Last Updated:August 06, 2025, 12:28 IST
UTTRAKHAND CLOUD BURST: C-295MW इस वेट कैटेगरी में दुनिया के सबसे बेहतरीन ट्रांसपोर्ट विमानों में से एक है. राहत बचाव के लिए ये सबसे मुफीद एयरक्राफ्ट है. 60-70 के दशक में भारत ने अपने वायुसेना के बेड़े को मजबूत...और पढ़ें

हाइलाइट्स
C-295 अपने पहले रेस्क्यू मिशन पर शामिल होगा.उत्तरकाशी-हर्षिल का मौसम खराब, उड़ान का इंतजार.भारतीय वायुसेना को 16 C-295MW विमान मिल चुके हैं.UTTRAKHAND CLOUD BURST: हर्षिल के धराली में बादल फटने के बाद हुई तबाही के बाद राहत और बचाव का काम तेजी से चल रहा है. खराब मौसम के बावजूद आर्मी, BRO, NDRF, SDRF राहत और बचाव में जुटी हैं. भारतीय वायुसेना भी तैयार है, लेकिन अभी तक इस ऑपरेशन में शामिल नहीं हो सकी है. वजह है उत्तरकाशी-हर्षिल का बेहद खराब मौसम. घने कोहरे और बारिश के चलते ऊँचाई वाले इलाकों में उड़ान भरना मुश्किल है. इसलिए वायुसेना मौसम के ठीक होने का इंतजार कर रही है. मंगलवार दोपहर 1 बजकर 45 मिनट के करीब उत्तराखंड के हर्षिल के पास धराली गांव में बादल फटने के बाद से ही वायुसेना ने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी. फिलहाल बरेली में Mi 17 और ALH Mk-III, आगरा में An-32 और C-295 रात भर की तैयारी के बाद उड़ान भरने के लिए तैयार हैं. इसके अलावा सरसावा, चंडीगढ़ एयरबेस पर भी हेलिकॉप्टर मौसम खुलने का इंतजार कर रहे हैं. कुल मिलाकर वायुसेना के 2 चिनूक, 2 Mi-17V5, 2 चीता और एक ALH के साथ-साथ An-32 और C-295 भी ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. वायुसेना के ये सभी प्लेटफॉर्म राहत और बचाव में लंबे समय से हिस्सा लेते आ रहे हैं. लेकिन C-295 भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद पहली बार इस तरह के ऑपरेशन में शामिल किया जाएगा.
C-295 की खासियत
इस नए एयरक्राफ्ट की माल ढोने की क्षमता 5 से 10 टन की है, यानी लगभग 70 सैनिकों और पूरे बैटल लोड के साथ 50 पैराट्रूपर को आसानी से ले जा सकता है. इस एयरक्राफ्ट से सैनिक और कार्गो को पैरा ड्रॉप करने के लिए रीयर रैंप डोर भी है. इस एयरक्राफ्ट की खास बात यह है कि यह लो लेवल फ्लाइंग में माहिर है और इसे टैक्टिकल मिशन को अंजाम दे सकता है. यह एयरक्राफ्ट छोटे रनवे से लैंडिंग और टेकऑफ कर सकता है. टेकऑफ महज 670 मीटर से और लैंडिंग 320 मीटर के रनवे पर कर पाने की क्षमता है. चूंकि भारत और चीन से लगती पूरी एलएसी में यह एयरक्राफ्ट आसानी से ऑपरेट कर सकता है. 480 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है. इस एयरक्राफ्ट में स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट लगा हुआ है. मेडिकल इवेक्यूएशन ऑपरेशन के दौरान इस एयरक्राफ्ट में 24 स्ट्रेचर लगाए जा सकते हैं. फिलहाल C-295 आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर राहत और बचाव सामग्री लादे बचाव अभियानों के लिए तैयार है.
एयरफोर्स को मिल गए 16 C-295MW
भारत सरकार ने स्पेन से 56 नए C-295MW विमानों की खरीद का करार साल 2021 में किया था. खास बात यह है कि इसका निर्माण गुजरात के वडोदरा में किया जा रहा है और इसका पहला स्क्वाड्रन भी वहीं स्थापित किया गया है. डील के मुताबिक स्पेन से कुल 56 विमान भारतीय वायुसेना के लिए लिए जा रहे हैं, जिनमें से 16 विमान स्पेन से पूरी तरह तैयार होकर फ्लाई वे कंडीशन में भारत को मिलने थे. डील के मुताबिक सभी 16 C-295MW वायुसेना को डिलीवर हो चुके हैं. इसके अलावा बाकी 40 को लाइसेंस के तहत भारत में बनाया जा रहा है. अगले साल अगस्त-सितंबर में देश में बना पहला ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एयरफोर्स को मिलने की उम्मीद है. वडोदरा की इस फैसिलिटी का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और उद्घाटन के मौके पर स्पेन के राष्ट्रपति भी मौजूद थे. भारत में एयरबस का पार्टनर टाटा कंसॉर्टियम है. पहली बार कोई भारतीय प्राइवेट कंपनी मिलिटरी एयरक्राफ्ट भारत में बना रही है.
First Published :
August 06, 2025, 12:27 IST
C-295 अपने पहले रेस्क्यू मिशन पर शामिल होगा, मौसम खुलते ही भरेगा उड़ान