Last Updated:May 13, 2025, 11:59 IST
Amritsar Hooch Tragedy: पंजाब में एक बार फिर जहरीली शराब का कहर देखने को मिला है. अमृतसर के मजीठा ब्लॉक में 14 लोगों की मौत हो गई. जिस तरह से अवैध शराब बनाई जाती है उसमें मिथाइल अल्कोहल होता है, जो जानलेवा है.

जहरीली शराब की हर आपदा में मेथनॉल का हाथ रहा है.
हाइलाइट्स
अमृतसर के मजीठा में जहरीली शराब पीने से 14 की मौतअवैध शराब में मिथाइल अल्कोहल होता है, जो जानलेवा हैमुख्य सप्लायर प्रभजीत सिंह और साहिब सिंह गिरफ्तारAmritsar Hooch Tragedy: पंजाब के अमृतसर के मजीठा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांवों में जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई. जान गंवाने वाले ज्यादातर लोग ब्लॉक के भंगाली कलां, थारीवाल, संघा और मरारी कलां इलाकों के थे. अमृतसर जिला के अधिकारियों का दावा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि दो एफआईआर दर्ज की गई हैं और मुख्य सप्लायर प्रभजीत सिंह और साहिब सिंह को राजासांसी से गिरफ्तार किया गया है. सप्लायरों से शराब खरीदकर गांवों में बांटने वाले चार अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है.
पांच साल पहले पंजाब में तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर जिलों में एक बड़ी शराब त्रासदी हुई थी. जुलाई और अगस्त 2020 में माझा क्षेत्र के तीन जिलों – तरनतारन, गुरदासपुर और अमृतसर – में कथित तौर पर नकली शराब पीने से लगभग 130 लोगों की मौत हो गई थी. लगभग एक दर्जन लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. अकेले तरनतारन जिले में लगभग 80 मौतें हुई थीं. ये पहला मौका नहीं है जब देश के किसी राज्य में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई हो. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब जहरीली कैसे हो जाती है. इसमें ऐसा क्या होता है, जिसको पीते ही अमृतसर जैसे हादसे सामने आते हैं. क्यों कुछ देर पहले तक हंसता खेलता इंसान अपनी जिंदगी गंवा देता है.
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जानलेवा होती है अवैध शराब
ज्यादातर लोगों को यह भ्रम होता है कि देशी शराब या कंट्री मेड लिकर पीना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है. यही कभी-कभी जहरीली हो जाती है, जिससे इसके सेवन से जान चली जाती है. लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. कानूनी तरीके से देशी शराब बनाने के लिए सरकार बाकायदा लाइसेंस देती है. इसे देशी शराब के ठेकों पर बेचा जाता है. वहीं, जो शराब जहरीली हो जाती है उसे अवैध तरीके के बनाया जाता है. सामान्य भाषा में इसे कच्ची शराब भी कहते हैं. इसे उन इलाकों में चोरी छुपे बेचा जाता है, जहां श्रमिक वर्ग या छोटा-मोटा काम करने वाले लोग रहते हैं. क्योंकि ये देशी शराब के मुकाबले सस्ती पड़ती है, इसलिए कम आय वर्ग के लोग इसका सेवन करते हैं और जान गंवा देते हैं.
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किस तरह बनती है अवैध शराब
कच्ची शराब बनाने के लिए मुख्य रूप से गुड़, पानी और यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें कई खतरनाक केमिकल भी मिलाए जाते हैं. कच्ची शराब बनाने के लिए गुड़ को सड़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा इसमें और ज्यादा नशा पैदा करने के लिए नौसादर और यूरिया भी मिलाया जाता है. ये सभी चीजें किसी भी व्यक्ति के लिए नुकसानदेह हैं. यूरिया, ऑक्सोटोसिन, गुड़ और पानी को मिलाकर जब फर्मेंटेशन किया जाता है तो इथाइल अल्कोहल की जगह मिथाइल अल्कोहल बन जाता है. मिथाइल अल्कोहल बनने की वजह शराब बनाने की प्रक्रिया के दौरान तापमान का ध्यान न रखना भी है. इसी मिथाइल अल्कोहल की वजह से शराब जहारीली हो जाती है.
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इसे पीने से मिलती है मौत
जानकारों का कहना है कि मिथाइल अल्कोहल शरीर में जाकर फार्मेल्डिहाइड (फॉर्मिक एसिड) बनाता है. ये ऐसा जहर है जो आंखों की रोशनी जाने या मौत की वजह बन सकता है. यह शराब पीने वाले के दिमाग के लिए भी नुकसानदेह है. अगर शराब में मिथाइल अल्कोहल की मात्रा 90 फीसदी से ज्यादा हो जाती है तो वो जहरीली बन जाती है. इतनी मात्रा में मिथाइल अल्कोहल का सेवन नर्वस ब्रेकडाउन का कारण बनता है. जहरीली शराब पीने से कार्डियोमायोपैथी और ऑप्टिक न्यूरोपैथी का शिकार हो जाते है. कार्डियोमायोपैथी में हार्ट का आकार अचानक बढ़ जाता है. इससे हार्ट को ब्लड पंप करने में समस्या होने लगती है और पीड़ित व्यक्ति को हार्ट अटैक पड़ जाता है. जहरीली शराब पीने वाले को बहुत पीड़ा का सामना करना पड़ता है और उसकी मौत बेहद दर्दनाक होती है.
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New Delhi,Delhi