एक फोन कॉल ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के अरमानों पर पानी फेर दिया. हां, वह रास्ते में थे तभी रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप को फोन कर सेटिंग कर ली थी. जिस ब्रह्मास्त्र को यूक्रेन को देने की बात अमेरिका की तरफ से की जा रही थी, पुतिन ने एक फोन कॉल ने सारा गेम पलट दिया. यूक्रेन का तर्क है कि रूस को बातचीत के लिए मजबूर करने के लिए उसके पास टॉमहाक मिसाइलें होना जरूरी है. जेलेंस्की व्हाइट हाउस आए, ट्रंप ने उनके ड्रेस की तारीफ की लेकिन अपना ब्रह्मास्त्र देने से मना कर दिया.
जी हां, व्हाइट हाउस में ट्रंप और जेलेंस्की के बीच बातचीत के बाद स्पष्ट संकेत मिले हैं कि अमेरिका अपनी टॉमहाक मिसाइलें यूक्रेन को देने नहीं जा रहा है. ये लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें किसी भी युद्ध में बाजी पलटने का दम रखती है. हालांकि ट्रंप ने बातचीत के बाद पत्रकारों से कहा कि जेलेंस्की और पुतिन दोनों अब इसे रोकना चाहते हैं.
उधर, जेलेंस्की ने कहा कि सीजफायर कितना मुश्किल हो रहा है, बता नहीं सकते क्योंकि हम तो चाहते हैं पुतिन नहीं. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने आगे कह दिया कि हमारे हजारों ड्रोन रूस के टारगेट को निशाना बनाने के लिए तैयार हैं बस हमें अमेरिकी मिसाइलें चाहिए. हमारे पास टॉमहाक नहीं है इसलिए हमें टॉमहाक चाहिए. इस पर ट्रंप ने जवाब दिया कि हम तो यही चाहें कि टॉमहाक की जरूरत ही न पड़े. ट्रंप ने कहा कि हम तो खुद टॉमहाक चाहते हैं. हम इसे किसी को देना नहीं चाहते हैं क्योंकि हमारे देश को खुद इसकी जरूरत है. मुलाकात के दो घंटे बाद ट्रंप ने पुतिन और जेलेंस्की को संबोधित करते हुए कहा कि तत्काल युद्ध रोकिए.
ऐसे में देखिए अब यूक्रेन की पावर टॉमहाक पर आकर रुक गई है. यह समझना जरूरी है कि अमेरिका की यह मिसाइल कैसे इतनी गेमचेंजर समझी जा रही है.
मिसाइलों की आका है टॉमहाक
- इस लैंड अटैक मिसाइल का 1991 के युद्ध में पहली बार इस्तेमाल किया गया था.
- लंबी दूरी की गाइडेड क्रूज मिसाइलें समुद्र से दागी जाती है. परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस टॉमहाक का सबसे लंबी दूरी का वेरिएंट 1983 में आया था.
- इसकी मारक क्षमता 2500 किमी तक है. ये मिसाइलें काफी नीचे होकर 550 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती हैं.
- ये 6.1 मीटर लंबी, 2.5 मीटर पंखों वाली और लगभग 1510 किग्रा वजनी होती है.
- एक टॉमहाक की कीमत 1.3 मिलियन डॉलर होती है.
टॉमहाक के लिए बेकरार क्यों है यूक्रेन?
यूक्रेन को टॉमहाक मिसाइलों की आपूर्ति से उसकी हमला करने की क्षमता में जबर्दस्त इजाफा होगा. यह मिसाइल मिली तो वह रूस के काफी अंदर बने सैन्य ठिकानों, रसद केंद्रों, हवाई अड्डों और कमांड सेंटरों पर हमला कर सकेगा. अभी वह 300 किमी की दूरी तक ही हमला करने में सक्षम है. टॉमहाक की रेंज रूस का एक बड़ा हिस्सा आ जाएगा.
एक रिपोर्ट का अनुमान है कि टॉमहाक मिसाइलों की जद में सैकड़ों रूसी सैन्य ठिकाने आएंगे. यूक्रेन ने तर्क दिया है कि ऐसी पावर मिलने से व्लादिमीर पुतिन को युद्ध समाप्त करने के लिए सीधी बातचीत के लिए गंभीरता से सोचने के लिए मजबूर करेगी. हालांकि क्रोनोलॉजी बता रही है कि ट्रंप और पुतिन में सेटिंग हो गई और जेलेंस्की देखते रह गए.