DHFL केस में नया खुलासा, ED का दावा- 31 करोड़ की पेंटिंग बेचने की तैयारी थी...

1 day ago

Last Updated:May 30, 2025, 12:10 IST

DHFL painting scam: धीरज वधावन ने न्यायिक हिरासत के दौरान अस्पताल में रहते हुए 31 करोड़ की दो पेंटिंग बेचने की साजिश रची, लेकिन CBI ने समय रहते उन्हें जब्त कर लिया. ED की चार्जशीट में करोड़ों की लूट का खुलासा ह...और पढ़ें

DHFL केस में नया खुलासा, ED का दावा- 31 करोड़ की पेंटिंग बेचने की तैयारी थी...

धीरज वधावन

हाइलाइट्स

धीरज वधावन ने कस्टडी में रहते हुए पेंटिंग बेचने की कोशिश की.CBI ने छापा मारकर 31 करोड़ की दोनों पेंटिंग जब्त कर लीं.ED की चार्जशीट में करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा हुआ है.

धोखाधड़ी के चर्चित DHFL केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नया खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के पूर्व प्रमोटर धीरज वधावन ने न्यायिक हिरासत में होने के बावजूद, एक अस्पताल में इलाज के नाम पर रहते हुए करोड़ों की पेंटिंग बेचने की तैयारी कर ली थी. अस्पताल में उनकी मुलाकात एक सटोरिए दीपक कपूर और विवादास्पद कारोबारी अजय नवंदर से हुई. इन तीनों ने मिलकर दो बेहद महंगी पेंटिंग्स — तैयब मेहता की ‘फॉलिंग बुल’ और मंजीत बावा की ‘पेंटिंग’ — कुल 31 करोड़ रुपये में बेचने की योजना बनाई.

CBI ने बेचने से पहले ही जब्त कर लीं पेंटिंग्स
जब सौदे की तैयारी पूरी हो गई थी, तभी CBI ने अजय नवंदर के घर पर छापा मारा और दोनों पेंटिंग्स को जब्त कर लिया. जांच में पता चला कि ये पेंटिंग्स उस पैसे से खरीदी गई थीं, जो DHFL से अवैध तरीके से निकालकर अपनी निजी संपत्तियों पर खर्च किया गया.

34,000 करोड़ की धोखाधड़ी
ED की चार्जशीट के मुताबिक वधावन बंधुओं — कपिल और धीरज — ने DHFL के फंड्स को फर्जी कंपनियों के जरिए इधर-उधर घुमाया और हजारों फर्जी होम लोन दिखाकर बैंकों से 34,000 करोड़ रुपये का लोन लिया और डिफॉल्ट कर दिया. इस पैसे से इन्होंने महंगे गहने, घड़ियां, पेंटिंग्स और यहां तक कि एक एविएशन कंपनी में हिस्सेदारी भी खरीदी.

गहनों और घड़ियों में उड़ाए करोड़ों
चार्जशीट में बताया गया कि वधावन परिवार ने 2019-20 में करीब 175 करोड़ रुपये केवल गहनों, घड़ियों और शौक की चीजों पर खर्च किए. इनमें 75-75 लाख की डायमंड चूड़ियां, 1.5 करोड़ का हार, 90 लाख की घड़ियां और कुल मिलाकर 5 करोड़ से ज्यादा की लग्जरी चीजें शामिल थीं.

पैसे का नकद लेन-देन भी, डायमंड की आड़ में घोटाला
वधावन परिवार ने सूरत की दो फर्मों से करीब 26.9 करोड़ रुपये के डायमंड खरीदे दिखाए, लेकिन असल में उन्हें 1% कमीशन काटकर ये रकम नकद में वापस मिल गई. यानी दिखावे की खरीदारी और असल में कालेधन को सफेद करने का तरीका.

पेंटिंग्स और मूर्तियों पर भी लुटाए करोड़ों
2017-18 में कपिल वधावन ने एक नीलामी हाउस से 63 करोड़ की 13 पेंटिंग्स और एक मूर्ति खरीदी, जिनके लिए भी अपराध से मिले पैसे का इस्तेमाल किया गया. इन महंगी चीजों को अपने नाम पर नहीं बल्कि बिचौलियों और फर्जी कंपनियों के जरिए लिया गया.

‘बांद्रा बुक एंटिटीज’ और वैजिनरी सौदे
ED की जांच में सामने आया कि पूर्व स्वतंत्र निदेशक अजय वज़ीरानी ने भी इस घोटाले में मदद की. उन पर आरोप है कि उन्होंने DHFL के फंड्स को RKW ग्रुप की कंपनियों में घुमाने और 30 फर्जी कंपनियों को मिलाकर 5475 करोड़ की हेराफेरी करने में सहायता की. उन्हें और उनके पिता के खाते में 17 करोड़ रुपये एक फर्जी प्रॉपर्टी डील के नाम पर भेजे गए.

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