के साथी रहे रामास्वामी और एलन मस्क H-1B का समर्थन करते हैं, जबकि बैन्नन इसे “स्कैम” कहते हैं जो अमेरिकन जॉब्स छीनता है. सबसे ज्यादा प्रभावित इंडस्ट्रीज: कंप्यूटर रिलेटेड रोल्स (64%), आर्किटेक्चर/इंजीनियरिंग (10%) और एजुकेशन (6%). टॉप H-1B स्पॉन्सर्स: अमेजन (9,000+ अप्रूव्ड), गूगल (5,364), मेटा (4,844), माइक्रोसॉफ्ट (4,725) और एप्पल (3,873). स्मॉल बिजनेस और स्टार्टअप्स $100K फी से ज्यादा प्रभावित होंगे, जबकि बड़ी कंपनियां जैसे अमेजन और गूगल इसे अफोर्ड कर सकती हैं. फॉरेन वर्कर्स को एंट्री-लेवल जॉब्स से दूर रख सकता है, जिससे अमेरिकन रीसेंट ग्रेजुएट्स (खासकर टेक में) को फायदा हो सकता है. कंपनियां हायर सैलरी ऑफर कर सकती हैं या हायरिंग को इंडिया, चीन, कनाडा जैसे देशों में शिफ्ट कर सकती हैं; लेकिन इमिग्रेशन रेस्ट्रिक्शन्स से वर्कर शॉर्टेज बढ़ सकता है. पॉलिसी को लीगल चैलेंजेस का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि प्रेसिडेंट को ऐसी हाई फी लगाने का कानूनी अथॉरिटी नहीं है. ऐसा इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स कहते हैं.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

September 21, 2025, 05:52 IST

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