DNA: पुतिन से ट्रंप की दोस्ती खत्म... दुश्मनी शुरू, बस 50 दिन बाद शीतयुद्ध सीजन-2!

8 hours ago

Trump Vs Putin: एक ओर चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग मधुमक्खियों के जरिए जंग लड़ने का प्लान बना रहे हैं. दूसरी तरफ एक और सुपरपावर राष्ट्रपति ने रूस-यूक्रेन युद्ध (russia ukraine war) रोकने का प्लान बनाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 100 परसेंट वाला प्लान बनाया है. ट्रंप ने पुतिन को युद्ध खत्म करने के लिए 50 दिनों की समय सीमा देते हुए चेतावनी दी है अगर 50 दिनों के अंदर रूस ने यूक्रेन पर हमले बंद नहीं किए तो रूस से होने वाले व्यापार के ऊपर अमेरिका 100 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा कर देगा. ये टैरिफ यानी टैक्स रूस के साथ ही साथ उन देशों पर लागू होगा, जो रूस के साथ किसी ना किस्म का व्यापार करते हैं.

क्या झुकेंगे पुतिन? लगता तो नहीं है...

यूक्रेन युद्ध की वजह से अमेरिका ने पहले ही रूस पर प्रतिबंध लगा रखे हैं और इन प्रतिबंधों की वजह से रूस मुख्य तौर पर तेल और गैस का ही व्यापार कर पा रहा है. इस व्यापार के लिए भी पुतिन को अपने तेल और गैस के दाम काफी कम करने पड़े थे. अगर ट्रंप ने 100 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया. तो रूस पर दबाव बढ़ेगा और ये दबाव दुनिया में एक ऐसा GEO POLITICAL सीन बना सकता है. जिसे शीतयुद्ध पार्ट - 2 कहा जाए तो गलत नहीं होगा. हमने शीतयुद्ध जैसे शब्द का इस्तेमाल क्यों किया, ये समझने के लिए आपको दुनिया में चल रही हलचल के कुछ हिस्से गौर से समझने चाहिए.

रूस के साथ ढाल बनकर खड़ा चीन

ट्रंप ने यूक्रेन के लिए हथियारों की नई खेप भेजने के फैसले के साथ नाटो और पश्चिमी देशों में अपनी पैठ को मजबूत किया है. तो दूसरी तरफ ब्रिक्स सम्मेलन में एक नया आर्थिक मोर्चा खोलने की सहमति के साथ रूस और चीन ने अमेरिका के सामने नया फ्रंट खोलने की तैयारी कर ली है. यानी अमेरिका सामरिक कदम उठा रहा है जबकि चीन और रूस आर्थिक घेराबंदी करने में जुटे हैं.

शीतयुद्ध में वामपंथी और पूंजीवादी शक्तियां आमने सामने थी. तो शीतयुद्ध पार्ट - 2 की आशंका में नाटो और ब्रिक्स जैसे गुट आमने सामने नजर आ रहे हैं. कुछ जानकार ये भी मानकर चल रहे हैं कि ट्रंप कोई बड़ा टकराव नहीं चाहते. वो बस पुतिन के ऊपर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन यहां बड़ा सवाल ये है, क्या वाकई यूक्रेन के रणक्षेत्र में पुतिन के ऊपर दबाव बढ़ाया जा सकता है? हम ये सवाल क्यों पूछ रहे हैं, ये समझने के लिए आपको यूक्रेन युद्ध का नक्शा समझना चाहिए.

यूक्रेन के डोनेस्क, लुहांस्क और जैपोरीज़िया पर रूस का तकरीबन पूरा कब्जा है. खेरसॉन प्रांत में बंदरगाह के हिस्सों को छोड़कर बाकी सभी हिस्से पर रूस की सेना का कब्जा है. पिछले 4 महीनों के अंदर रूस की सेना ने माइकोलेव और खारकीव प्रांत के भी कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. क्षेत्रफल के लिहाज से आज यूक्रेन की 20 प्रतिशत जमीन पर रूस का कब्जा है.

पुतिन का मॉरल हाई है...

आज इस युद्ध को तीन साल का वक्त बीत चुका है. इन तीन सालों में रूस ने भले ही सैन्य संसाधन खोए हैं. लेकिन यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है. जबकि यूक्रेन ने रूस के एक सीमावर्ती प्रांत पर तीन महीनों के लिए कब्जा किया था. जिसे रूस ने दोबारा यूक्रेनी कब्जे से मुक्त करा लिया है. यानी अगर जेलेंस्की युद्धविराम के लिए राजी हुए तो उनके पास अपना पक्ष मजबूत करने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं होंगे. दूसरी तरफ पुतिन चाहे तो कई शर्तों या विकल्पों के साथ संभावित युद्धविराम का बातचीत कर सकते हैं. यूक्रेन के बड़े भूभाग पर कब्जा ही वो कॉन्फिडेंस है जिसकी वजह से रूस ने ट्रंप की कथित चेतावनी को सिरे से ठुकरा दिया है. ट्रंप की WARNING पर मॉस्को ने जवाब देने में देर नहीं लगाई.

#DNAWithRahulSinha | पुतिन-ट्रंप की 'दोस्ती' खत्म..दुश्मनी शुरू! सिर्फ 50 दिन बाद..'शीतयुद्ध' का सीजन-2?

शीतयुद्ध की आशंका, यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप का बड़ा बयान, कहा- '50 दिन में हमले बंद करे रूस'. हमले ना रोकने पर ट्रंप ने टैरिफ की धमकी दी, कहा- 'रूस पर 100% टैरिफ लगा… pic.twitter.com/2qN9Q7DJak

— Zee News (@ZeeNews) July 15, 2025

रूस का पलटवार

रूस के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की चेतावनी पर अधिकारिक बयान जारी किया है. जिसमें दो टूक कहा गया है कि समयसीमा जैसी शर्त को रूस किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेगा. हालांकि रूसी विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा है कि चेतावनी को छोड़कर जो कुछ ट्रंप ने कहा है उसपर गौर किया जा सकता है. अमेरिका और रूस के बीच चल रही तनातनी में चीन की भी एंट्री हो चुकी है. जिसने चेतावनी के मुद्दे पर रूस का समर्थन किया है. ऐसी धमकियों को अमेरिकी दादागीरी करार दिया है. चीन का ये बयान साफ इशारा देता है दुनिया में एक ऐसा गठबंधन खड़ा हो रहा है, जो अमेरिका और पश्चिमी यूरोप की चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार है. यानी शीतयुद्ध पार्ट - 2 से किसी भी बड़ी शक्ति को परहेज नहीं है.

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