Last Updated:December 06, 2025, 21:07 IST
इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड यानी IBC के गलत इस्तेमाल पर ईडी बेहद सख्त है. (फाइल फोटो)अहमदाबाद. प्रवर्तन निदेशालय यानी (ईडी) अब पहले से ज्यादा एग्रेसिव मूड में है. गुजरात के केवड़िया में हुई दो दिन की बैठक में बड़े फैसले लिए गए हैं. एजेंसी ने साफ कर दिया है कि आर्थिक अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा. अब जांच के लिए पुराने तरीकों की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल होगा. ईडी के डायरेक्टर की अध्यक्षता में हुई 33वीं जोनल कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों को सख्त निर्देश मिले हैं. फोकस इस बात पर है कि देश की इकोनॉमी और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाले केसों को प्राथमिकता दी जाए. भगोड़ों को वापस लाने और उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी तेज होगी. एजेंसी अब हाई-टेक होकर काम करेगी.
AI और डिजिटल टूल्स से पकड़े जाएंगे अपराधी: ED अब जांच को तेज और सटीक बनाने के लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी का सहारा लेगी. बैठक में नेशनल और इंटरनेशनल डेटाबेस यूज करने पर जोर दिया गया. अधिकारियों से कहा गया है कि वे फॉरेंसिक टूल्स और OSINT जैसी तकनीक अपनाएं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके संदिग्ध ट्रांजेक्शन और नेटवर्क पकड़े जाएंगे. मनी लॉन्ड्रिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के तरीके लगातार बदल रहे हैं. ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए डिजिटल सबूतों पर ज्यादा फोकस रहेगा. अब अपराधी टेक्नोलॉजी की आड़ में नहीं छिप पाएंगे.
भगोड़ों और क्रिप्टोकरेंसी पर कसता शिकंजा: देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों पर ED ने खास प्लान बनाया है. बैठक में भगोड़े आर्थिक अपराधी (Fugitive Economic Offender) कानून का सख्ती से पालन करने को कहा गया. रेड नोटिस और एक्स्ट्राडिशन की प्रोसेस तेज की जाएगी. मकसद साफ है कि भगोड़ों को भारत लाया जाए और कानून का सामना कराया जाए. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए बाहर पैसा भेजने वालों पर भी नजर रहेगी. FDI के नियमों का उल्लंघन करने वालों की भी खैर नहीं. GDR के गलत इस्तेमाल पर भी अधिकारियों ने चर्चा की. एजेंसी अब हर संदिग्ध विदेशी ट्रांजेक्शन को स्कैन करेगी.
दिवालिया कानून की आड़ में खेल नहीं चलेगा: इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड यानी IBC के गलत इस्तेमाल पर ED बेहद सख्त है. अक्सर देखा गया है कि लोग बैकडोर से अपनी ही संपत्ति कम दाम में खरीद लेते हैं. या फिर कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स में हेराफेरी करते हैं. ऐसे मामलों की अब गहराई से जांच होगी. इसके साथ ही जब्त संपत्तियों की नीलामी पारदर्शी होगी. इसके लिए BAANKNET प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया गया. ताकि बोली प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी न हो. पुराने FERA केसों को भी जल्द निपटाने का आदेश दिया गया है. विदेशी अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मदद ली जाएगी.
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राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 06, 2025, 21:07 IST

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