Last Updated:May 22, 2025, 11:32 IST
NCTE Guidelines, B.Ed Course: NCTE ने बीएड पाठ्यक्रम के लिए नया नियम लागू किया है, जिसके तहत बीएड की पढ़ाई अब सिर्फ बहुविषयक यानी मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेजों में होगी. NEP 2020 के तहत 2030 तक सभी बीएड कॉलेजों को ...और पढ़ें

NCTE Guidelines, B.Ed Course, Bed Admission: बीएड कोर्स को लेकर नियमों में बदलाव.
हाइलाइट्स
बीएड अब सिर्फ मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेजों में होगा.2030 तक सभी बीएड कॉलेजों को मल्टी-डिसिप्लिनरी बनना होगा.हर बीएड कोर्स में 50 छात्रों को दाखिला मिलेगा.NCTE Guidelines, B.Ed Course: राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE)ने बीएड पाठ्यक्रम को लेकर नया नियम लागू किया है. अब बीएड की पढ़ाई सिर्फ बहुविषयक यानी मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेजों में होगी. इसका मतलब है कि जो कॉलेज सिर्फ बीएड पढ़ाते हैं.उन्हें अब दूसरे डिग्री कॉलेजों के साथ मिलकर काम करना होगा. ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत हो रहे हैं,ताकि शिक्षा का ढांचा बेहतर और मजबूत हो सके.
New Guidelines: क्या है नए नियम?
एनसीटीई ने साफ कहा है कि बीएड अब सिर्फ उन कॉलेजों में पढ़ाया जाएगा,जो कई तरह के कोर्स चलाते हैं. अगर कोई बीएड कॉलेज 3 किलोमीटर के दायरे में किसी डिग्री कॉलेज के पास है तो उसे उसमें मिल जाना होगा. वहीं अगर कोई बीएड कॉलेज 10 किलोमीटर के दायरे में डिग्री कॉलेज के पास है तो दोनों को मिलकर बीएड की पढ़ाई करवानी होगी. हर बीएड कोर्स में 50 छात्रों को दाखिला मिलेगा. देश में 15,000 से ज्यादा बीएड कॉलेज हैं और इन्हें बहुविषयक बनने के लिए 2030 तक का समय दिया गया है.यानी अगले पांच साल में सारे बीएड कॉलेजों को इस नए ढांचे में ढलना होगा.
क्यों हो रहा है ये बदलाव?
ये सारे बदलाव NEP 2020 का हिस्सा हैं. नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा को चार हिस्सों में बांटा गया है:फाउंडेशन (5 साल),प्रीपरेटरी (3 साल),मिडिल (3 साल)और सेकंडरी (4 साल).ये ढांचा 3 से 18 साल के बच्चों के लिए है. इसका मकसद सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं,बल्कि बच्चों में कौशल और समझ विकसित करना है. बीएड पाठ्यक्रम में बदलाव भी इसी सोच का हिस्सा है,ताकि शिक्षक बेहतर तरीके से बच्चों को पढ़ा सकें.
बंद होने वाले कॉलेजों को राहत
कई बीएड कॉलेजों को छात्रों की कमी और पैसे की तंगी की वजह से बंद होने का डर था.अब एनसीटीई ने उन्हें राहत दी है. ऐसे कॉलेज अपने नजदीकी डिग्री कॉलेजों के साथ मिलकर पढ़ाई चला सकते हैं. दोनों कॉलेजों को एक समझौता करना होगा,जिसमें वे अपने शिक्षकों,क्लासरूम और दूसरी सुविधाओं को साझा करेंगे. इससे न सिर्फ कॉलेज बचेंगे बल्कि छात्रों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.
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क्या होगा फायदा?
ये बदलाव बीएड कॉलेजों और छात्रों के लिए फायदेमंद होंगे. बहुविषयक कॉलेजों में पढ़ाई से छात्रों को अलग-अलग विषयों की जानकारी मिलेगी,जिससे उनकी समझ बढ़ेगी. साथ ही कॉलेजों को भी संसाधनों की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा. ये कदम शिक्षा को और बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है.
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Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...और पढ़ें
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...
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