ब्रिटेन ने भारत से किया मुक्‍त व्‍यापार समझौता और लगा दिया कार्बन टैक्‍स

14 hours ago

Last Updated:May 07, 2025, 15:03 IST

Carbon Tax : भारत और ब्रिटेन ने मुक्‍त व्‍यापार समझौता किया है, जिसका मतलब है कि दोनों देश एक दूसरे से आयात पर कोई टैरिफ नहीं लगाएंगे. लेकिन, इस समझौते में नया ट्विस्‍ट कार्बन टैक्‍स है, जो ब्रिटेन ने लगाया है....और पढ़ें

ब्रिटेन ने भारत से किया मुक्‍त व्‍यापार समझौता और लगा दिया कार्बन टैक्‍स

ब्रिटेन ने मुक्‍त व्‍यापार समझौते में कार्बन टैक्‍स को भी शामिल कर दिया है.

हाइलाइट्स

ब्रिटेन ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया.ब्रिटेन ने कार्बन टैक्स लगाने का प्रस्ताव पेश किया.भारत के 7 हजार करोड़ रुपये के निर्यात पर असर पड़ सकता है.

नई दिल्‍ली. अंग्रेजों की चालाकी आज भी कम नहीं हुई है. ब्रिटेन ने भारत के साथ मुक्‍त व्‍यापार समझौता तो कर लिया, लेकिन साथ ही एक नया प्रस्‍ताव भी पेश कर दिया, जिसमें कार्बन टैक्‍स लगाने की बात कही जा रही है. भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते में ब्रिटेन की ओर से प्रस्तावित कार्बन टैक्‍स भी शामिल है. फिलहाल इसके स्‍वरूप को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि कैसे लागू किया जाएगा. इस बारे में कोई भी ब्रिटिश कानून नहीं होने से भारत ने इससे नुकसान की स्थिति में खुद के बचाव का अधिकार भी सुरक्षित रखा है.

दरअसल, ब्रिटेन सरकार ने साल 2027 से अपना ‘कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म’ (सीबीएएम) लागू करने का निर्णय दिसंबर 2023 में ही कर लिया था. आर्थिक शोध संस्थान ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ (जीटीआरआई) के अनुसार, ब्रिटेन द्वारा साल 2027 से लोहा व इस्पात, एल्युमीनियम, उर्वरक व सीमेंट जैसे उत्पादों पर कार्बन टैक्‍स लगाने से ब्रिटेन को भारत से किया जाने वाला 77.5 करोड़ डॉलर (करीब 6,587 करोड़ रुपये) का निर्यात प्रभावित हो सकता है.

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रद्द हो सकती है भारत की रियायत
मामले से जुड़े अधिकारी ने ताया कि ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में कार्बन टैक्‍स का मुकाबला करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है, जिससे ब्रिटेन द्वारा भारत को दी जाने वाली रियायतें रद्द होने की आशंका है. टैक्‍स पर बनी अनिश्चितता और कोई कानून न होने के कारण ऐसा माना जा रहा है कि भारत (भविष्य में) जवाबी कार्रवाई करने या रियायतों को पुनः संतुलित करने के अपने अधिकार को सुरक्षित रखेगा/रख चुका है.

यूरोप ने भी लागू किया था टैक्‍स
यूरोपीय संघ (ईयू) के बाद ब्रिटेन कार्बन टैक्‍स लागू करने वाली दूसरी अर्थव्यवस्था होगी. इसे आयात कार्बन मूल्य निर्धारण तंत्र कहा जाता है और यह शुरुआत में लोहा, इस्पात, एल्युमीनियम, उर्वरक, हाइड्रोजन, सिरेमिक, कांच और सीमेंट जैसे क्षेत्रों पर लागू होता है. यह टैक्‍स ईटीएस (उत्सर्जन व्यापार प्रणाली) के तहत बाद में आयात मूल्य के 14-24 फीसदी तक हो सकता है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में लंदन की यात्रा के दौरान इस कर पर चिंता जाहिर की थी और कहा था कि अगर ब्रिटेन इस योजना पर आगे बढ़ता है तो भारत जवाबी कार्रवाई पर विचार कर सकता है.

क्‍या होता है कार्बन टैक्‍स
यह टैक्‍स ऐसे प्रोडक्‍ट पर लगाया जाता है, जो कार्बन का उत्‍सर्जन करते हैं. पर्यावरण सरंक्षण को बढ़ावा देने और कार्बन के उत्‍सर्जन को कम करने के लिए ही यह टैक्‍स लगाया जाता है. भारत ने भी 1 जुलाई, 2010 को कार्बन टैक्‍स लागू किया था, जो ऐसे उद्योगों पर लगाया जाता है जिनके उत्‍पादन से कार्बन डाई ऑक्‍साइड का उत्‍सर्जन होता है. भारत में प्रति मीट्रिक टन कार्बन पर 50 रुपये का टैक्‍स लगाया जाता है.

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