H-1B Visa Fee: हर साल नहीं भरना पड़ेगा $100,000, इन तीन चीजों को लेकर डर रहे हैं आप? व्हाइट हाउस ने समझाए नियम

3 weeks ago

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा में किए गए बदलावों से दुनिया भर में हड़कंप मचा हुआ है. जारी किए गए एक नए आदेश के बाद H-1B वीजा को लेकर कई सारी अफवाहें भी फैली. शुक्रवार को घोषित इस आदेश में H-1B वीजा की फीस को वर्तमान $2,000–$5,000 से बढ़ाकर सीधे $100,000 करने की बात कही गई थी. 

इससे भारत और अमेरिका दोनों देशों के आईटी पेशेवरों और कंपनियों में चिंता की लहर दौड़ गई. कई कंपनियों ने भारत आए अपने कर्मचारियों को तुरंत अमेरिका लौटने का निर्देश भी दे दिया. हालांकि, शनिवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव नियमों में फेर बदलाव को समझाते हुए कहा कि यह फीस सिर्फ नए वीजा आवेदनों पर ही लागू होगी और यह सालाना शुल्क नहीं है.

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मौजूदा वीजा धारकों पर कोई असर नहीं

प्रेस सचिव ने साफ कहा कि जो लोग पहले से ही H-1B वीजा धारक हैं, चाहे वो अमेरिका में हों या फिलहाल बाहर हों, उन्हें इस $100,000 की फीस का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. ये शुल्क केवल नए वीजा आवेदकों पर लागू होगा. जो लोग पहले से वीजा लेकर अमेरिका में काम कर रहे हैं, वे सामान्य तरीके से देश छोड़ सकते हैं और फिर से आ सकते हैं. उनके आने-जाने की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

वीजा रिन्यूअल पर भी नहीं लगेगी फीस

व्हाइट हाउस की ओर से यह भी साफ किया गया है कि वीजा रिन्यूअल या एक्सटेंड करने पर भी यह नई फीस नहीं ली जाएगी. यानी जो लोग पहले से H-1B वीजा पर हैं और उसको रिन्यू कराना चाहते हैं, उन्हें भी यह भारी-भरकम राशि नहीं देनी होगी.

दूर हो गया कंफ्यूजन

व्हाइट हाउस के इस बयान के बाद उन अफवाहों पर भी विराम लग गया है, जिनमें कहा जा रहा था कि भारत में मौजूद H-1B वीजा धारकों को तुरंत अमेरिका लौटना होगा वरना उन्हें $100,000 चुकाने होंगे. एक सीनियर अमेरिकी अधिकारी ने अपने बयान में कहा है कि भारत की यात्रा पर गए या जाने की योजना बना रहे कर्मचारियों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्हें न तो तुरंत लौटने की जरूरत है और न ही यह फीस देनी होगी.

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उद्योग में चिंता बरकरार

व्हाइट हाउस से नियमों को लेकर सफाई देने के बाद वहां रहने वाले इमीग्रेंट को तो राहत मिली हैं, लेकिन कंपनियों की चिंता अभी भी कम नहीं हुई है. अमेरिका और भारत दोनों में तकनीकी कंपनियों का कहना है कि H-1B वीजा की मदद से कुशल और प्रतिभाशाली लोग अमेरिकी टेक्नोलॉजी सेक्टर में योगदान देते हैं. ऐसे में इस नियम से नए लोगों के लिए अमेरिका में करियर का स्कॉप कम हो सकता है. हालांकि व्हाइट हाउस ने भी कहा है कि इस फैसले की समीक्षा करते समय अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंधों और साझा हितों को ध्यान में रखा जाएगा.

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