Last Updated:December 06, 2025, 18:07 IST
Odisha News: ओडिशा सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की लड़कियों को शादी में 51,000 रुपए की मदद देने के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना शुरू की है. इसमें 35,000 रुपए सीधे आर्थिक सहायता और 10,000 रुपए के शादी उपहार शामिल हैं. योजना का मकसद विवाह खर्च कम करना और जिम्मेदार तथा कानूनी विवाह पद्धति को बढ़ावा देना है.
ओडिशा ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना शुरू की है. (सांकेतिक फोटो)नई दिल्ली: पिता चाहे गरीब हो या अमीर उससे अपनी बेटी की शादी में खर्चे की चिंता जरूर रहती है. लेकिन जब पिता गरीब हो तो उसे इसकी चिंता हमेशा खाए रहती है. हालांकि देश के कई राज्यों में सरकार अलग-अलग योजना चलाकर इस चिंता को थोड़ी दूर करने की कोशिश जरूर करती है. इसी कड़ी में ओडिशा सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. ओडिशा सरकार ने लड़कियों और आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) परिवारों को बड़ी राहत देते हुए एक नई योजना लागू करने का ऐलान किया है. ओडिशा में सरकार अब सीधे आर्थिक मदद देगी और शादी से जुड़ी कई जरूरतों का खर्च खुद उठाएगी. इस योजना से कई परिवारों को शादी के बोझ से राहत मिलने वाली है.
नई योजना का नाम है मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना. इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को कुल 51,000 रुपए की सहायता दी जाएगी. सरकार का दावा है कि इससे शादी का आर्थिक बोझ कम होगा. यह योजना उन परिवारों के लिए खास मदद है, जो अपनी बेटियों की शादी के खर्चों को लेकर पहले से तनाव में रहते हैं.
क्यों शुरू हुई यह योजना?
ओडिशा में महिलाओं के लिए पहले से चलाई जा रही सुभद्रा योजना को बड़ी सफलता मिलने के बाद सरकार ने लड़कियों के विवाह खर्च में मदद देने का फैसला किया. खास बात यह है कि राज्य की बहुत बड़ी महिला आबादी पहले बीजद की परंपरागत समर्थक मानी जाती थीं. विशेषकर स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं. लेकिन नई योजनाओं के जरिए सरकार महिलाओं तक तेजी से पहुंच बना रही है.
कितनी सहायता मिलेगी?
कुल 51,000 रुपए की सहायता: जिसमें 35,000 रुपए सीधी आर्थिक मदद, 10,000 रुपए के शादी के उपहार (साड़ी, चूड़ी, बिंदी, पायल, बिछिया, बर्तन) और 6,000 रुपए विवाह आयोजन से जुड़ी व्यवस्थाओं पर खर्च होंगे.कौन-कौन पात्र होंगे?
लड़की का 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की होना जरूरी. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की श्रेणी में होना अनिवार्य. विधवा महिलाओं का पुनर्विवाह भी इस योजना के दायरे में शामिल. शादी रजिस्ट्रेशन कराने पर ही सहायता मिलेगी.ओडिशा में महिलाओं का एक बड़ा वर्ग लंबे समय से बीजद का मजबूत समर्थन आधार माना जाता था.
विवाह व्यवस्था में क्या बदलाव लाना चाहती है सरकार?
इस योजना का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक सहायता देना ही नहीं है. इसके जरिए सरकार चाहती है कि समाज में जल्दबाज़ी में होने वाले विवाह रुके. विवाह का पंजीकरण बढ़े, दहेज विरोध को मजबूती मिले और महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़े. सरकारी निर्देशों में साफ लिखा है कि यह योजना जिम्मेदार और गरिमापूर्ण विवाह पद्धति को बढ़ावा देगी.
कितना खर्च करेगी सरकार?
अगले पांच सालों में राज्य सरकार इस योजना पर करीब 60 करोड़ रुपए खर्च करेगी. सरकार को उम्मीद है कि यह पहल सैकड़ों परिवारों के लिए राहत बनेगी, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां आर्थिक तंगी के कारण विवाह टल जाते हैं या परिवारों को कर्ज लेना पड़ता है.
क्यों कहा जा रहा है कि योजना का राजनीतिक असर भी होगा?
ओडिशा में महिलाओं का एक बड़ा वर्ग लंबे समय से बीजद का मजबूत समर्थन आधार माना जाता था. लेकिन पिछले चुनाव में भाजपा द्वारा महिलाओं को लेकर किए गए वादों ने राजनीतिक समीकरण बदले. सुभद्रा योजना ने भाजपा को महिलाओं का समर्थन दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. अब शादी सहायता योजना को भी उसी दिशा में एक और कदम माना जा रहा है.
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Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
First Published :
December 06, 2025, 18:05 IST

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