Last Updated:March 24, 2025, 09:59 IST
CPIM New Logo: सीपीआईएम ने अपने चुनाव सिंबल में लाल रंग हटाकर नीला और सफेद रंग जोड़ा, जिससे टीएमसी ने तंज कसा. सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस छिड़ी है. 2024 चुनावों में सीपीआईएम का वोट शेयर 5.7% रहा.

टीएमसी ने बदलाव पर मजाक उड़ाया. (File Photo)
हाइलाइट्स
CPI(M) ने लोगो में लाल रंग हटाकर नीला-सफेद जोड़ा.टीएमसी ने CPI(M) के लोगो बदलाव पर तंज कसा.पिछले लोकसभा चुनावों में CPI(M) का वोट शेयर 5.7% रहा.CPIM New Logo: कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) ने हाल ही में पार्टी के ‘लोगो’ यानी चुनाव सिंबल में बड़ा बदलाव किया है. बैकग्राउंड से लाल रंग को हटाकर नीले आसमान और सफेद बादलों को दिखाया गया है. ऐसे में टीएमसी ने इस बदलाव के बाद सीपीआईएम को आड़े हाथों लिया. सीपीआईएम की बंगाल इकाई ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पिक्चर में बदलाव किया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस शुरू हो गई. कोई इसे हास्यास्पद करार दे रहा है तो कोई इसे राजनीतिक समर्पण का प्रतीक बता रहा है. 1977-2011 तक बंगाल की सत्ता पर काबिज़ रही CPI(M) को लेकर इस वक्त कई तरह की मीम्स वायरल हो रहे हैं.
CPI(M) ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट की डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) को लाल रंग से बदलकर सफेद-नीले रंग में कर दिया है. सफेद-नीला रंग बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार का आधिकारिक रंग माना जाता है और इसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पसंदीदा रंग भी कहा जाता है. दूसरी ओर, लाल रंग हमेशा से माकपा की पहचान रहा है. CPI(M) का झंडा भी लाल रंग का है, जो उसकी विचारधारा और इतिहास का प्रतीक है लेकिन अब फेसबुक डीपी के बैकग्राउंड में नीले आकाश में सफेद बादल दिखाई दे रहे हैं, और उस पर पार्टी का चिह्न हंसुआ और हथौड़ीपीले रंग में दर्शाया गया है. सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इसे लेकर तंज कस रहे हैं कि माकपा को अब लाल रंग रास नहीं आ रहा और वह ममता बनर्जी के रास्ते पर चल पड़ी है.
क्या बोले ममता के मंत्री?
सीपीआई(एम) के लोगो में लाल रंग की वापसी और साथ ही उनकी चुनावी वापसी अभी भी देखी जानी बाकी है. बंगाल की राजनीति में कभी एक प्रमुख ताकत रही पार्टी में अब तेज गिरावट देखी गई है और 2024 के लोकसभा चुनावों में उसे केवल 5.7% वोट शेयर ही मिल पाया है. तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा, “माकपा इतने दिनों तक सफेद-नीले रंग का मजाक उड़ाती थी, और अब उसी रंग को अपना लिया है. दरअसल, उसने अपने खून से सने इतिहास को भुलाने के लिए यह रंग बदला है.”
Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
March 24, 2025, 09:59 IST