DNA Analysis: मतदान में धांधली वाले मोर्चे पर ट्रंप का अमेरिका बिहार बन गया है. सुनकर आपको आश्चर्य हुआ होगा. लेकिन ये सच है. ट्रंप का अमेरिका कैसे बिहार बन गया है हम आपको बताते हैं. मित्रो एसआईआर को लेकर देश में जब सवाल जा रहे थे तब बिहार से एक खबर आई थी. हमने इसकी जानकारी आपको दी थी. खबर ये थी की पटना के मसौड़ी में एक कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया. सर्टिफिकेट में नाम डॉग बाबू लिखा था. पिता का नाम कुत्ता बाबू दर्ज था.
बिहार में तो कुत्ते के नाम पर एक सर्टिफिकेट बनवाया गया था. लेकिन ट्रंप के अमेरिका में जो हुआ वो आपको और हैरान कर देगा. अमेरिका में 62 साल की लौरा ली योरेक्स ने अपने कुत्ते को बतौर वोटर दर्ज कराया. वोटर बने कुत्ते ने दो चुनाव में वोट भी दिया. ऑरेंज काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के मुताबिक कुत्ते की वोटर आईडी से 2021 में गवर्नर रिकॉल चुनाव में वोट डाला गया. ये वोट काउंट भी हुआ 2022 में प्राइमरी चुनाव में भी वोट डाला गया. लेकिन इस बार वोट खारिज हो गया.
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— Zee News (@ZeeNews) September 18, 2025
वोटिंग के लिए दोनों बार मेल इन बैलेट का इस्तेमाल किया गया. 2024 में योरेक्स ने खुद वोटर रजिस्ट्रार ऑफिस को जानकारी दी कि उसने अपने कुत्ते को बतौर वोटर रजिस्टर किया है. इस फर्जीवाडे के खुलासे के बाद योरेक्स पर फर्जी दस्तावेज बनाने, गलत तरीके से वोट डलवाने, नॉन एग्जिस्टिंग व्यक्ति का वोट रजिस्टर कराने जैसे 5 आरोप में केस दर्ज किया गया है. आरोप साबित हुए तो योरक्स को 6 साल की सजा हो सकती है.
अमेरिका में कुत्ते के वोटिंग वाला केस वायरल है. चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि अमेरिका के चुनाव में धांधली की शिकायत बहुत कम होती है. ब्रेनन सेंटर फॉर जस्टिस की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में वोटिंग फ्रॉड की दर 0.0003% के करीब है. 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चुनाव एजेंसियों को करीब 25 लाख शिकायतें मिली थी. ज्यादातर शिकायत वोटर लिस्ट, पोस्टल बैलेट में देरी और सुरक्षा से जुड़े थे. वोटिंग में धांधली की शिकायतें बहुत कम थी. जांच में इनमें से ज्यादातर शिकायतें गलत निकली लेकिन लौरा योरेक्स की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि उन्होंने खुद वोटर रजिस्ट्रार ऑफिस को जानकारी दी थी. जांच में ये मामला सही पाया गया और लौरा पर केस भी दर्ज हुआ है.